Fact Check: तिरुपति बालाजी मंदिर को लेकर आंध्र के मुख्यमंत्री का फर्जी बयान हो रहा वायरल

नई दिल्ली (सोशल मीडिया)। सोशल मीडिया पर तिरुपति मंदिर को लेकर एक पोस्ट वायरल हो रही है। पोस्ट में दावा किया गया है कि मुख्यमंत्री रेड्डी के आदेश के बाद तिरुपति मंदिर में रविवार को चर्च की प्रार्थना होगी और तिरुपति की आय अल्पसंख्यकों के धर्म विकास के लिए इस्तेमाल  में लाई जाएगी।

विश्वास न्यूज की पड़ताल में यह पोस्ट गलत साबित होता है, जिसका सच्चाई से कोई लेना-देना नहीं है।

क्या है वायरल पोस्ट में ?

फेसबुक पर आजाद भारत (Azaad Bharat) के प्रोफाइल से इस पोस्ट को शेयर किया गया है, जिसमें सीएम रेड्डी के कथित बयान का इस्तेमाल किया गया है। पोस्ट में कहा गया है, ‘अब तिरुपति मंदिर में रविवार को चर्च प्रेयर होगी और तिरुपति की आय अल्पसंख्यकों के धर्म विकास हेत बांटी जाएगी: CM रेड्डी।’

तिरुपति मंदिर को लेकर वायरल हो रहा फर्जी फेसबुक पोस्ट

पड़ताल किए जाने तक इस पोस्ट को 150 से अधिक बार शेयर किया जा चुका है, वहीं 100 से अधिक लोगों ने इस पर टिप्पणी की है।

पड़ताल

पड़ताल की शुरुआत हमने न्यूज सर्च के साथ की। न्यूज सर्च में हमें पता चला कि 2019 में अब तक जगन मोहन रेड्ड ने दो बार तिरुपति के दर्शन किए हैं। आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने से पहले उन्होंने 29 मई को तिरुपति मंदिर जाकर भगवाव वेंकटेश्वर के दर्शन किए। टीवी 9 तेलुगू के वेरिफाइड यू-ट्यूब चैनल पर उनकी पूरी दर्शन यात्रा को लाइव किया गया था, जिसे यहां देखा जा सकता है।

दक्षिण भारत के प्रमुख अंग्रेजी अखबार ”द हिंदू” के वेब एडिशन में 29 मई को प्रकाशित खबर से भी इसकी पुष्टि होती है।

अंग्रेजी अखबार ”द हिंदू” में प्रकाशित खबर

इसके बाद जगन मोहन रेड्डी का दूसरा दौरा इसके तुरंत बाद हुआ, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी श्रीलंका के दौरे से रविवार (9 जून) को लौटने के बाद तिरुपति मंदिर में दर्शन करने पहुंचे। इससे पहले उन्होंने तिरुपति में एक जनसभा को भी संबोधित किया था, जिसमें उन्होंने राज्य के नवनिर्वाचित मुख्यमंत्री जगन रेड्डी को शुभकामनाएं भी दी थी।

तिरुपित मंदिर में जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दर्शन करने पहुंचे तो जगन मोहन रेड्डी भी उनके साथ थे। न्यूज एजेंसी एएनआई के यूट्यूब पर इस वीडियो में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ आंध्र के मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी को साथ में दर्शन करते हुए देखा जा सकता है।

अब आते हैं पोस्ट में किए गए कथित दावे पर। गौरतलब है कि कुछ दिनों पहले सोशल मीडिया पर जगन मोहन रेड्डी के मामा ‘’येहोवा विंसेंट सुब्बारेड्डी’’ के ‘’इवैंजेलिस्ट’’ होने के दावे को लेकर उनके तिरुपति बोर्ड में नियुक्ति को लेकर विवाद हुआ था। हालांकि, सुब्बारेडी के स्पष्टीकरण के बाद यह विवाद खत्म हो गया। सुब्बारेड्डी ने अपने ट्विटर हैंडल से खुद ट्वीट कर बताया कि वह जन्म से ही हिंदू है।

इसके साथ ही उन्होंने अपने चुनावी हलफनामे को भी ट्वीट किया, जिसमें उनका नाम यरम वेंकटा सुब्बारेड्डी लिखा हुआ है, जबकि सोशल मीडिया पर उनका नाम ‘’येहोवा विंसेंट सुब्बारेड्डी’’ बताते हुए पोस्ट वायरल किया गया था।

इसके बाद विश्वास न्यूज ने वायरल पोस्ट के दावे की सत्यता जांचने के लिए वाईएसआर कांग्रेस के प्रवक्ता अंबाती रामबाबू से संपर्क किया। रामबाबू ने कहा, ‘यह ऐसी अफवाह है, जिस पर टिप्पणी भी नहीं की जा सकती।’ उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री की तरफ से ऐसा कोई आदेश नहीं दिया गया है और यह ऐसा बेकार बयान है, जिस पर विचार भी नहीं किया जाना चाहिए।

इसके बाद जब हमने फेसबुक प्रोफाइल आजाद भारत को स्कैन किया तो हमें इसके विचारधारा विशेष से प्रेरित होने का पता चला, जहां कई झूठी और नफरत फैलाने वाली पोस्ट शेयर की गई थीं। वहीं, इसके प्रोफाइल में कोई अन्य जानकारी नहीं मिली, जो इस प्रोफाइल के फर्जी होने की तरफ इशारा करती है।

निष्कर्ष: तिरुपति मंदिर के फंड का इस्तेमाल अल्पसंख्यकों के धार्मिक विकास और मंदिर में हर रविवार को चर्च की प्रार्थना को लेकर आंध्र प्रदेश के नवनिर्वाचित मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी के नाम से वायरल हो रहा बयान फर्जी है।

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False
Symbols that define nature of fake news
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