Fact Check : अखिलेश यादव के नाम पर वायरल हुआ फेक ट्वीट

विश्‍वास न्‍यूज ने वायरल पोस्‍ट की जांच की तो यह फर्जी निकला। अखिलेश यादव की ओर से ऐसा कोई ट्वीट नहीं किया गया। वायरल ट्वीट फेक साबित हुआ।

नई दिल्‍ली (विश्‍वास न्‍यूज)। यूपी में विधानसभा चुनाव की दस्‍तक के बीच दुष्‍प्रचार की मंशा के साथ कई प्रकार के झूठ वायरल किए जा रहे हैं। अब एक ट्वीट को वायरल करते हुए सोशल मीडिया यूजर्स दावा कर रहे हैं कि इसे सपा मुखिया अखिलेश यादव ने किया है। विश्‍वास न्‍यूज ने वायरल पोस्‍ट की जांच की तो यह फर्जी निकला। अखिलेश यादव की ओर से ऐसा कोई ट्वीट नहीं किया गया। वायरल ट्वीट फेक साबित हुआ।

क्‍या हो रहा है वायरल

फेसबुक यूजर मोहित गुप्‍ता ने 6 नवंबर को एक ट्वीट का स्‍क्रीनशॉट अपने अकाउंट पर अपलोड करते हुए लिखा : ‘अकलेश भैया जैसे लोगों धरती पे कभी कभी ही जन्म लेते है।’

वायरल ट्वीट पर अखिलेश यादव की तस्‍वीर और नाम का इस्‍तेमाल किया गया। साथ में लिखा गया कि छक्‍का मारकर भारत के विश्‍व कप अभियान की उम्‍मीद को जीवंत करने पे यादव शिरोमणि सूर्यकुमार का हार्दिक आभार। हमारी सरकार आने पर आपको तीनों फॉर्मे का कप्‍तान बनाया जायेगा।

ट्वीट के कंटेंट को यहां ज्‍यों का त्‍यों लिखा गया है। इसका आर्काइव्‍ड वर्जन यहां देखें।

पड़ताल

विश्‍वास न्‍यूज ने वायरल ट्वीट की पड़ताल के लिए सबसे पहले पोस्‍ट में दिए गए ट्विटर हैंडल @yadavakhilesh को स्‍कैन करना शुरू किया। अखिलेश यादव के आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर हमें वायरल ट्वीट जैसा कुछ नहीं मिला।

हमने वायरल ट्वीट को स्‍कैन किया तो पता चला कि इसकी भाषा, फॉन्ट और तस्‍वीर का शेप कुछ भी ट्विटर के फॉर्मेट से मैच नहीं मिला। ट्वीट में इस्‍तेमाल की गई तस्‍वीर चौकोर नजर आई, जब‍कि ट्वीट पर तस्‍वीर के चारों कोनो में घुमाव देखने को मिलता है।

पड़ताल को आगे बढ़ाते हुए विश्‍वास न्‍यूज ने समाजवादी पार्टी के प्रवक्‍ता राजीव राय से संपर्क किया। उनके साथ वायरल ट्वीट को शेयर किया। उन्‍होंने बताया कि यह फर्जी है।

विश्‍वास न्‍यूज ने पड़ताल के अंत में फर्जी पोस्‍ट करने वाले यूजर की जांच की। हमें पता चला कि फेसबुक यूजर मोहित गुप्‍ता के चार हजार से ज्‍यादा फ्रेंड हैं। यूजर यूपी के लखनऊ का रहने वाला है।

निष्कर्ष: विश्‍वास न्‍यूज ने वायरल पोस्‍ट की जांच की तो यह फर्जी निकला। अखिलेश यादव की ओर से ऐसा कोई ट्वीट नहीं किया गया। वायरल ट्वीट फेक साबित हुआ।

False
Symbols that define nature of fake news
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