Fact Check : पीएम मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति की मीटिंग की वायरल तस्वीर एडिटेड है

प्रधानमंत्री आवास पर 8 सितंबर को हुई मीटिंग की तस्‍वीर के साथ छेड़छाड़ करके वायरल किया गया। असली तस्‍वीर में कहीं भी महाभारत की पेटिंग नहीं है।

Fact Check : पीएम मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति की मीटिंग की वायरल तस्वीर एडिटेड है

नई दिल्‍ली (विश्‍वास न्‍यूज)। जी-20 का आयोजन भले ही समाप्‍त हो गया हो, लेकिन इसके नाम पर फर्जी और भ्रामक वीडियो और तस्‍वीरों के वायरल होने का सिलसिला जारी है। अब एक तस्‍वीर का इस्‍तेमाल करते हुए दावा किया जा रहा है कि जी-20 के आयोजन स्‍थल भारत मंडपम में मीटिंग वाले स्‍थान पर महाभारत का चित्र लगाया गया था। विश्‍वास न्‍यूज ने वायरल तस्‍वीर की जांच की। सच्‍चाई कुछ और ही निकली। दरअसल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्‍ट्रपति जो बाइडेन की वायरल तस्‍वीर एडिटेड है। प्रधानमंत्री आवास पर 8 सितंबर को हुई मीटिंग की तस्‍वीर के साथ छेड़छाड़ करके वायरल किया गया। असली तस्‍वीर में कहीं भी महाभारत की पेटिंग नहीं है।

क्‍या हो रहा है वायरल

फेसबुक यूजर अजय मिश्रा ने 11 सितंबर को एक पोस्‍ट करते हुए दावा किया, “जय श्री कृष्ण। यदा यदा हि धर्मस्य ग्लानिर्भवति भारत:। अभ्युत्थानमधर्मस्य तदात्मानं सृजाम्यहम्॥ परित्राणाय साधूनाम् विनाशाय च दुष्कृताम्। धर्मसंस्थापनार्थाय सम्भवामि युगे युगे॥ भारत मंडपम में मीटिंग में पीछे वॉल पे महाभारत का पिक लगा है जो ये दर्शा रहा, चाहे कितना षड्यंत्र हो धर्म की स्थापना होके रहेगी। नया भारत। सनातन भारत।”

वायरल पोस्‍ट के कंटेंट को यहां ज्‍यों का त्‍यों लिखा गया है। इसे सच मानकर दूसरे यूजर्स भी वायरल कर रहे हैं। पोस्‍ट का आर्काइव वर्जन यहां देखें।

https://twitter.com/MYogiDevnath/status/1700716355379716323

पड़ताल

अमेरिकी राष्‍ट्रपति और भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की वायरल तस्‍वीर की सच्‍चाई जानने के लिए सबसे पहले प्रधानमंत्री के सोशल मीडिया अकाउंट को स्‍कैन करना शुरू किया। नरेंद्र मोदी के आधिकारिक फेसबुक अकाउंट पर 8 सितंबर को अपलोड कुछ तस्‍वीरें मिलीं। इसमें पीएम मोदी और अमेरिकी राष्‍ट्रपति की मुलाकात की तस्‍वीरें अपलोड की गई थी। यह मुलाकात प्रधानमंत्री आवास 7 लोक कल्याण मार्ग में हुई थी। इन्‍हीं तस्‍वीरों में हमें वह ऑरिजिनल तस्‍वीर भी मिली, जिसके साथ छेड़छाड़ करके बैकग्राउंड में महाभारत की पेंटिंग को जोड़कर वायरल किया गया।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सोशल मीडिया अकाउंट पर मौजूद तस्‍वीर

वायरल तस्‍वीर और असली तस्‍वीर के कोलाज को नीचे देखा जा सकता है। इसमें साफ देखा जा सकता है कि किस प्रकार से असली तस्‍वीर के साथ छेड़छाड़ करके वायरल तस्‍वीर को तैयार किया गया है।

पड़ताल को आगे बढ़ाते हुए बाइडेन-मोदी की मुलाकात के बारे में और ज्‍यादा सर्च करना शुरू किया। पीएम मोदी के यूट्यूब चैनल पर हमें 8 सितंबर को अपलोड एक वीडियो मिला। इसमें भी साफ देखा जा सकता है कि अमेरिकी राष्‍ट्रपति और पीएम मोदी जहां बैठे थे, उसके पीछे की दीवार पर कोई पेंटिंग नहीं थी।

सर्च के दौरान पीआईबी की वेबसाइट पर संबंधित मीटिंग की तस्‍वीरें मिलीं। इस वार्ता की कई तस्‍वीरों को पीआईबी की ओर से रिलीज की गई थी।

वायरल तस्‍वीर के बारे में और ज्‍यादा जानकारी के लिए विश्‍वास न्‍यूज ने दैनिक जागरण के राष्ट्रीय ब्यूरो प्रमुख आशुतोष झा से संपर्क किया। उन्‍होंने जानकारी देते हुए बताया कि वायरल तस्‍वीर एडिटेड है।

पड़ताल के अंत में फर्जी पोस्‍ट को वायरल करने वाले यूजर की जांच की गई। फेसबुक यूजर अजय मिश्रा एक राजनीतिक दल से जुड़े हुए हैं। इन्‍हें 11 हजार लोग फॉलो करते हैं। यूजर दिल्‍ली में रहते हैं।

निष्‍कर्ष : विश्‍वास न्‍यूज की पड़ताल में वायरल पोस्‍ट फर्जी साबित हुई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्‍ट्रपति जो बाइडेन की प्रधानमंत्री आवास में हुई बैठक की तस्‍वीर को एडिट करके वायरल किया गया। असली तस्‍वीर में दोनों नेताओं के पीछे वाली दीवार में कोई पेंटिंग नहीं थी।

False
Symbols that define nature of fake news
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