Fact Check: फारूक अब्दुल्ला के “भारत माता की जय” के नारे वाला वीडियो अमित शाह के गृह मंत्री बनने के बाद का नहीं

नई दिल्ली (विश्वास टीम)। सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला किसी कार्यक्रम में ‘भारत माता की जय’ के नारे लगाते हुए देखे जा सकते हैं। दावा किया जा रहा है कि अमित शाह के गृह मंत्री बनने के बाद फारूक अब्दुल्ला ने ”भारत माता की जय” के नारे लगाने शुरू कर दिए। विश्वास न्यूज की पड़ताल में वायरल हो रहा दावा गलत साबित होता है।

क्या है वायरल पोस्ट में ?

फेसबुक पर इस वीडियो को सुनील गोयल (Sunil.Goyal) के पेज से शेयर किया गया है। वीडियो के साथ लिखा हुआ है, ‘अमित शाह गृह मंत्री बनते ही.. फारुख अब्दुल्ला की पहली प्रतिक्रिया..👇 असर शुरू।’

पड़ताल

पड़ताल में हमें पता चला कि सोशल मीडिया पर फारूक अब्दुल्ला का यह वीडियो बेहद तेजी से वायरल हुआ है। फेसबुक पर इसे सैंकड़ों यूजर्स ने समान दावे के साथ शेयर किया है।

ट्विटर पर भी फारुक अब्दुल्ला के इस वीडियो को समान दावे के साथ वायरल किया गया।

जिस कार्यक्रम में फारूक अब्दुल्ला ने ”भारत माता की जय” के नारे लगाए, उस कार्यक्रम की अगली पंक्ति में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, अमित शाह, राजनाथ और बीजेपी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत के साथ कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद को देखा जा सकता है।

करीब 30 सेकेंड के इस वायरल वीडियो क्लिप में फारूक अब्दुल्ला जोर-जोर से ”भारत माता की जय” और ”जय हिंद” का नारा लगाते हुए अपनी बात खत्म करते हैं।

रिवर्स इमेज से हमें पता चला कि अब्दुल्ला का वायरल हो रहा वीडियो करीब दस महीने पुराना है। देश के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के देहावसान के बाद 20 अगस्त 2018 को नई दिल्ली के इंदिरा गांधी स्टेडियम में उनकी याद में सर्वदलीय प्रार्थना सभा का आयोजन किया गया था। देश के सभी राजनीतिक दलों के नेताओं और कार्यकर्ताओं के अलावा अन्य धर्मों के धर्मावलंबी भी इस आयोजन में शामिल हुए थे।

राष्ट्रीय प्रसारक दूरदर्शन ने इस पूरे कार्यक्रम का लाइव प्रसारण किया था। डीडी न्यूज के आधिकारिक यू-ट्यूब चैनल पर 20 अगस्त 2018 को अपलोड किए गए वीडियो में इस पूरे कार्यक्रम को देखा जा सकता है।

https://www.youtube.com/watch?v=dKGd7-n7syM&feature=youtu.be

प्रार्थना सभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमित शाह एक साथ पहुंचे थे और सभा को सबसे पहले नरेंद्र मोदी ने ही संबोधित किया। नरेंद्र मोदी के बाद अटल बिहारी वाजपेयी के दोस्त और सहयोगी लाल कृष्ण आडवाणी ने सभा को संबोधित किया था। संबोधन के दौरान भावुक होते हुए आडवाणी ने कहा, ‘सोचा न था कि अटल जी के बिना सभा संबोधित करनी पड़ेगी।’ आडवाणी के बाद सभा संघ प्रमुख मोहन भागवत, तत्कालीन गृह मंत्री राजनाथ सिंह, गुलाम नबी आजाद और राम विलास पासवान ने संबोधित किया।

पासवान के बाद धर्मावलंबी स्वामी अवधेशानंद ने इस सभा को संबोधित किया। उनके बाद क्रमश: अन्नाद्रमुक के नेता और लोकसभा के तत्कालीन डिप्टी स्पीकर थंबीदुरई और राज्यसभा के डिप्टी चेयरमैन हरिवंश ने संबोधित किया।

इसके बाद बारी आई फारूक अब्दुल्ला की। 3 घंटा 2 मिनट के इस वीडियो में अब्दुल्ला के संबोधन की शुरुआत 1.55.23 सेकेंड मिनट से शुरू होता है। करीब 6 मिनट तक के संबोधन के दौरान उन्होंने ”भारत माता की जय” और ”जय हिंद” के नारे के साथ अपनी बात को खत्म किया।

फारूक अब्दुल्ला का यह संबोधन 20 अगस्त 2018 का है, जब देश के गृह मंत्री राजनाथ सिंह थे। अमित शाह उस वक्त राज्यसभा सांसद और बीजेपी के नेशनल प्रेसिडेंट थे।

2019 लोकसभा चुनाव के दौरान शाह ने गुजरात के गांधीनगर से चुनाव लड़ा और विजयी रहे। इसके बाद 30 मई 2019 को हुए शपथ ग्रहण समारोह के दौरान उन्होंने केंद्रीय मंत्री के तौर पर शपथ ली और 31 मई को विभागों के बंटवारे के बाद उन्हें गृह मंत्रालय का प्रभार दिया गया। 31 मई 2019 को प्रेस इन्फॉर्मेशन ब्यूरो (पीआईबी) के ट्वीट में इसे देखा जा सकता है।

इसी दिन उन्होंने गृह राज्य मंत्री जी किशन रेड्डी और नित्यानंद राय की मौजूदगी में केंद्रीय गृह मंत्री का पदभार संभाला।

अमित शाह 31 मई 2019 को देश के गृह मंत्री बने, जबकि वायरल हो रहा वीडियो अगस्त 2018 का है, जब देश के गृह मंत्री राजनाथ सिंह थे और उस वक्त अमित शाह सरकार में शामिल नहीं थे।

निष्कर्ष: फारूक अब्दुल्ला का वायरल हो रहा वीडियो करीब दस महीने पुराना है, जब देश के गृह मंत्री राजनाथ सिंह थे न कि अमित शाह। अब्दुल्ला ने जिस सभा में ‘’भारत माता की जय’’ और ‘’जय हिंद’’ का नारा लगाया था, वह पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की मृत्यु के बाद आयोजित सर्वदलीय प्रार्थना सभा थी, जिसमें तत्कालीन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत अन्य दलों के वरिष्ठ नेता शामिल हुए थे। इस कार्यक्रम में अमित शाह भी शामिल थे, लेकिन उस वक्त वह देश के गृह मंत्री नहीं, बल्कि पार्टी प्रेसिडेंट और सांसद मात्र थे।

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Symbols that define nature of fake news
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