Fact Check : 2014 से वायरल तस्‍वीर को अब बिहार की शराबबंदी से जोड़कर किया जा रहा है वायरल

विश्‍वास न्‍यूज की जांच में वायरल पोस्‍ट फर्जी साबित हुई। 2014 से इंटरनेट पर वायरल हो रही तस्‍वीर को अब कुछ लोग बिहार से जोड़कर वायरल कर रहे हैं।

नई दिल्‍ली (Vishvas News)। सोशल मीडिया में एक तस्‍वीर तेजी से वायरल हो रही है। इसमें पांच युवकों को अपने शरीर पर कुछ बोतलों को चिपकाए हुए देखा जा सकता है। यूजर्स इस तस्‍वीर को बिहार का बताकर वायरल कर रहे हैं। दावा किया जा रहा है कि बिहार के मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार के राज में इस तरह से शराब की होम डिलीवरी की जाती है।

विश्‍वास न्‍यूज ने वायरल पोस्‍ट की पड़ताल की। हमें पता चला कि तस्‍वीर 2014 से इंटरनेट पर मौजूद है। उस वक्‍त बिहार में न तो नीतीश कुमार मुख्‍यमंत्री थे और ना ही राज्‍य में शराबबंदी लागू हुई थी। जांच में वायरल पोस्‍ट फर्जी साबित हुई।

क्‍या हो रहा है वायरल

फेसबुक यूजर जितेंद्र कुमार शर्मा ने 19 अगस्‍त को शाम 4:27 बजे एक तस्‍वीर को अपलोड किया। साथ में दावा किया : ‘कौन कहता है कि बिहार में कुकर्मी कुमार के शासनकाल में रोजगार नहीं मिला रोजगार तो इतना अच्छा मिला मित्रों की आपको घर से निकलने का मौका ही नहीं मिलेगा तो घर पर समान मिलता रहेगा दारू बंद है होम डिलीवरी चालू है।’

फेसबुक पोस्‍ट का आर्काइव्‍ड लिंक देखें।

पड़ताल

विश्‍वास न्‍यूज ने सबसे पहले वायरल पोस्‍ट को गूगल रिवर्स इमेज टूल में अपलोड करके सर्च किया। टाइम लाइन टूल के माध्‍यम से सबसे पुरानी तस्‍वीर हमें 26 सितंबर 2014 की मिली। तस्‍वीर को That Gaon Guy नाम के एक ट्विटर हैंडल से ट्वीट की गई थी। इसमें अंग्रेजी में How not to smuggle alcohol from Goa लिखा था।

इसके बाद हमें अब यह जानना था कि सितंबर 2014 में बिहार का मुख्‍यमंत्री कौन था। www.elections.in साइट के माध्‍यम से हमें पता चला कि 20 मई 2014 से लेक 22 फरवरी 2015 तक प्रदेश के मुख्‍यमंत्री जीतन राम मांझी थे। वायरल हो रही सबसे पुरानी तस्‍वीर भी इसी दौरान की है। उस वक्‍त तक बिहार में शराबबंदी जैसी कोई बात नहीं थी।

अब हमें यह जानना था कि बिहार में शराबबंदी कानून कब से लागू हुआ। मीडिया रिपोर्टस के मुताबिक, बिहार ने 5 अप्रैल 2016 से पूरे प्रदेश में शराबबंदी कानून लागू कर दिया था। जागरण डॉट कॉम में पब्लिश खबर को आप यहां पढ़ सकते हैं।

पड़ताल के अगले चरण में हम बिहार की राजधानी पटना पहुंचे। जागरण डॉट कॉम के बिहार के प्रभारी अमित आलोक ने हमें बताया कि वायरल तस्‍वीर का शराबबंदी से कोई संबंध नहीं है। यह तस्‍वीर बिहार की है भी नहीं।

अंत में हमने फर्जी पोस्‍ट को वायरल करने वाले की जांच की। हमें पता चला कि फेसबुक यूजर जितेंद्र कुमार शर्मा पटना के रहने वाले हैं।

निष्कर्ष: विश्‍वास न्‍यूज की जांच में वायरल पोस्‍ट फर्जी साबित हुई। 2014 से इंटरनेट पर वायरल हो रही तस्‍वीर को अब कुछ लोग बिहार से जोड़कर वायरल कर रहे हैं।

False
Symbols that define nature of fake news
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