Fact Check: दिल्ली दंगों पर बीबीसी की रिपोर्ट त्रिपुरा सांप्रदायिक हिंसा के नाम पर गलत दावे से वायरल

दिल्ली दंगों के बाद की बीबीसी इंडिया की ग्राउंड रिपोर्टिंग के वीडियो को त्रिपुरा सांप्रदायिक हिंसा का बताकर गलत दावे के साथ वायरल किया जा रहा है।

नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एक वीडियो को लेकर दावा किया जा रहा है कि यह त्रिपुरा में हुई सांप्रदायिक हिंसा से संबंधित है। वीडियो में अलग-अलग स्थानों पर पुलिस और उन्मादियों के बीच हुई झड़प के साथ ही दंगों के बाद संपत्ति को हुए नुकसान के साथ देखा जा सकता है। वीडियो में कई पुलिसकर्मियों को कुछ युवाओं की निर्ममतापूर्वक पिटाई करते हुए देखा जा सकता है।

विश्वास न्यूज की जांच में यह दावा गलत निकला। वायरल हो रहा वीडियो त्रिपुरा से संबंधित नहीं है, बल्कि दिल्ली में हुए दंगों से संबंधित है, जिसे त्रिपुरा के नाम पर गलत और भड़काऊ दावे के साथ शेयर किया जा रहा है।

क्या है वायरल पोस्ट में?

सोशल मीडिया यूजर ‘Khadim Raja Khan Taji’ ने वायरल वीडियो को शेयर करते हुए लिखा है, ”त्रिपुरा दंगे पर दलाल मीडिया ने कुछ नहीं बताया मगर बीबीसी न्यूज़ ने सारी पोल खोल कर रख दीBBC news#”

सोशल मीडिया के अलग-अलग प्लेटफॉर्म पर भी कई अन्य यूजर्स ने इस वीडियो को समान और मिलते-जुलते दावे के साथ शेयर किया है। ट्विटर पर भी कई अन्य यूजर्स ने इस वीडियो को समान दावे के साथ त्रिपुरा का बताते हुए शेयर किया है।

https://twitter.com/W5Zsx01xJ5K8Vn0/status/1455210086708572165
https://twitter.com/nadim1982/status/1455471341755371528

पड़ताल

वीडियो पर बीबीसी का लोगो लगा नजर आ रहा है और घटना की रिपोर्टिंग कर रही पत्रकार को यह साफ कहते हुए सुना जा सकता है कि यह रिपोर्ट दिल्ली दंगों से संबंधित है।

सर्च में हमें यह वीडियो बीबीसी न्यूज इंडिया के वेरिफाइड ट्विटर प्रोफाइल पर अपलोड किया हुआ मिला।

https://twitter.com/BBCIndia/status/1234754454072639488

तीन मार्च 2020 को अपलोड किए गए वीडियो बुलेटिन के साथ दी गई जानकारी के मुताबिक, यह रिपोर्ट दिल्ली में हुए दंगों से संबंधित है। यह रिपोर्ट दंगों के बाद की ग्राउंड रिपोर्ट है। वीडियो बुलेटिन में रिपोर्टर को साफ-साफ दिल्ली और दिल्ली पुलिस के बारे में बोलते हुए सुना जा सकता है। तीन मिनट 20 सेकेंड के इसी वीडियो बुलेटिन के एक हिस्से को एडिटिंग की मदद से अलग कर त्रिपुरा सांप्रदायिक हिंसा के नाम से वायरल किया जा रहा है।

हमारे सहयोगी दैनिक जागरण में रिपोर्टर शुजाउद्दीन ने इन दंगों की रिपोर्टिंग की थी। उन्होंने इसकी पुष्टि करते हुए कहा, ‘वायरल हो रहा वीडियो दिल्ली दंगों की रिपोर्टिंग से संबंधित है।’ बीबीसी हिंदी के न्यूजरूम में काम करने वाले एक पत्रकार ने भी बताया कि यह रिपोर्ट दिल्ली दंगों से संबंधित है।

गौरतलब है कि त्रिपुरा में हुई सांप्रदायिक हिंसा के बाद त्रिपुरा पुलिस के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से जारी वीडियो अपील में लोगों से फेसबुक और ट्विटर पर किसी तरह का अफवाह नहीं फैलाने की अपील की गई है। हालांकि, इसके बावजूद सोशल मीडिया पर भ्रामक या गलत दावे के साथ वीडियो और तस्वीरों को साझा किए जाने की प्रवृत्ति में कमी नहीं आई है।

विश्वास न्यूज की वेबसाइट पर त्रिपुरा से जुड़ी अन्य फैक्ट चेक रिपोर्ट्स को पढ़ा जा सकता है।

वायरल वीडियो को गलत दावे के साथ शेयर करने वाले यूजर को फेसबुक पर करीब 200 से अधिक लोग फॉलो करते हैं। उनकी यह प्रोफाइल फरवरी 2016 के बाद से सक्रिय है।

निष्कर्ष: दिल्ली दंगों के बाद की बीबीसी इंडिया की ग्राउंड रिपोर्टिंग के वीडियो को त्रिपुरा सांप्रदायिक हिंसा का बताकर गलत दावे के साथ वायरल किया जा रहा है।

False
Symbols that define nature of fake news
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