नई दिल्ली (विश्वास टीम)। सोशल मीडिया पर एक फोटो वायरल हो रही है जिसमें पूर्व भारतीय क्रिकेटर और पूर्वी दिल्ली से भारतीय जनता पार्टी के लोक सभा उम्मीदवार गौतम गंभीर को बिंदी लगाए और दुपट्टा ओढ़े देखा जा सकता है. फोटो में दावा किया गया है कि यह उन्होंने चुनाव प्रचार के दौरान किया. हमारी पड़ताल में हमने पाया कि यह दावा गलत है. यह तस्वीर लगभग 8 महीने पुरानी है और तब गौतम गंभीर किन्नर समाज के प्रति अपना समर्थन जता रहे थे.
Claim
फोटो में गौतम गंभीर दुपट्टा ओढ़े और बिंदी लगाए नज़र आ रहे हैं और उसके ऊपर लिखा है “यह चुनाव जीतने की लालसा पता नहीं क्या-क्या करा दे भाजपाइयों से…. मिशन गौतम गंभीर”. इस फोटो के साथ डिस्क्रिप्शन लिखा है “अब इसको क्या कहोगे। इतना कौन गिरता है बे.”
Fact Check
हमारी पड़ताल को शुरू करने के लिए हमने सबसे पहले इस फोटो का स्क्रीनशॉट लिया और उसे गूगल रिवर्स इमेज पर सर्च किया. इसी दौरान हमारे हाथ 14 सितंबर 2018 को फाइल की गई आज तक वेबसाइट की एक स्टोरी लगी. इस स्टोरी में इस तस्वीर का इस्तेमाल किया गया था. इस स्टोरी के अनुसार, क्रिकेटर गौतम गंभीर किन्नर समाज के प्रति अपना समर्थन जताने के लिए इस रूप में दिखे थे. आपको बता दें कि गौतम गंभीर ने बीजेपी 22 मार्च, 2019 को ज्वाइन की थी.
हमने अपनी पड़ताल को आगे बढ़ाया और पाया कि असल में 11 सितम्बर 2018 को गौतम गंभीर किन्नर समुदाय के समर्थन में आयोजित एक कार्यक्रम- हिजड़ा हब्बा के उद्घाटन समारोह में गए थे. इसी कार्यक्रम के दौरान किन्नरों ने उन्हें अपनी वेशभूषा में तैयार किया. उसी समय की यह तस्वीर चर्चा का विषय बन गईं.
गंभीर ने पिछले वर्ष रक्षाबंधन पर भी कुछ तस्वीरें सोशल मीडिया पर शेयर की थीं, जिसमें वो किन्नरों से राखी बंधवाते दिखे थे. इस ट्वीट में गंभीर ने लिखा था, ‘ये मर्द या औरत होने की बात नहीं है. ये इंसान होने की बात है.’
इस सिलसिले में हमने बीजेपी के अमित मालवीया से भी बात की जिन्होंने भी कन्फर्म किया कि यह तस्वीर पुरानी है.
इस पोस्ट को Hilal Yusuf नाम के एक फेसबुक यूजर ने Friends Who Like Kanhaiya Kumar JNU नाम के एक पेज पर शेयर किया था. इस पेज के कुल 33,499 फॉलोअर्स हैं.
निष्कर्ष: हमारी पड़ताल में हमने पाया कि वायरल हो रही तस्वीर में किया जा रहा दावा गलत है. गौतम गंभीर की यह तस्वीर उनके पॉलिटिक्स ज्वाइन करने से पहले की है. वे किन्नर वेशभूषा में वोट नहीं मांग रहे, बल्कि किन्नर समाज के प्रति अपना समर्थन जाता रहे थे.
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