Fact Check : इंदौर पुलिस की ओर से नहीं शुरू की गई फ्री सवारी योजना, फेक है मैसेज

विश्‍वास न्‍यूज की जांच में इंदौर पुलिस के नाम पर वायरल मैसेज फर्जी निकला। इंदौर पुलिस की ओर से ऐसी कोई सेवा शुरू नहीं की गई है।

विश्‍वास न्‍यूज (नई दिल्‍ली)। सोशल मीडिया में इंदौर पुलिस के नाम से एक फर्जी मैसेज वायरल हो रहा है। इसमें दावा किया जा रहा है कि इंदौर पुलिस ने महिलाओं के लिए फ्री सवारी योजना शुरू की है। इसमें कोई भी महिला घर जाने के लिए पुलिस हेल्‍पलाइन नंबर पर कॉल कर सकती है। पुलिस की गाड़ी संबंधित महिला को सुरक्षित घर तक पहुंचाएगी।

विश्‍वास न्‍यूज ने वायरल पोस्‍ट की जांच की। पड़ताल में यह पोस्‍ट फर्जी निकली। इंदौर पुलिस ने ऐसी कोई योजना शुरू नहीं की है।

क्‍या हो रहा है वायरल

फेसबुक यूजर शैलेंद्र जैन ने 12 मार्च को एक पोस्‍ट में दावा किया : ‘इंदौर पुलिस प्रशासन की अनोखी पहल महिलाओं के लिए…पुलिस ने मुफ्त सवारी योजना शुरू की हैं, जहाँ कोई भी महिला जो अकेली हैं और रात 10 बजे से सुबह 6 बजे के बीच घर जाने के वाहन नहीं ढूंढ पा रही हैं, वह पुलिस हेल्पलाइन नंबर (1091 और* *7837018555) पर कॉल कर सकती हैं और वाहन के लिए अनुरोध कर सकती हैं। वे 24×7 काम करेंगे। नियंत्रण कक्ष वाहन या पास के पीसीआर वाहन/ एसएचओ वाहन उसे सुरक्षित रूप से उसके लिए गंतव्य तक पहुंचाएगा। यह मुफ्त किया जाएगा। इस संदेश को आप अपने दोस्त,रिश्तेदारों,आस पड़ोसियों ओर जानने वालों को अधिक से अधिक लोगो तक पहुँचाए। खबर पर नजर।’

फेसबुक पोस्‍ट का आर्काइव्‍ड वर्जन यहां देखें।

पड़ताल

विश्‍वास न्यूज ने सबसे पहले इंदौर पुलिस के नाम से वायरल मोबाइल नंबर 7837018555 पर कॉल किया। हमें इस नंबर से जानकारी दी गई कि यह नंबर लुधियाना का हेल्‍पलाइन नंबर है।

पड़ताल को आगे बढ़ाते हुए विश्‍वास न्‍यूज ने मोबाइल नंबर 7837018555 को गूगल सर्च में अपलोड करके खोजना शुरू किया। हमें हिंदुस्‍तान टाइम्‍स की वेबसाइट पर पब्लिश एक खबर मिली। 1 दिसंबर 2019 को पब्लिश इस खबर में बताया गया कि लुधियाना में महिलाओं के लिए पुलिस ने नाइट पिक एंड ड्रॉप सेवा शुरू की। वायरल नंबर हमें इस खबर में मिला। मतलब साफ था कि जिस नंबर को इंदौर का बताकर वायरल किया गया, वह लुधियाना का है।

जांच को आगे बढ़ाते हुए विश्‍वास न्‍यूज ने इंदौर पुलिस के वॉट्सऐप नंबर 7049124445 पर संपर्क किया। इस नंबर पर वायरल पोस्‍ट को शेयर किया। हमें बताया कि वायरल मैसेज फेक है। इस पर भरोसा न करें।

इसके बाद विश्‍वास न्‍यूज ने एएसपी (मुख्यालय) मनीषा पाठक सोनी से संपर्क किया। उन्‍होंने बताया कि यह योजना लुधियाना की है। फिलहाल इंदौर में इस तरह की कोई भी योजना नहीं चल रही है।

पड़ताल के अंतिम चरण में विश्‍वास न्‍यूज ने फर्जी पोस्‍ट करने वाले यूजर की जांच की। हमें पता चला कि फेसबुक यूजर शैलेंद्र जैन मध्‍य प्रदेश के इंदौर के रहने वाले हैं। इन्‍होंने यह अकाउंट जुलाई 2013 को बनाया था।

निष्कर्ष: विश्‍वास न्‍यूज की जांच में इंदौर पुलिस के नाम पर वायरल मैसेज फर्जी निकला। इंदौर पुलिस की ओर से ऐसी कोई सेवा शुरू नहीं की गई है।

False
Symbols that define nature of fake news
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