Fact Check: वोट देने भारत नहीं आए गूगल के CEO सुंदर पिचाई, पुरानी तस्वीर हो रही वायरल


नई दिल्ली (विश्वास टीम)। सोशल मीडिया पर गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई के भारत में मतदान किए जाने की खबर वायरल हो रही है। फेसबुक और ट्विटर पर किए जा रहे दावे के मुताबिक, गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई अपने मताधिकार का इस्तेमाल करने के लिए भारत आए।

विश्वास न्यूज की जांच में यह खबर गलत साबित होती है। सुंदर पिचाई की जिस तस्वीर का हवाला देते हुए यह दावा किया गया है, वह पुरानी तस्वीर है। भारतीय जन प्रतिनिधित्व कानून के मुताबिक दूसरे देश की नागरिकता ग्रहण कर चुके भारतीय मूल के नागरिकों को मतदान करने का अधिकार नहीं है।

क्या है वायरल पोस्ट में?

फेसबुक पर शेयर की गई पोस्ट में दावा किया गया है, ‘Google CEO Sundar Pichai came all the way from USA to cast his vote. A Great Inspiring Gesture From Him.’

इस पोस्ट को 19 अप्रैल को सुबह 7.36 मिनट पर शेयर किया गया। ट्विटर पर भी इस पोस्ट को कई यूजर्स ने शेयर किया है। यहां तक कि मेन स्ट्रीम मीडिया भी इस झांसे में आ गया। टीवी9 गुजराती के वेरिफाइड ट्विटर हैंडल पर इसे देखा जा सकता है।

पड़ताल

पड़ताल की शुरुआत हमने गूगल रिवर्स इमेज से की। रिवर्स इमेज से हमें पता चला कि जिस तस्वीर को पिचाई के भारत आकर मतदान किए जाने के दावे के साथ वायरल किया जा रहा है, वह करीब दो साल पुरानी है। सुंदर पिचाई के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से इस तस्वीर को 7 जनवरी 2017 को ट्वीट किया गया है।

दरअसल यह तस्वीर सुंदर पिचाई के आईआईटी खड़गपुर की यात्रा के दौरान की है। सुंदर पिचाई आईआईटी खड़गपुर के एल्युमिनाई है। पिचाई की भारत यात्रा की जानकारी आईआईडी खड़गपुर के एल्युमिनाई नेटवर्क पर देखी जा सकती है।

आईआईटी खड़गपुर के अल्युमिनाई नेटवर्क पर दी गई जानकारी के मुताबिक, पिचाई 5 जनवरी 2017 को आईआईटी खड़गपुर के कार्यक्रम में शामिल हुए थे। बतौर गूगल सीईओ यह उनकी पहली यात्रा थी। आईआईटी खड़गपुर के मुताबिक, पिचाई 93 बैच के बीटेक के छात्र हैं।

सुंदर पिचाई का जन्म तमिलनाडु के मदुरै में हुआ। चुनाव आयोग की अधिसूचना के मुताबिक, पहले चरण का मतदान 11 अप्रैल को हुआ और इस दौरान तमिलनाडु की किसी भी सीट पर वोटिंग नहीं हुई।

यानी जिस तस्वीर को पिचाई के भारत में मतदान किए जाने के दावे के साथ वायरल किया गया, वह तस्वीर पुरानी है।

ब्लूमबर्ग प्रोफाइल के मुताबिक, बीई की डिग्री लेने के बाद उन्होंने एमबीए की पढ़ाई यूनिवर्सिटी ऑफ पेन्सिलवेनिया और एमएस की पढ़ाई स्टैनफर्ड यूनिवर्सिटी से पूरी की। 2004 में उन्होंने गूगल ज्वाइन किया।

NDTV और अन्य रिपोर्ट्स के मुताबिक, सुंदर पिचाई अब अमेरिका के नागरिक हैं और भारतीय जनप्रतिनिधित्व कानून, 1950 के तहत विदेशी नागरिकता ले चुका कोई व्यक्ति भारत में मताधिकार का इस्तेमाल नहीं कर सकता है। भारत में मतदान करने की योग्यता के बारे में संबंधित प्रावधानों को यहां देखा जा सकता है।

निष्कर्ष: विश्वास न्यूज की पड़ताल में यह खबर गलत साबित होती है। सुंदर पिचाई मतदान के लिए भारत नहीं आए थे, बल्कि इस दावे के साथ वायरल की गई तस्वीर करीब दो साल पुरानी है।

पूरा सच जानें…

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Symbols that define nature of fake news
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