विश्वास न्यूज की पड़ताल में वायरल पोस्ट फर्जी साबित हुई़। राजस्थान की भाजपा सरकार के वक्त स्कूली किताब में महाराणा प्रताप को लेकर जो बदलाव हुए थे, उससे जुड़ी खबर को अब कुछ लोग कांग्रेस सरकार से जोड़ते हुए वायरल कर रहे हैं।
नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। सोशल मीडिया के विभिन्न प्लेटफॉर्म जैसे फेसबुक, ट्विटर, वॉट्सऐप पर अखबार की एक कटिंग काफी वायरल हो रही है। महाराणा प्रताप से जुड़ी इस खबर को लेकर दावा किया जा रहा है कि राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार ने सही इतिहास पढ़ाने के लिए किताबों में बदलाव किया है। जिसमें हल्दीघाटी की जंग को अकबर ने नहीं, बल्कि महाराणा प्रताप ने जीता था।
सोशल मीडिया यूजर्स इसे शेयर करते हुए कांग्रेस की गहलोत सरकार को धन्यवाद कह रहे हैं। विश्वास न्यूज ने वायरल पोस्ट की जांच की। यह फर्जी निकली। वायरल न्यूज लगभग 5 साल पुरानी है। उस वक्त राजस्थान में कांग्रेस की नहीं, बल्कि बीजेपी की वसुंधरा राजे की सरकार थी।
फेसबुक यूजर प्रदीप हिन्दू बरवाला ने 6 मई को एक पेपर की कटिंग को पोस्ट करते हुए लिखा है : “इसके लिए कांग्रेस सरकार बधाई की पात्र है। हमारा इतिहास सही से पढ़ाने की आवश्यकता है। धन्यवाद गहलोत साहब”
पोस्ट में इस्तेमाल की गई अखबार की कटिंग में लिखा है : “राजस्थान की धारा पर 441 साल पूर्व जो भीषण युद्ध हुआ था उसे आजतक बेनतीजा माना जा रहा था, पर अब राजस्थान सरकार इस युद्ध का परिणाम बदलने जा रही है। सन 1576 में हुए इस भीषण युद्ध में महाराणा प्रताप ने अकबर को नाकों चने चबाने पर मजबूर किया था और अंत में युद्ध जीता था। यह दावा राजस्थान सरकार ने किया है। इस दावे के पीछे सरकार ने इतिहासकार डॉ चन्द्रशेखर शर्मा के ताजा शोध का हवाला दिया है।”
कई अन्य यूजर्स ने भी इस पेपर कटिंग को मिलते-जुलते दावे के साथ शेयर किया है। फैक्ट चेक के उद्देश्य से फेसबुक पोस्ट के तथ्य को हूबहू लिखा गया है। इसके आर्काइव वर्जन को यहां देखा जा सकता है।
विश्वास न्यूज ने वायरल पोस्ट की सच्चाई जानने के लिए सबसे पहले पेपर कटिंग में किए जा रहे दावों को कीवर्ड्स बनाकर सर्च शुरू किया। कीवर्ड ‘राजस्थान सरकार ने 441 साल पुराने महाराणा प्रताप का इतिहास बदला’ के साथ गूगल में सर्च करने पर हमें विभिन्न मीडिया प्लेटफार्म पर वायरल दावों से संबंधित रिपोर्ट मिली।
31 अगस्त 2017 को पत्रिका डॉट कॉम पर पब्लिश एक रिपोर्ट में बताया गया : राजस्थान में 441 साल पूर्व भीषण युद्ध हुआ उसे आज तक बेनतीजा माना जाता रहा। 1576 में हुए इस युद्ध में महाराणा प्रताप ने अकबर को नाकों चने चबाने पर मजबूर किया। अंत में प्रताप ने युद्ध जीता था। यह दावा राजस्थान सरकार का है। इसके पीछे इतिहासकार डॉ. चन्द्रशेखर शर्मा के शोध का हवाला है। डॉ. शर्मा ने युद्ध पर शोध किया और सबूतों के आधार पर प्रताप को विजेता बताया है।’ यह ही कंटेंट वायरल पोस्ट में भी लिखा हुआ था, जबकि 2017 में राजस्थान में कांग्रेस की सरकार नहीं थी। पूरी खबर यहां पढ़ें।
