Fact Check: केमिकल मिलाकर फल-सब्ज़ी बेचने वाला फतवा फ़र्ज़ी, दारुल उलूम देवबंद ने नहीं जारी किया ऐसा कोई फरमान

विश्वास न्यूज़ ने अपनी पड़ताल में पाया कि हिन्दुओं के खिलाफ वायरल किया जा रहा यह फतवा दारुल उलूम देवबंद ने जारी नहीं किया है। वायरल की जा रही पोस्ट पूरी तरह बेबुनियाद है।

नई दिल्ली (विश्वास न्यूज़)। सोशल मीडिया पर दारुल उलूम देवबंद के नाम पर एक फ़र्ज़ी फतवा वायरल हो रहा है। जिसमें कथित तौर पर कहा जा रहा है कि दारुल उलूम देवबंद ने मुसलामनों के लिए एक फरमान जारी किया है और उसमें कहा गया है कि हिन्दुओं की बस्ती और गांव में केमिकल मिला कर ख़राब क्वालिटी के खाने की चीज़े बेचें, ताकि वह सब बीमार हो सके। अब इसी फ़र्ज़ी फतवे को यूजर सच मानकर शेयर कर रहे हैं। विश्वास न्यूज़ ने अपनी पड़ताल में पाया कि यह फरमान फ़र्ज़ी है। दारुल उलूम देवबंद ने ऐसा कोई फतवा जारी नहीं किया है।

क्या है वायरल पोस्ट में ?

फेसबुक यूजर ‘विष्णु गुप्ता’ ने एक ट्वीट का स्क्रीनशॉट शेयर किया, जिसमें यूजर ‘मौलाना गयूर शेख’ ने लिखा था, ‘फतवा: तमाम मुस्लिम भाइयों से इल्तिजा है हिन्दू कोफिर बस्ती व गांव, इलाकों में केमिकल मिला कर घटिया क्वालिटी के फल, सब्ज़ी, दूध पनीर, आइसक्रीम आदि चीज़ें बेचे ताकि कोफिर जमात व उनके बच्चे भरी तादाद में बीमारी की गिरफ्त में आएं: फरमान मदरसा उलूम देवबंद”.

पोस्ट के आर्काइव वर्जन कोई यहाँ देखें।

पड़ताल

अपनी पड़ताल को शुरू करते हुए सबसे पहले हमने यह जानने की कोशिश की कि क्या दारुल उलूम देवबंद की तरफ से ऐसा कोई फतवा जारी किया गया है। सच्चाई को जानने के लिए हमने मुनासिब कीवर्ड डाल कर गूगल न्यूज़ सर्च किया। सर्च में हमारे हाथ ऐसी कोई खबर नहीं लगी, जो इस दावे को सही साबित करती हो।

दारुल उलूम देवबंद की वेबसाइट पर भी हमें ऐसा कोई फतवा नज़र नहीं आया, जिसका दावा वायरल पोस्ट में किया जा रहा है।

विश्वास न्यूज़ ने दारुल उलूम देवबंद के मीडिया इंचार्ज अशरफ उस्मानी से बात की और उनके साथ वायरल पोस्ट शेयर की। उन्होंने हमें बताया, यह पोस्ट पिछले छः महीनों से वायरल है। हमने इसकी शिकायत भी दर्ज करा दी है। दारुल उलूम ने ऐसा कोई फतवा जारी नहीं किया है। कुछ शरारती तत्वों ने दारुल उलूम को बदनाम करने के लिए ऐसा वायरल किया है, लेकिन यह बेबुनियाद है।

फ़र्ज़ी पोस्ट को शेयर करने वाले फेसबुक यूजर विष्णु गुप्ता की सोशल स्कैनिंग में हमने पाया कि इस पेज से एक खास विचारधारा से जुडी पोस्ट शेयर की जाती है। वहीँ, यूजर को 15,788 लोग फॉलो करते हैं।

निष्कर्ष: विश्वास न्यूज़ ने अपनी पड़ताल में पाया कि हिन्दुओं के खिलाफ वायरल किया जा रहा यह फतवा दारुल उलूम देवबंद ने जारी नहीं किया है। वायरल की जा रही पोस्ट पूरी तरह बेबुनियाद है।

False
Symbols that define nature of fake news
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