Quick Fact Check: कश्मीर को लेकर कर्नल विजय आचार्य ने नहीं दिया इस्तीफा, फर्जी ट्वीट फिर से हुआ वायरल

भारतीय सेना के अधिकारी के नाम से वायरल हो रहा ट्वीट फर्जी है। कर्नल विजय आचार्य अब सेना से रिटायर हो चुके हैं और रिटायरमेंट के पहले वह हरियाणा के हिसार में तैनात थे। कश्मीर में उनकी तैनाती 90 के दशक में थी। उनके नाम से फर्जी ट्विटर हैंडल बनाकर प्रोपेगेंडा करने वाले प्रॉक्सी हैंडल को उनकी शिकायत पर ट्विटर ब्लॉक कर चुका है।

नई दिल्ली (विश्वास टीम)। नियंत्रण रेखा पर पाकिस्तान की तरफ से सीजफायर उल्लंघन की घटनाओं के बीच सोशल मीडिया पर भारतीय आर्मी के ऑफिसर के नाम से एक पोस्ट वायरल हो रही है, जिसमें दावा किया गया है कि पाकिस्तान ने भारतीय सेना के 25 जवानों को मार दिया, लेकिन मीडिया में इसे लेकर कुछ भी नहीं दिखाया गया। इस घटना से आहत होकर उन्होंने अपना इस्तीफा सौंप दिया।

विश्वास न्यूज की पड़ताल में यह दावा गलत निकला। भारतीय सेना के जिस अधिकारी के हवाले से इस पोस्ट को वायरल किया गया, वह पहले ही सेना से रिटायर हो चुके हैं। सोशल मीडिया पर उनके नाम के हवाले से भारतीय सेना के खिलाफ दुष्प्रचार किया जा रहा है।

क्या है वायरल पोस्ट में?

फेसबुक पर वायरल पोस्ट में कथित ट्विटर पोस्ट का स्क्रीन शॉट शेयर किया जा रहा है, जिसमें भारतीय सेना के अधिकारी की तस्वीर नजर आ रही है।

फेसबुक पर वायरल हो रही फर्जी पोस्ट

फेसबुक यूजर ‘The Kashmir Guardian’ ने वायरल पोस्ट (आर्काइव लिंक) को शेयर किया है, जिसमें लिखा हुआ है, ‘मेरा नाम कर्नल विजय आचार्य है और मैं भारतीय सेना से हूं। मैंने इस्तीफा देकर दिल्ली रहने का फैसला लिया है। मेरे इस्तीफे की वजह कश्मीर है। मेरा मतलब, हम कैसे अपने ही लोगों की हत्या कर सकते हैं। पिछली रात पाकिस्तान ने हमारे यूनिट के 25 जवानों की हत्या कर दी, लेकिन मीडिया में कोई कवरेज नहीं हुआ। क्यों? अब और बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। अलविदा भारतीय सेना।’

पड़ताल किए जाने तक इस पोस्ट को करीब 400 लोग शेयर कर चुके हैं। सोशल मीडिया पर अन्य कई यूजर्स ने इस पोस्ट को समान दावे के साथ शेयर किया है।

पड़ताल

वायरल पोस्ट में एक ट्विटर हैंडल के स्क्रीन शॉट का इस्तेमाल किया गया है, जिसे अब ट्विटर की तरफ से बंद किया जा चुका है। यह पहली बार नहीं है जब यह पोस्ट वायरल हुई हो। इससे पहले भी पाकिस्तान की तरफ से भारतीय सेना और कश्मीर को लेकर दुष्प्रचार किया गया था और तब इस पोस्ट को वायरल किया गया था।

विश्वास न्यूज ने इस मामले को लेकर विजय आचार्य से बात की थी। उन्होंने हमें बताया कि ट्विटर पर जिस अकाउंट (उनकी तस्वीर लगी हुई) से कथित पोस्ट वायरल हुआ, वह प्रॉक्सी एकाउंट था, जिसे प्रोपेगेंडा के मकसद से जानबूझकर क्रिएट किया गया।

विश्वास न्यूज पर इस पोस्ट की विस्तृत पड़ताल को नीचे पढ़ा जा सकता है।

वायरल पोस्ट शेयर करने वाले फेसबुक पेज को करीब 63 हजार से अधिक लोग फॉलो करते हैं जबकि इस पेज को करीब 61 हजार लोग लाइक करते हैं।

निष्कर्ष: भारतीय सेना के अधिकारी के नाम से वायरल हो रहा ट्वीट फर्जी है। कर्नल विजय आचार्य अब सेना से रिटायर हो चुके हैं और रिटायरमेंट के पहले वह हरियाणा के हिसार में तैनात थे। कश्मीर में उनकी तैनाती 90 के दशक में थी। उनके नाम से फर्जी ट्विटर हैंडल बनाकर प्रोपेगेंडा करने वाले प्रॉक्सी हैंडल को उनकी शिकायत पर ट्विटर ब्लॉक कर चुका है।

False
Symbols that define nature of fake news
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