सर्च के दौरान बीबीसी डॉट कॉम पर भी हमें एक खबर मिली। इसे 26 जुलाई 2017 को पब्लिश किया गया था। इसमें बताया गया कि राजस्थान में बोर्ड के स्कूल की किताबों में बदलाव करते हुए हल्दीघाटी की लडाई में महाराणा प्रताप को विजेता दिखाया गया है। पूरी खबर यहां पढ़ें।
इसी तरह जनसत्ता डॉट कॉम पर भी हमें एक खबर मिली। 25 जुलाई 2017 की इस खबर में बताया गया कि राजस्थान में वंसुधरा राजे सरकार के तीन मंत्रियों के समर्थन के बाद 10वीं की सोशल साइंस की नई किताब में हल्दीघाटी युद्ध का इतिहास बदल दिया है। पूरी खबर यहां पढ़ें।
गौरतलब है कि 21 जनवरी 2014 से लेकर 12 दिसंबर 2018 तक राजस्थान में भाजपा की सरकार थी। उस वक्त मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे थीं। यह जानकारी राजस्थान विधानसभा की वेबसाइट पर देखी जा सकती है।
सर्च के दौरान हमें पत्रिका डॉट कॉम पर एक खबर मिली। 30 जून 2020 को पब्लिश इस खबर में बताया गया कि प्रदेश की 10वीं कक्षा के पाठ्यक्रम में महाराणा प्रताप से जुड़े संस्करण में हुए बदलाव के बाद पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने भी इस मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए गहलोत सरकार की कार्यशैली पर सवाल उठाए। खबर में आगे बताया गया कि गहलोत सरकार ने मौजूदा पाठ्यक्रम में कुछ बदलाव किए, जिसमें बताया गया है कि हल्दीघाटी के युद्ध में महाराणा प्रताप अकबर के खिलाफ लड़े तो थे पर युद्ध जीत नहीं पाए थे। वहीं, पिछली बीजेपी सरकार ने 2017 में सिलेबस में बदलाव करते हुए बताया था कि महाराणा प्रताप की सेना ने हल्दीघाटी के युद्ध में अकबर पर विजय प्राप्त की थी। पूरी खबर यहां पढ़ें।
विश्वास न्यूज ने अधिक जानकारी के लिए राजस्थान के दैनिक जागरण ब्यूरो प्रमुख नरेंद्र शर्मा से संपर्क कर उनके साथ वॉट्सऐप के माध्यम वायरल पेपर कटिंग उनके साथ शेयर किया। उन्होंने हमें बताया कि यह खबर वर्ष 2017 की है, जब बीजेपी सरकार ने पाठ्यक्रम में बदलाव किया गया था। 2018 में कांग्रेस के सरकार बनने के बाद फिर से 2020 में पाठ्यक्रम बदलकर पहले वाली स्थिति में कर दिया गया है।
राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के पब्लिक रिलेशन ऑफिसर राजेश गुप्ता ने विश्वास न्यूज को बताया कि आखिरी बार आज से दो साल पहले ही बदलाव हुए हैं। हाल-फिलहाल में कोई बदलाव नहीं हुआ है।
विश्वास न्यूज ने पड़ताल के अंत में पुरानी पेपर कटिंग को भ्रामक दावे के साथ वायरल करने वाले फेसबुक यूजर की जांच की। सोशल स्कैनिंग में पता चला कि यूजर हरियाणा के हिसार का रहने वाला है। यूजर हरियाणा पुलिस में कार्यरत है।
निष्कर्ष: विश्वास न्यूज की पड़ताल में वायरल पोस्ट फर्जी साबित हुई़। राजस्थान की भाजपा सरकार के वक्त स्कूली किताब में महाराणा प्रताप को लेकर जो बदलाव हुए थे, उससे जुड़ी खबर को अब कुछ लोग कांग्रेस सरकार से जोड़ते हुए वायरल कर रहे हैं।
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