नई दिल्ली (विश्वास टीम)। सोशल मीडिया पर एक फर्जी कटिंग शेयर की जा रही है, जिसमें बीजेपी प्रेसिडेंट अमित शाह के कथित बयान का जिक्र है। इसके मुताबिक, ‘अमित शाह ने चोरी और मुनाफाखोरी को देश के बनियों की आदत बताया है।’ विश्वास न्यूज की पड़ताल में यह खबर फर्जी साबित होती है। बीजेपी प्रेसिडेंट ने किसी भी राजनीतिक रैली या सभा में बनिया समुदाय को लेकर ऐसा कोई बयान नहीं दिया।
वायरल पोस्ट में अखबार की एक कटिंग शेयर की गई है, जिसकी हेडलाइन है, ‘चोरी और मुनाफाखोरी देश की बनियों की आदत: अमित शाह।’ अखबार की क्लिप में राजस्थान के बूंदी में हुई भाजपा की रैली का जिक्र है, जिसमें उन्होंने कहा, ‘चोरी करना तो देश के बनिया और व्यापारियों की आदत है, टैक्स तो चोरी करते ही हैं, साथ ही किसानों की बर्बादी का भी मुख्य कारण ये बनिया और व्यापारी वर्ग ही है जो सारा मुनाफा अपनी जेब में डाल जाते हैं।’
जब हमने इस अखबार की खबर की हेडलाइन को लेकर न्यूज सर्च किया, तो हमें कहीं भी ऐसी खबर नहीं मिली, जिसमें अमित शाह ने बनियों को ”चोर” और ”मुनाफाखोर” बताया हो। पड़ताल में हमें पता चला कि न्यूजपेपर की यह क्लिप पिछले साल के आखिर में इसी दावे के साथ सोशल मीडिया पर वायरल हो चुकी है।
ट्विटर पर भी यह न्यूज क्लिप इसी दावे के साथ वायरल हो चुकी है।
इसके बाद हमने Invid टूल्स की मदद से बीजेपी के ट्विटर हैंडल पर मौजूद राजस्थान के बूंदी में हुई रैली का पता लगाया है। सर्च के दौरान हमें 3 दिसंबर 2018 को राजस्थान के बूंदी में अमित शाह की रैली की वीडियो का लाइव लिंक मिला। शाह के कथित दावे के साथ वायरल हुई सभी खबरें इसी तारीख के बाद की हैं।
रैली में शाह ने अपने पूरे भाषण में बनियों को लेकर ऐसा कुछ नहीं कहा। अखबार की इसी क्लिप में बॉक्स में दो और खबरों का जिक्र किया गया है।
पहले बॉक्स आइटम में ‘विदेशी निवेश से लोकल व्यापारियों का होगा सफाया’, हेडलाइन का जिक्र है, जबकि दूसरा बॉक्स आइटम, ‘मोदी ने भी व्यापारियों को बताया था चोर’ हेडलाइन के साथ है।जींद की रैली में शाह ने विदेशी निवेश को लेकर भी ऐसा कुछ नहीं कहा। दूसरा बॉक्स आइटम पीएम मोदी के बयान को लेकर हैं। अखबार की क्लिप के मुताबिक, ‘नोटबंदी के समय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के व्यापारियों और बनियों की तुलना लूटरों से की थी।’
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 8 नवंबर 2016 को नोटबंदी की घोषणा करते हुए 500 और 1000 रुपये के नोटों को बैन कर दिया था। पीएम मोदी के पूरे भाषण को यहां सुना जा सकता है।
इस भाषण में पीएम मोदी ने कालेधन की वजह से देश के समक्ष मौजूद चुनौतियों का जिक्र किया था, न कि किसी समुदाय विशेष को लेकर कोई टिप्पणी की थी। मोदी ने अपने पूरे भाषणा में कहीं भी व्यापारियों की तुलना ‘’लुटेरों’’ से नहीं की थी।
निष्कर्ष: विश्नास न्यूज की पड़ताल में बीजेपी प्रेसिडेंट अमित शाह के नाम से वायरल हो रही संबंधित पोस्ट गलत साबित होती है। अमित शाह और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने व्यवसायी समुदाय के बारे में कुछ भी आपत्तिजनक नहीं कहा था।