Fact Check : राजस्‍थान सरकार के नाम पर 4 लाख रुपए कोरोना मुआवजा देने की फर्जी पोस्‍ट वायरल

विश्‍वास न्‍यूज की जांच में वायरल पोस्‍ट फर्जी साबित हुई। वायरल हो रहे मैसेज का राजस्थान सरकार से कोई सम्बन्ध नहीं है।

विश्‍वास न्‍यूज (नई दिल्‍ली)। सोशल मीडिया में एक मैसेज तेजी से वायरल हो रहा है। इसमें दावा किया जा रहा है कि राजस्‍थान में कोरोना के कारण जिनका निधन हुआ है, उनके परिवार को चार लाख रुपए सरकार की ओर से मिलेंगे। पोस्‍ट को वायरल करने के साथ बाकायदा एक फॉर्म का फॉर्मेट भी वायरल हो रहा है। पोस्‍ट के साथ बकायदा #rajasthan लिखकर वायरल किया गया है। विश्‍वास न्‍यूज की पड़ताल में यह पोस्‍ट फर्जी साबित हुई।

हमारी जांच में पता चला कि राजस्‍थान सरकार की ओर से ऐसा कोई फॉर्म जारी नहीं किया गया है। इसलिए राजस्‍थान के संदर्भ में यह पोस्‍ट फर्जी साबित होती है।

क्‍या हो रहा है वायरल

फेसबुक पेज जूम न्‍यूज ने 22 मई को एक फॉर्म को पोस्‍ट करते हुए लिखा : ‘इस महामारी में जिन्होंने अपनों को खोया है उनके लिए,,, विशेष सूचना कोई भी व्यक्ति प्राकृतिक आपदा या महामारी की चपेट में आता है तो यह आवेदन पत्र भरकर और मृत्यु प्रमाण पत्र (कोरोनामृत्यु, प्राकृतिक आपदा) यह दर्शाया गया हो साथ में प्रमाणित प्रतिलिपि लगाकर दे। 4लाख रु कि राशि स्वीकार हो जायेगी। संबंधित जिला कलेक्टर के पास जमा करवाये #zoomnews #rajasthan’

फार्म के ऊपर विषय में लिखा है कि मुख्‍यमंत्री आपदा/राहत कोष से कोरोना संक्रमण से मृत्यु के पश्‍चात आश्रित को सहायता राशि रूपए 4 लाख निर्गत करने के संबंध में।

पोस्‍ट का आर्काइव्‍ड वर्जन यहां देखें।

पड़ताल

विश्‍वास न्‍यूज ने पड़ताल की शुरुआत गूगल सर्च से की। सबसे पहले संबंधित कीवर्ड को टाइप करके गूगल में सर्च करना शुरू किया। हमें ईटीवी भारत की एक खबर से पता चला कि कोरोना संक्रमण की वजह से होने वाली आम लोगों की मौत प्राकृतिक आपदा नहीं है। इसके तहत मरने वाले व्यक्ति के परिजनों को सरकार की ओर से आर्थिक सहायता का प्रावधान भी नहीं है। पूरी खबर यहां पढ़ें।

जांच के दौरान हमें फर्स्‍ट इंडिया न्‍यूज नाम की वेबसाइट पर एक खबर मिली। इसमें वायरल पोस्‍ट को फेक बताया गया था। इस खबर को आप यहां पढ़ सकते हैं।

पड़ताल के दौरान हमने राजस्‍थान सरकार और उससे जुड़े लोगों के सोशल मीडिया अकाउंट को स्‍कैन किया। हमें मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के OSD लोकेश शर्मा का एक ट्वीट मिला। 22 मई को उन्‍होंने ट्वीट करते हुए लिखा कि वॉट्सऐप ग्रुप्स और सोशल मीडिया पर सर्कुलेट हो रहे इस फॉर्म का राजस्थान सरकार से कोई सम्बन्ध नहीं है। राज्य सरकार ने इस तरह का कोई प्रावधान/फॉर्म नहीं निकाला है।प्रदेश के सम्बन्ध में इसे पूरी तरह से फेक और गलत माना जाए एवं इसे लेकर किसी भी प्रकार का भ्रम नहीं रखें।

मुख्‍यमंत्री के ओएसडी लोकेश शर्मा ने विश्‍वास न्‍यूज से बात करते हुए बताया कि वायरल हो रहे फॉर्म का राजस्‍थान सरकार से कोई संबंध नहीं है। यह वायरल मैसेज फेक है।

अब बारी थी फर्जी पोस्‍ट करने वाले यूजर के अकाउंट के बारे में जानकारी जुटाने की। सोशल स्‍कैनिंग में पता चला कि फेसबुक पेज जूम न्‍यूज को 1.64 लाख लोग फॉलो करते हैं। इस पेज को 31 जनवरी 2019 को बनाया गया।

निष्कर्ष: विश्‍वास न्‍यूज की जांच में वायरल पोस्‍ट फर्जी साबित हुई। वायरल हो रहे मैसेज का राजस्थान सरकार से कोई सम्बन्ध नहीं है।

False
Symbols that define nature of fake news
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