Fact Check: JNU के मौजूदा हॉस्टल फीस के दावे के साथ वायरल सूची फर्जी, सोशल मीडिया पर फैलाई जा रही पुरानी सूची
- By: Abhishek Parashar
- Published: Nov 19, 2019 at 11:34 AM
- Updated: Nov 19, 2019 at 11:58 AM
(नई दिल्ली)। जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय ( जेएनयू) में हॉस्टल फीस में हुए इजाफे को लेकर चल रहे टकराव के बीच सोशल मीडिया पर फीस से जुड़ा एक नोटिफिकेशन वायरल हो रहा है। दावा किया जा रहा है कि जेएनयू के हॉस्टल की यह मौजूदा फीस संरचना है।
विश्वास न्यूज की पड़ताल में यह दावा गलत निकला। जेएनयू के हॉस्टल फीस के दावे के साथ जो पोस्ट वायरल हो रहा है, वह पुराना है।
क्या है वायरल पोस्ट में?
फेसबुक यूजर ‘Prem Pues Kumar’ ने ‘JNU Hostel Fees Current’ लिखते हुए नोटिफिकेशन का स्क्रीन शॉट लगाया है।
पड़ताल
जेएनयू में हॉस्टल फीस बढ़ोतरी को लेकर छात्र और विश्वविद्यालय प्रशासन आमने-सामने हैं। फीस बढ़ोतरी से नाराज छात्र संसद का घेराव कर रहे हैं। 18 नवंबर से संसद के शीतकालीन सत्र की शुरुआत हो रही है और पहले ही दिन छात्रों ने संसद की तरफ मार्च निकाला है।
सर्च में हमें जेएनयू की वेबसाइट पर विश्वविद्यालय प्रशासन की तरफ से 13 नवंबर 2019 को जारी किया प्रेस रिलीज मिला, जिसमें मौजूदा फीस और प्रस्तावित बढ़ोतरी के बारे में जानकारी दी गई है।
रिलीज में गई जानकारी के मुताबिक मौजूदा फीस स्ट्रक्चर इस प्रकार है-
क्रॉकरी और बर्तन के लिए वसूला जाने वाला शुल्क (सालाना) 250 रुपये है, जिसमें कोई बदलाव नहीं किया गया है।
न्यूजपेपर के लिए वसूला जाने वाला शुल्क 50 रुपये सालाना है, जिसमें कोई बदलाव नहीं किया गया है।
कमरे (सिंगल सीटर) का किराया प्रति महीने 20 रुपये था, जिसे बढ़ाकर 600 रुपये किया गया, लेकिन छात्रों के विरोध के बाद इसे घटाकर 300 रुपये प्रति महीने कर दिया गया है।
कमरा (डबल सीटर) का मौजूदा किराया 10 रुपये था, जिसे बढ़ाकर 300 रुपये प्रति महीने किया गया, लेकिन छात्रों के विरोध के बाद इसे घटाकर 150 रुपये प्रति महीने कर दिया गया।
जबकि वायरल पोस्ट में न्यूजपेपर के लिए 15 रुपये सालाना और क्रॉकरी और बर्तन के लिए सालाना 50 रुपये शुल्क का जिक्र किया गया है। वहीं, मेस एडवांस शुल्क के तौर पर 750 रुपये का जिक्र किया गया है, जबकि जेएनयू प्रशासन की तरफ से दी गई जानकारी के मुताबिक यह 5500 रुपये सालाना थी, जिसे बढ़ाकर 12,000 रुपये किया गया था लेकिन बाद में इसे घटाकर 5,500 रुपये कर दिया गया।
सतलज हॉस्टल की केयरटेकर सुमन शर्मा ने विश्वास न्यूज को बताया कि वायरल हो रहा नोटिफिकेशन करीब दो साल पुराना है। उन्होंने कहा कि कुछ सालों पहले इसमें बदलाव किया गया था और जब क्रॉकरी और बर्तन के लिए वसूले जाने वाले शुल्क को बढ़ाकर 250 रुपये सालाना और अखबार के लिए वसूले जाने वाले शुल्क को 15 रुपये से बढ़ाकर 50 रुपये कर दिया गया था।
JNU की वेबसाइट पर हमें वह पुराना नोटिफिकेशन भी मिला, जिसे मौजूदा फीस स्ट्रक्चर बताकर वायरल किया जा रहा है।
विश्वास न्यूज ने JNUSU के पूर्व कन्वेनर और स्कूल ऑफ लाइफ साइंसेज (SLS) के एक पोस्ट डॉक्टरल फेलो अवनीश कुमार से बात की। उन्होंने बताया, ‘वायरल हो रहा पोस्ट गलत है, यह जेएनयू के हॉस्टल एवं अन्य फीस का मौजूदा ढांचा नहीं है।’ कुमार ने बताया, ‘फेसबुक पर जिस नोटिफिकेशन को वायरल किया जा रहा है, वह 2016 का है।’
निष्कर्ष: JNU के मौजूदा हॉस्टल एवं अन्य फीस के दावे के साथ वायरल हो रहा सोशल मीडिया पोस्ट गलत और फर्जी है।
- Claim Review : JNU का मौजूदा हॉस्टल फीस
- Claimed By : FB User-Prem Pues Kumar
- Fact Check : भ्रामक
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