Fact Check : उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती को लेकर वायरल हुई फेक पोस्‍ट

विश्‍वास न्‍यूज की पड़ताल में उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती से जुड़ी पोस्‍ट फर्जी साबित हुई।

विश्‍वास न्‍यूज (नई दिल्‍ली)। सोशल मीडिया में जम्‍मू व कश्‍मीर के नेता उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती को लेकर एक फर्जी खबर वायरल हो रही है। इसमें दावा किया जा रहा है कि दोनों नेताओं पर पीएसए लगाकर सलाखों के पीछे डाल दिया गया है। विश्‍वास न्‍यूज ने वायरल पोस्‍ट की जांच की। हमें पता चला कि पुरानी खबर को कुछ लोग अभी की समझकर वायरल कर रहे हैं। उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती को वर्तमान में गिरफ्तार नहीं किया गया है। हमारी जांच में वायरल पोस्‍ट फर्जी साबित होती है।

क्‍या हो रहा है वायरल

फेसबुक यूजर Onek Tiwari ने भी 23 अगस्‍त को इस फर्जी पोस्‍ट को अपने अकाउंट पर अपलोड किया। दावा किया गया कि उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती को PSA लगाकर गिरफ्तार किया गया।

पोस्‍ट का आकाईव्‍ड वर्जन यहां देखा जा सकता है। सच मानकर दूसरे यूजर्स भी इसे शेयर कर रहे हैं।

पड़ताल

वायरल पोस्‍ट की सच्‍चाई जानने के लिए विश्‍वास न्‍यूज ने सबसे पहले ‘उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती को PSA लगाकर गिरफ्तार किया’ कीवर्ड के साथ संबंधित खबरों को खोजना शुरू किया। हमें एक भी ऐसी हाल की खबर नहीं मिली, जो इस दावे की पुष्टि करती हो। हमें आजतक की वेबसाइट पर जरूर एक खबर मिली। इसे 7 फरवरी 2020 को अपलोड किया गया था। इसमें बताया गया था कि 6 महीने से नजरबंद महबूबा मुफ्ती और उमर अब्दुल्ला का सामना नई मुसीबतों से होने वाला है। दोनों पर PSA यानी पब्लिक सेफ्टी एक्ट के तहत केस दर्ज हो चुका है। पूरी खबर यहां पढ़ें।

पड़तातल के दौरान हमें जनसत्ता की वेबसाइट पर भी एक खबर मिली। इसे भी 7 फरवरी 2020 को पब्लिश की गई थी। इसमें भी बताया गया था कि उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती पर PSA लगाया गया था।

अब तक की जांच में यह साबित हो गया था कि फरवरी 2020 की खबर को कुछ लोग अभी का समझकर वायरल कर रहे हैं। जांच को आगे बढ़ाते हुए हमने दोनों नेताओं के सोशल मीडिया अकाउंट को स्‍कैन किया। हमें पता चला कि उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती दोनों ही सोशल मीडिया में एक्टिव हैं।

जांच को आगे बढ़ाते हुए विश्‍वास न्‍यूज ने दैनिक जागरण के कश्‍मीर के ब्‍यूरो चीफ नवीन नवाज से संपर्क किया। उन्‍होंने बताया कि उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती को लेकर वायरल हो रही पोस्‍ट झूठी है। उनके ऊपर हाल ही में पीएसए नहीं लगाया गया है।

पड़ताल के अंत में हमने फर्जी पोस्‍ट करने वाले यूजर की जांच की। हमें पता चला कि फेसबुक यूजर Onek Tiwari यूपी के रहने वाले हैं। इन्‍हें 871 लोग फॉलो करते हैं।

निष्कर्ष: विश्‍वास न्‍यूज की पड़ताल में उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती से जुड़ी पोस्‍ट फर्जी साबित हुई।

False
Symbols that define nature of fake news
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