विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि बीजेपी को समर्थन देते हुए पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के नाम पर वायरल बयान गलत है और न ही बीजेपी की तरफ से ऐसा कोई पोस्टर जारी किया गया है। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने इस तरह का कोई बयान नहीं दिया है। दुष्प्रचार की मंशा से मनगढ़ंत बयान को शेयर किया जा रहा है।
विश्वास न्यूज (नई दिल्ली)। आगामी लोकसभा चुनाव से पहले पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के नाम पर एक पोस्टर तेजी से शेयर हो रहा है, जिसे देखकर ऐसा प्रतीत हो रहा है कि यह भारतीय जनता पार्टी का चुनावी पोस्टर है। इस पोस्ट में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह बीजेपी को वोट देने की अपील करते हुए नजर आ रहे हैं।
विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि वायरल पोस्ट में किया जा रहा दावा गलत है। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने इस तरह का कोई बयान नहीं दिया है और न ही बीजेपी की तरफ से ऐसा कोई पोस्टर जारी किया गया है। दुष्प्रचार की मंशा से मनगढ़ंत बयान को शेयर किया जा रहा है।
फेसबुक यूजर ‘अनील कुमार’ Anil Kumar ने 2 अक्टूबर 2023 को वायरल पोस्ट को शेयर करते हुए कैप्शन में लिखा है, “आओ फिर से बटन दबाए और..भाजपा सरकार को और मजबूती से लाए।”
पोस्ट पर मनमोहन सिंह की तस्वीर के साथ लिखा हुआ है, “मैं लाचार था पर आप नहीं हो| कमल का बटन दबाओ, भाजपा की सरकार लाओ।”
पोस्ट के आर्काइव लिंक को यहां पर देखें।
वायरल दावे की सच्चाई जानने के लिए हमने गूगल पर संबंधित कीवर्ड्स की मदद से सर्च किया। हमें दावे से जुड़ी कोई विश्वसनीय न्यूज रिपोर्ट नहीं मिली। जांच के समय हमें ऐसी कई रिपोर्ट्स मिली, जिनमें बताया गया है कि मनमोहन सिंह ने मोदी सरकार पर तंज कसा है या फिर उनकी आलोचना की है।
एनडीटीवी पर 2 मार्च 2021 को प्रकाशित एक रिपोर्ट के मुताबिक, “पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह ने केंद्र सरकार पर करारा प्रहार करते हुए कहा कि 2016 में मोदी सरकार द्वारा बगैर सोच-विचार के लिए गए नोटबंदी के फैसले के चलते देश में बेरोजगारी चरम पर है और अनौपचारिक क्षेत्र खस्ताहाल है। उन्होंने राज्यों से नियमित रूप से परामर्श नहीं करने को लेकर भी केंद्र की (प्रधानमंत्री) नरेंद्र मोदी सरकार की आलोचना की।
इंडिया टीवी की वेबसाइट पर 19 फरवरी 2020 को प्रकाशित एक रिपोर्ट के मुताबिक, “अर्थव्यवस्था की स्थिति को लेकर मोदी सरकार को सवालों के घेरे में लेते हुए पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने बुधवार को कहा कि मौजूदा सरकार “मंदी” शब्द को स्वीकार ही नहीं करती और वास्तविक खतरा यह है कि यदि समस्याओं की पहचान नहीं की गई तो सुधारात्मक कार्रवाई के लिए विश्वसनीय हल का पता लगाए जाने की संभावना नहीं है।”
पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह सोशल मीडिया पर नहीं हैं। ऐसे में हमने कांग्रेस के सोशल मीडिया अकाउंट्स को खंगालना शुरू किया। हमें दावे से जुड़ी कोई पोस्ट नहीं मिली। सोचने वाली बात है कि अगर सच में मनमोहन सिंह ने ऐसा कोई बयान दिया होता, तो इस पर कांग्रेस की तरफ से कोई न कोई प्रतिक्रिया दी गई होती। हमने बीजेपी के भी सोशल मीडिया अकाउंट्स को खंगाला। हमें वहां पर यह पोस्टर नहीं मिला।
पड़ताल के दौरान हमने पाया कि यह बयान साल 2019 से सोशल मीडिया पर वायरल है। मई 2019 में शेयर की हुई कई पोस्ट हमें ट्विटर और फेसबुक मिली।
अधिक जानकारी के लिए हमने कांग्रेस प्रवक्ता अभिमन्यु त्यागी से संपर्क किया। उन्होंने हमें बताया, “वायरल पोस्ट में किया जा रहा दावा गलत है। मनमोहन सिंह ने इस तरह का कोई बयान नहीं दिया है। विपक्षी दल जानबूझकर मनमोहन सिंह और कांग्रेस पार्टी की छवि को खराब करने के लिए इस तरह के मनगढ़ंत बयान वायरल कर रहे हैं।”
अंत में हमने पोस्ट को गलत दावे के साथ शेयर करने वाले यूजर के अकाउंट को स्कैन किया। हमने पाया कि यूजर को 5,117 लोग फॉलो करते हैं। यूजर ने प्रोफाइल पर खुद को मुजफ्फरनगर का रहने वाला बताया है।
निष्कर्ष : विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि बीजेपी को समर्थन देते हुए पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के नाम पर वायरल बयान गलत है और न ही बीजेपी की तरफ से ऐसा कोई पोस्टर जारी किया गया है। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने इस तरह का कोई बयान नहीं दिया है। दुष्प्रचार की मंशा से मनगढ़ंत बयान को शेयर किया जा रहा है।
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