X
X

Fact Check: पाकिस्तान में बने करतारपुर साहिब गुरुद्वारा के नाम से वायरल हो रही तस्वीर फर्जी

  • By: Abhishek Parashar
  • Published: Nov 4, 2019 at 03:59 PM
  • Updated: Nov 5, 2019 at 06:05 PM

नई दिल्ली (विश्वास टीम)। सोशल मीडिया पर गुरुद्वारा करतारपुर साहिब के दावे के साथ एक तस्वीर वायरल हो रही है। तस्वीर को शेयर करते हुए उसे लोगों से शेयर करने की अपील की गई है। विश्वास न्यूज की पड़ताल में यह दावा गलत निकला।

क्या है वायरल पोस्ट में?

वायरल पोस्ट में एक मजार की तस्वीर नजर आ रही है। अरबी में लिखी चादर से लिपटी मजार के पास पैसों का ढेर लगा हुआ है।


सोशल मीडिया पर करतारपुर साहिब के नाम से वायरल हो रही फर्जी तस्वीर

तस्वीर के साथ लिखा हुआ है, ”दर्शन करो जी। पाकिस्तान के करतारपुर साहिब के गुरुद्वारा साहिब का। बहुत मुश्किल नाल इह पिक्स पाकिस्तान तो मंगवाया है। एह ओह स्थान है, जहां गुरु नानक देव जी कई साल रहे और ज्योति जोत समाए। आगे शेयर करो और सबको दर्शन कराओ।”

पड़ताल

3 नवंबर 2019 को पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से पाकिस्तान में स्थित करतारपुर गुरुद्वारा साहिब की तस्वीर शेयर की थी। तस्वीरों को शेयर करते हुए उन्होंने लिखा था, ‘गुरु नानक की 550वीं जयंती से पहले बेहद कम समय में करतारपुर कॉरिडोर को तैयार किए जाने के लिए मैं अपनी सरकार को बधाई देता हूं।’

इस ट्वीट के साथ उन्होंने गुरुद्वारे की कई तस्वीरों को भी ट्वीट किया था। इस ट्वीट के साथ एक और अन्य ट्वीट करते हुए उन्होंने लिखा, ‘करतारपुर सिख श्रद्धालुओं का स्वागत करने के लिए तैयार है।’

न्यूज रिपोर्ट्स के मुताबिक, 9 नवंबर को करतारपुर कॉरिडोर का शुभारंभ किया जाएगा। करतारपुर कॉरिडोर भारत के पंजाब में मौजूद डेरा बाबा नानक गुरुद्वारे से करतारपुर में बने दरबार साहिब से जोड़ेगा।

सर्च में हमें जियो न्यूज का एक न्यूज लिंक मिला, जिसमें करतारपुर साहिब की पुरानी तस्वीरें शामिल हैं। 28 नवंबर 2018 को अपडेट किए गए वेब पेज पर करतारपुर साहिब की कई तस्वीरों को देखा जा सकता है।


करतारपुर साहब में प्रार्थना करते हुए सिख श्रद्धालु (Image Credit-Geo News)

करतारपुर साहब में प्रार्थना करते हुए सिख श्रद्धालु (Image Credit-Geo News)

विश्वास न्यूज ने इसे लेकर शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमिटी (अमृतसर) के प्रवक्ता कुलविंदर सिंह से बात की। सिंह ने हमें बताया, ‘वायरल हो तस्वीर किसी अन्य जगह की हो सकती है, लेकिन यह करतारपुर साहिब की नहीं है।’

उन्होंने हमें करतारपुर साहिब की ताजा तस्वीरें भी भेजी, जिन्हें यहां देखा जा सकता है। दोनों ही तस्वीरों में वह मजार नजर नहीं आ रही है, जो वायरल तस्वीर में प्रमुखता से देखी जा सकती है।

शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (अमृतसर) के प्रवक्ता कुलविंदर सिंह की भेजी तस्वीर

यानी जो तस्वीरें सोशल मीडिया पर करतारपुर साहिब के नाम से वायरल हो रही है, उसका वास्तविकता से कोई लेना-देना नहीं है।

रिवर्स इमेज सर्च में हमें फेसबुक पर एक पेज मिला, जिस पर वायरल तस्वीर को करीब दो साल पहले अपलोड किया गया है। फेसबुक पर  ‘’ALI Masjid & Shadulla BABA DARGA .alirajpet’’ नाम से बने इस पेज पर वायरल तस्वीर को 7 सितंबर 2017 को अपलोड किया गया है। दावे के मुताबिक यह तस्वीर अली मस्जिद एंड शादुल्ला बाबा दरगाह (अलीराजपेट) की है। इस पेज पर दिए गए नंबर से जब हमने संपर्क किया तो एस मोहम्मद नाम के व्यक्ति ने बताया, ‘ यह तस्वीर तेलंगाना के सिद्दीपेट में मौजूद शाहदुल्ला बाबा का मजार है।’ हालांकि, विश्वास न्यूज स्वतंत्र रूप से इस दावे की पुष्टि नहीं करता है।

विश्वास न्यूज ने इसे लेकर दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के मीडिया एडवाइज़र कुलवंत सिंह से भी बात की। उन्होंने कहा, “सिखों में मजारों और कब्रों की पूजा करने की सख्त मनाही है। यह मजार अगर कहीं होगी भी तो गुरुद्वारा साहिब के बाहर की होगी। मुझे इस बात की जानकारी नहीं है कि यह मजार कहां की है।”

निष्कर्ष: सोशल मीडिया पर पाकिस्तान के पंजाब में मौजूद करतारपुर गुरुद्वारा साहिब के नाम से वायरल हो रही तस्वीरें फर्जी है। जो तस्वीरें गुरुद्वारा साहिब के नाम से वायरल हो रही हैं, वह किसी मजार की है।

  • Claim Review : गुरुद्वारा साहिब करतारपुर का दर्शन करने की अपील
  • Claimed By : FB User-Sikh Pride
  • Fact Check : झूठ
झूठ
फेक न्यूज की प्रकृति को बताने वाला सिंबल
  • सच
  • भ्रामक
  • झूठ

पूरा सच जानें... किसी सूचना या अफवाह पर संदेह हो तो हमें बताएं

सब को बताएं, सच जानना आपका अधिकार है। अगर आपको ऐसी किसी भी मैसेज या अफवाह पर संदेह है जिसका असर समाज, देश और आप पर हो सकता है तो हमें बताएं। आप हमें नीचे दिए गए किसी भी माध्यम के जरिए जानकारी भेज सकते हैं...

टैग्स

अपनी प्रतिक्रिया दें

No more pages to load

संबंधित लेख

Next pageNext pageNext page

Post saved! You can read it later