विश्वास न्यूज ने जांच में पाया की सोशल मीडिया पर गृह मंत्रालय के नाम से वायरल किया जा रहा दावा गलत है। न तो गृह मंत्रालय की तरफ से ऐसी कोई पोस्ट जारी की गई है और न ही गृह मंत्रालय में विश्वजीत मुखर्जी नाम का कोई अधिकारी है। लोग गलत दावा वायरल कर रहे हैं।
नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। सोशल मीडिया के अलग-अलग प्लेटफॉर्म पर गृह मंत्रालय के नाम से एक मैसेज वायरल हो रहा है। पोस्ट में वरिष्ठ जांच अधिकारी विश्वजीत मुखर्जी के हवाले से दावा किया गया है कि दिवाली पर चीन भारत में अस्थमा फैलाने वाले पटाखे भेज रहा है, ताकि वो भारत में अस्थमा और नेत्र रोग फैला सके।
विश्वास न्यूज की जांच में पाया कि गृह मंत्रालय के नाम से वायरल दावा गलत है। असल में गृह मंत्रालय की तरफ से ऐसा कोई संदेश जारी नहीं किया है और ना ही गृह मंत्रालय में विश्वजीत मुखर्जी नाम का कोई अधिकारी है। लोग गलत पोस्ट सोशल मीडिया पर शेयर कर रहे हैं।
फेसबुक यूजर Ramlal Choudhary Aanjna Patel ने 13 अक्टूबर 2024 को वायरल पोस्ट को शेयर करते हुए लिखा है, “महत्वपूर्ण सूचना… खुफिया जानकारी के मुताबिक, चूंकि पाकिस्तान भारत पर सीधे हमला नहीं कर सकता, इसलिए उसने भारत से बदला लेने की मांग की है। चीन ने भारत में अस्थमा फैलाने के लिए कार्बन मोनोऑक्साइड गैस से भी ज्यादा जहरीले पटाखों का विकास किया है। इसके अलावा भारत में आंखों की बीमारियों को फैलने के लिए विशेष लाइट डेकोरेटिव लैंप भी विकसित किए जा रहे हैं जो अंधेपन का कारण बनता है। पारे का बहुत उपयोग किया गया है, कृपया इस दिवाली सावधान रहें और इन चीनी उत्पादों का उपयोग न करें। इस संदेश को सभी भारतीयों तक पहुंचाएं। जय हिन्द….विश्वजीत मुखर्जी, वरिष्ठ जांच अधिकारी, गृह मंत्रालय, भारत सरकार (छ.ग.)….प्राप्त होने पर अपने सभी ग्रुपों एवम् मित्रों रिश्तेदारों को शेयर जरुर करें.. और इस दीपावली चाइनीज पटाखें बिल्कुल भी ना खरीदें..साभार..”
पोस्ट के आर्काइव लिंक को यहां देखा जा सकता है।
वायरल दावे को लेकर हमने संबंधित कीवर्ड्स से गूगल पर सर्च किया। हमें दावे से जुड़ी कोई भी विश्वसनीय मीडिया रिपोर्ट नहीं मिली।
सर्च के दौरान हमें वायरल पोस्ट साल 2016 और 2017 में कई फेसबुक पोस्ट पर शेयर मिली। जिससे यह तो साफ़ है कि यह पोस्ट हालिया नहीं है, बल्कि पहले से वायरल है।
जांच को आगे बढ़ाते हुए हमने गृह मंत्रालय की वेबसाइट को खंगाला। हमें यहां दावे से जुड़ी कोई जानकारी नहीं मिली। इसके बाद हमने विश्वजीत मुखर्जी के बारे में सर्च करना शुरू किया। हमने वेबसाइट पर मौजूद अधिकारियों की लिस्ट को देखा। यहां हमें विश्वजीत गुप्ता नाम तो मिला, पर विश्वजीत मुखर्जी नाम के किसी भी शख्स का नाम सूची में नहीं मिला।
यह पहली बार नहीं है, जब इस मैसेज को शेयर किया गया है। इससे पहले भी यह दावा सोशल मीडिया पर समय-समय पर वायरल किया गया है। उस समय हमने पोस्ट को लेकर दैनिक जागरण की तरफ से गृह मंत्रालय कवर करने वाले नेशनल ब्यूरो के पत्रकार नीलू रंजन से बात की थी। उन्होंने बताया था, “यह मैसेज फर्जी है। सोशल मीडिया पर काफी साल से यह पोस्ट वायरल हो रही है। सरकार ने ऐसा कोई मैसेज जारी नहीं किया है। गृह मंत्रालय भी इस दावे को फेक बता चुका है। फैक्ट चेक रिपोर्ट को यहां पढ़ा जा सकता है।
अंत में हमने पोस्ट शेयर करने वाले यूजर की प्रोफाइल को स्कैन किया। पता चला कि यूजर को 5 हजार से ज्यादा लोग फॉलो करते हैं। यूजर ने स्वयं को राजस्थान के पाली का रहने वाला बताया है।
निष्कर्ष: विश्वास न्यूज ने जांच में पाया की सोशल मीडिया पर गृह मंत्रालय के नाम से वायरल किया जा रहा दावा गलत है। न तो गृह मंत्रालय की तरफ से ऐसी कोई पोस्ट जारी की गई है और न ही गृह मंत्रालय में विश्वजीत मुखर्जी नाम का कोई अधिकारी है। लोग गलत दावा वायरल कर रहे हैं।
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