Fact Check : PF को लेकर वायरल हो रहा है फर्जी मैसेज, अलर्ट रहें

नई दिल्‍ली (विश्‍वास न्‍यूज)। फेसबुक, ट्विटर से लेकर वॉट्सऐप तक पर पीएफ से जुड़ा एक फर्जी मैसेज तेजी से वायरल हो रहा है। इसमें दावा किया जा रहा है कि जिसने भी 1990 से लेकर 2019 तक काम किया है, वह ईपीएफओ से 80 हजार रुपए ले सकता है। विश्‍वास न्‍यूज ने जब इस वायरल मैसेज की जांच की तो पता चला कि यह पूरी तरह गलत है।

क्‍या है वायरल पोस्‍ट में

फेसबुक यूजर अबुल हसन ने 30 अक्‍टूबर को सुबह 8:10 बजे एक पोस्‍ट अपलोड करते हुए दावा किया : The workers who worked between the 1990 and 2019, have the rights to get the benefits of ₹80 000 by EPFO of INDIA. Check if your name is in the list of the people who have the rights to withdraw this benefit:

पड़ताल

विश्‍वास न्‍यूज ने सबसे पहले वायरल पोस्‍ट के यूआरएल पर क्लिक किया। हम socialdraw.top/ नाम की एक वेबसाइट पर पहुंच गए, लेकिन यह वेबसाइट ओपन नहीं हुई। इसमें चेतावनी आई कि इस वेबसाइट के माध्‍यम से आपकी निजी जानकारी को चुराया जा सकता है।

इसके बाद विश्‍वास न्‍यूज ने संबंधित यूआरएल को Whois.com पर अपलोड करके जानकारी जुटानी शुरू की। हमें पता चला कि इस वेबसाइट को 15 अक्‍टूबर 2019 को ही रजिस्‍टर्ड किया गया है।

अपनी पड़ताल के अगले चरण में हम EPFO की आधिकारिक वेबसाइट epfindia.gov.in पर गए। वहां हमें एक अलर्ट दिखा। इसमें बताया गया कि ईपीएफओ की आधिकारिक वेबसाइट www.epfindia.gov.in ही है। इस अलर्ट में किसी भी प्रकार की निजी जानकारी को किसी के साथ भी शेयर करने से मना किया गया था।

पड़ताल के दौरान हम EPFO के ट्विटर हैंडल पर गए। वहां हमें 29 अक्‍टूबर का एक ट्वीट मिला। इसमें बताया गया कि किसी भी वेबसाइट, टेलीकॉल्‍स, एसएमएस, ईमेल और सोशल मीडिया के फेक ऑफर्स से सचेत रहें। इसमें साफतौर पर बताया गया कि किस प्रकार के फेक मैसेज घूम रहे हैं।

ज्‍यादा जानकारी के लिए हमने नई दिल्‍ली (वेस्‍ट) के अस्टिटेंट कमिश्‍नर बीके सिन्‍‍हा से संपर्क किया। उन्‍होंने बताया कि वायरल मैसेज में जैसा दावा किया जा रहा है, वैसी कोई सूचना नहीं है।

अंत में विश्‍वास न्‍यूज ने अबुल हसन के फेसबुक अकाउंट की सोशल स्‍कैनिंग की। इसे हमें पता लगा कि यूजर गुलबर्गा में रहता है। इसी यूजर ने पीएफ से जुड़ी फर्जी खबर शेयर की।

निष्‍कर्ष : विश्‍वास न्‍यूज की पड़ताल में पता चला कि EPFO को लेकर जो मैसेज वायरल हो रहा है, इसमें कोई सच्‍चाई नहीं है।

False
Symbols that define nature of fake news
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