विश्वास न्यूज की पड़ताल में पता चला कि जवाहरलाल नेहरू ने कभी ऐसा बयान नहीं दिया, जो वायरल हो रहा है।
विश्वास न्यूज (नई दिल्ली)। आजाद हिन्दुस्तान के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू को लेकर सोशल मीडिया पर अक्सर कई प्रकार के झूठ वायरल हो रहते हैं। इस बार उनका एक ऐसा बयान वायरल हो रहा है, जो उन्होंने कभी दिया ही नहीं है। दावा किया जा रहा है कि जवाहरलाल नेहरू का मानना था कि मैं शिक्षा से ईसाई, संस्कृति से मुस्लिम, दुर्भाग्य से हिन्दू हूं। पड़ताल में वायरल पोस्ट फर्जी साबित हुई।
विश्वास न्यूज की जांच में पता चला कि प्रथम प्रधानमंत्री के नाम पर वायरल बयान हिन्दू महासभा के नेता एनबी खरे ने नेहरू के लिए कहा था कि वे ‘शिक्षा से ईसाई, संस्कृति से मुस्लिम, दुर्भाग्य से हिन्दू’ हैं।
फेसबुक यूजर सौरभ देवेन्द्र पाण्डेय शांडिल्य ने 3 मई को ‘मैं ब्राह्मण हूँ’ नाम के पेज पर एक पोस्ट को अपलोड करते हुए लिखा कि ऐसी विचारधारा के थे हमारे देश के प्रथम प्रधानमंत्री।दुर्भाग्य तो इस देश का था जब आप प्रधानमंत्री बने।
पोस्ट में नेहरू की तस्वीर का इस्तेमाल करते हुए उनके हवाले से लिखा गया कि मैं शिक्षा से ईसाई, संस्कृति से मुस्लिम, दुर्भाग्य से हिन्दू हूं।
फेसबुक पोस्ट का आर्काइव्ड वर्जन यहां देखें।
विश्वास न्यूज ने सबसे पहले वायरल बयान से कुछ कीवर्ड टाइप करके गूगल में सर्च करना शुरू किया। हमें सर्च के दौरान कांग्रेस के गौरव पांधी का एक पुराना ट्वीट मिला। 24 नवंबर को अपलोड को किए गए ट्वीट में दावा किया गया कि डेक्कन कॉनिकल ने 19 नवंबर 2018 को अखबार में नेहरू के नाम पर फर्जी बयान छापा, जबकि यह बयान हिन्दू महासभा के अध्यक्ष एनबी खरे ने दिया था।
इस ट्वीट के नीचे जवाब में 25 नवंबर 2018 गौरव पांधी ने डेक्कन कॉनिकल की उस कटिंग को लगाया, जिसमें अखबार की ओर से नेहरू के नाम पर गलत बयान छापने के लिए माफी मांगी गई थी।
जांच को आगे बढ़ाते हुए विश्वास न्यूज ने एनबी खरे के बारे में जानकारी जुटाना शुरू किया। हमें शशि थरूर की किताब Nehru : The Invention of India में इस बात का जिक्र मिला कि नेहरू को लेकर वायरल बयान दरअसल हिंन्दू महासभा के नेता एनबी खरे ने दिया था।
पड़ताल के अगले चरण में विश्वास न्यूज ने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और प्रवक्ता अखिलेश प्रताप सिंह से संपर्क किया। उन्होंने बताया कि जवाहरलाल नेहरू को बदनाम करने के दक्षिणपंथी हमेशा से सक्रिय रहे हैं। यह कोई पहली बार नहीं है। नेहरू के नाम पर जिस बयान को वायरल किया गया है, यह कभी उन्होंने दिया ही नहीं है।
अब बारी थी कि उस यूजर के अकाउंट की जांच करने की, जिसने फर्जी पोस्ट को वायरल किया। सोशल स्कैनिंग से हमें पता चला कि फेसबुक यूजर सौरभ देवेन्द्र पाण्डेय शांडिल्य के अकाउंट को नवंबर 2011 को बनाया गया था। यूजर यूपी के मिर्जापुर का रहने वाला है। इसे 555 लोग फॉलो करते हैं।
निष्कर्ष: विश्वास न्यूज की पड़ताल में पता चला कि जवाहरलाल नेहरू ने कभी ऐसा बयान नहीं दिया, जो वायरल हो रहा है।
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