Fact Check : राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम पर नितिन गडकरी के नाम से वायरल बयान फेक और मनगढ़ंत

विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि राम मंदिर को लेकर वायरल दावा गलत है। नितिन गडकरी ने इस तरह का कोई बयान नहीं दिया है। दुष्प्रचार की मंशा से मनगढ़ंत और फर्जी बयान को शेयर किया जा रहा है। 

नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। अयोध्या में 22 जनवरी को श्रीरामलला के मूर्ति की प्राण-प्रतिष्ठा होगी। देश की बड़ी-बड़ी हस्तियों को इस कार्यक्रम में शामिल होने के लिए बुलाया गया है। इसी बीच सोशल मीडिया पर एक पोस्ट को शेयर कर दावा किया जा रहा है कि केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने प्रधानमंत्री मोदी के प्राण प्रतिष्ठा में शामिल होने के खिलाफ बयान दिया है।

विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि वायरल दावा गलत और राजनीतिक दुष्प्रचार है। नितिन गडकरी ने इस तरह का कोई बयान नहीं दिया है। दुष्प्रचार की मंशा से उनके नाम से इस मनगढ़ंत और फर्जी बयान को शेयर किया जा रहा है। 

क्या हो रहा है वायरल ? 

फेसबुक यूजर ने 16 जनवरी 2023 को वायरल पोस्ट को शेयर करते हुए कैप्शन में लिखा है, “जो रेलमंत्रीको हरी झंडी ना दिखाने दे..हाईवे मंत्री को हाईवेका उद्घाटन ना करने दे..जो शंकराचार्योंको शास्त्र संगत कार्य ना करने दे..उसका नाम बुझा तो जाने?”

पोस्ट में लिखा हुआ है, “जिसने 5 साल में मुझे एक भी एक्सप्रेस वे का उद्घाटन नहीं करने दिया, रेलमंत्री को वंदे भारत ट्रेन को हरी झंडी नहीं दिखाने दिया, वो किसी महंत या शंकराचार्य को राम मंदिर का उद्घाटन करने देगा?”

पोस्ट के आर्काइव लिंक को यहां पर देखें।

पड़ताल 

वायरल दावे की सच्चाई जानने के लिए हमने गूगल पर संबंधित कीवर्ड्सी की मदद से सर्च किया। हमें दावे से जुड़ी कोई न्यूज रिपोर्ट नहीं मिली। सर्च के दौरान मिली रिपोर्ट में नितिन गडकरी ने राम मंदिर और पीएम मोदी को लेकर सकारात्मक बातें कहीं हैं। हमें कहीं भी ऐसी रिपोर्ट नहीं मिली, जिसमें यह बताया हो कि नितिन गडकरी ने पीएम मोदी के खिलाफ बयान दिया है। 

पड़ताल को आगे बढ़ाते हुए हमने नितिन गडकरी के आधिकारिक सोशल मीडिया अकाउंट्स को खंगालना शुरू किया। हमें वहां पर भी दावे से जुड़ी कोई पोस्ट नहीं मिली। 

अधिक जानकारी के लिए हमने बीजेपी प्रवक्ता विजय सोनकर से संपर्क किया। उन्होंने दावे को फर्जी बताया है। उनका कहना है कि विपक्षी दल राम मंदिर की  प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम से खुश नहीं है। इसलिए वो इस तरह की फर्जी पोस्ट को फैला रहे हैं। 

हमने नितिन गडकरी से भी मेल के जरिए संपर्क करने की कोशिश की है। रिप्लाई आने  पर रिपोर्ट को अपडेट कर दिया जाएगा।

अंत में हमने पोस्ट को गलत दावे के साथ शेयर करने वाले यूजर के अकाउंट को स्कैन किया। यूजर एक विचारधारा से जुड़ी पोस्ट को शेयर करता है। यूजर ने खुद को महाराष्ट्र का रहने वाला बताया है। 

निष्कर्ष: विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि राम मंदिर को लेकर वायरल दावा गलत है। नितिन गडकरी ने इस तरह का कोई बयान नहीं दिया है। दुष्प्रचार की मंशा से मनगढ़ंत और फर्जी बयान को शेयर किया जा रहा है। 

False
Symbols that define nature of fake news
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