Fact Check : कर्नल राज्यवर्धन सिंह राठौर के नाम पर वायरल हुई फेक खबर

विश्‍वास न्‍यूज की पड़ताल में यह साबित हुआ कि पूर्व केंद्रीय मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौर के नाम से वायरल खबर पूरी तरह फर्जी है।

विश्‍वास न्‍यूज (नई दिल्‍ली)। सोशल मीडिया में एक फर्जी खबर वायरल हो रहा है इसमें पूर्व सूचना प्रसारण राज्‍य मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौर की तस्‍वीर और नाम का इस्‍तेमाल करते हुए दावा किया गया है कि उन्‍होंने एक प्रेसवार्ता में कहा है कि फर्जी पत्रकारों के खिलाफ एक्‍शन होगा। विश्‍वास न्‍यूज की पड़ताल में वायरल पोस्‍ट फर्जी साबित हुई। पूर्व केन्द्रीय मंत्री व वर्तमान में जयपुर ग्रामीण से सांसद राज्यवर्धन सिंह राठौर ने विश्‍वास न्‍यूज से बातचीत में खुद वायरल पोस्‍ट का खंडन किया। वायरल खबर को 16 जून 2021 को भोपाल के रतनगढ़ टाइम्‍स ने प्रकाशित की थी। बाद में 25 जून 2021 को इस अखबार ने फर्जी खबर छापने के लिए खेद जताया।

क्‍या हो रहा है वायरल

फेसबुक यूजर सईद मंसूर अली ने 18 जून को एक अखबार की कटिंग को पोस्‍ट किया। इस खबर का शीर्षक था : फर्जी पत्रकारों के खिलाफ होगा एक्‍शन, एफआईआर और जेल : राजवर्धन सिंह।

फेसबुक पोस्‍ट का आर्काइव्‍ड वर्जन यहां देखें।

फर्जी खबर हमें यूट्यूब पर भी मिली।

https://www.youtube.com/watch?v=xuWU7SgvFFk

पड़ताल

विश्‍वास न्‍यूज ने सबसे पहले वायरल हो रही खबर को ध्‍यान से पढ़ना शुरू किया। इसमें सूचना प्रसारण राज्‍यमंत्री कर्नल राज्यवर्धन सिंह राठौर को बताया गया है, जबकि वर्तमान में सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर हैं। संसद की वेबसाइट के अनुसार, राज्यवर्धन सिंह राठौर 25 मई 2019 तक ही केंद्र सरकार में मंत्री थे। मई 2019 में वे फिर से जीतकर सांसद बने। फिलहाल वे कई कमेटी में सदस्‍य हैं।

मतलब यह कि वायरल खबर पूरी तरह फेक है। खबर में नई दिल्‍ली के साथ रतनगढ़ टाइम्‍स भी लिखा हुआ नजर आया। गूगल सर्च से हमें पता चला कि रतनगढ़ टाइम्‍स मध्‍य प्रदेश के भोपाल की एक वेबसाइट और अखबार है। इस खबर को खोजने के लिए विश्‍वास न्‍यूज ने रतनगढ़ टाइम्‍स के फेसबुक पेज को खंगालना शुरू किया। हमें 16 जून को फेसबुक पर अखबार के कई पेज मिले। राज्यवर्धन सिंह राठौर से जुड़ी फेक खबर इस खबर में 16 जून के संस्‍करण में प्रकाशित हुई थी। इसे आप यहां देख सकते हैं।

जांच के दौरान हमें पता चला कि रतनगढ़ टाइम्‍स ने 25 जून को बाकायदा अखबार में खंडन छापकर वायरल खबर के लिए खेद जताया। इसे आप नीचे देख सकते हैं।

इसके बाद विश्‍वास न्‍यूज ने राज्यवर्धन सिंह राठौर से संपर्क किया। उन्‍होंने बताया कि फर्जी पत्रकारों पर एक्‍शन के नाम पर फर्जी खबर वायरल है। वे अब मंत्री भी नहीं है। ऐसे में इस खबर का कोई मतलब नहीं बनता है। वैसे भी उन्‍होंने कभी ऐसी बात नहीं कही।

पड़ताल के अंत में विश्‍वास न्‍यूज ने फर्जी खबर को वायरल करने वाले यूजर की जांच की। हमें पता चला कि फेसबुक यूजर सईद मंसूर अली यूपी के मथुरा का रहने वाला है।

निष्कर्ष: विश्‍वास न्‍यूज की पड़ताल में यह साबित हुआ कि पूर्व केंद्रीय मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौर के नाम से वायरल खबर पूरी तरह फर्जी है।

False
Symbols that define nature of fake news
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