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Fact Check : मणिपुर की राज्यपाल अनुसुइया उइके के नाम से फर्जी दावा हुआ वायरल 

विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया वीडियो में नजर आ रही महिला मणिपुर की राज्यपाल अनुसुइया उइके नहीं, बल्कि शबनम जैन कुंद्रा हैं। यह कार्यक्रम आरएसएस ने नहीं, बल्कि राष्ट्रहित सर्वोपरि संगठन ने दिल्ली के साकेत में आयोजित किया था, जिसके वीडियो को गलत दावे के साथ शेयर किया जा रहा है।

विश्वास न्यूज (नई दिल्ली)। सोशल मीडिया पर एक कार्यक्रम का वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है। वीडियो में एक व्यक्ति मणिपुर में एनआरसी लागू करने के बारे में बोलता हुआ नजर आ रहा है। साथ ही पास में एक महिला बैठी हुई नजर आ रही है। इस वीडियो को शेयर कर दावा किया जा रहा है कि यह कार्यक्रम राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने आयोजित किया था और वीडियो में नजर आ रही महिला मणिपुर की राज्यपाल अनुसुइया उइके हैं। 

विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया वायरल दावा गलत है। वीडियो में नजर आ रही महिला मणिपुर की राज्यपाल अनुसुइया उइके नहीं, बल्कि शबनम जैन कुंद्रा हैं। यह कार्यक्रम आरएसएस ने नहीं, बल्कि राष्ट्रहित सर्वोपरि संगठन ने दिल्ली के साकेत में आयोजित किया था, जिसके वीडियो को गलत दावे के साथ शेयर किया जा रहा है।

क्या हो रहा है वायरल ?

फेसबुक यूजर ‘महताब आलम क़ुरैशी’ ने वायरल वीडियो को शेयर करते हुए कैप्शन में लिखा है, “मणिपुर की संवैधानिक राज्यपाल, अल्पसंख्यक कुकी ईसाईयों के खिलाफ नफरत से प्रेरित एजेंडे के तहत आरएसएस प्रायोजित बैठक में शामिल….अल्पसंख्यकों के विरुद्ध हो रहे प्रायोजित हिंसा में संवैधानिक सिस्टम का कोई हाथ नहीं?”

पोस्ट के आर्काइव लिंक को यहां पर देखें।

पड़ताल 

वायरल दावे की सच्चाई जानने के लिए हमने गूगल पर संबंधित कीवर्ड्स से सर्च करना शुरू किया। हमें 19 अगस्त 2023 को मणिपुर पुलिस की ओर से एक्स पर की गई एक पोस्ट मिली। मणिपुर पुलिस ने दावे का खंडन करते हुए अंग्रेजी में कैप्शन में लिखा है, “यह महिला मणिपुर की राज्यपाल नहीं हैं। फेक पोस्ट को शेयर करने वाली यूजर के खिलाफ साइबर क्राइम ने एफआईआर कर ली है।”

मणिपुर राजभवन ने भी ट्वीट कर इसका खंडन किया है।

प्राप्त जानकारी के आधार पर हमने  गूगल पर संबंधित कीवर्ड्स से सर्च करना शुरू किया। हमें इस वीडियो से जुड़ी एक वीडियो रिपोर्ट आईएसटीवी लाइव नामक एक यूट्यूब चैनल पर मिली। वीडियो को 11 अगस्त 2023 को अपलोड किया गया है। मौजूद जानकारी के मुताबिक, “यह वीडियो दिल्ली में राष्ट्रहित सर्वोपरि संगठन की ओर से आयोजित किए गए एक कार्यक्रम का है।”

पड़ताल के दौरान हमें वीडियो में नजर आ रहे शख्स का फेसबुक अकाउंट मिला। शख्स का नाम  सोहन गिरि है और उन्होंने इस कार्यक्रम से जुड़ी कई तस्वीरों को 10 अगस्त 2023 को अपने अकाउंट पर शेयर किया था। इस अकाउंट को खंगालने पर हमें उनका नंबर वहां पर मिला। हमने उनसे संपर्क किया। उन्होंने हमें बताया, “वायरल दावा पूरी तरीके से गलत है। हमने मणिपुर के मुद्दे को लेकर यह कार्यक्रम 8 अगस्त 2023 को साकेत के सैनिक फार्म में आयोजित किया था। इस कार्यक्रम में कई संगठन आए थे। हमारा और इस कार्यक्रम का आरएसएस से कोई संबंध नहीं है। इस कार्यक्रम को हमारे राष्ट्रहित सर्वोपरि संगठन ने आयोजित किया था। वीडियो में नजर आ रही महिला मणिपुर की राज्यपाल अनुसुइया उइके नहीं, बल्कि शबनम जैन कुंद्रा हैं। शबनम हिंदू सेना की राष्ट्रीय कार्यक्रम समन्वयक हैं।”

अधिक जानकारी के लिए हमने आरएसएस दिल्ली के प्रांत प्रचार प्रमुख रितेश कुमार से संपर्क किया। उन्होंने हमें बताया, “वायरल वीडियो से आरएसएस का कोई संबंध नहीं है। आरएसएस इस तरह के कार्यक्रमों की फंडिंग नहीं करता है। गलत तरीके से आरएसएस का नाम इससे जोड़ा जा रहा है।”

अंत में हमने वीडियो को गलत दावे के साथ शेयर करने वाले यूजर के अकाउंट को स्कैन किया। हमने पाया कि यूजर के 1,531 फॉलोअर्स और 4,982 मित्र हैं। प्रोफाइल पर मौजूद जानकारी के मुताबिक, यूजर महाराष्ट्र का रहने वाला है।

निष्कर्ष : विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया वीडियो में नजर आ रही महिला मणिपुर की राज्यपाल अनुसुइया उइके नहीं, बल्कि शबनम जैन कुंद्रा हैं। यह कार्यक्रम आरएसएस ने नहीं, बल्कि राष्ट्रहित सर्वोपरि संगठन ने दिल्ली के साकेत में आयोजित किया था, जिसके वीडियो को गलत दावे के साथ शेयर किया जा रहा है।

  • Claim Review : मणिपुर की राज्यपाल आरएसएस के कार्यक्रम में।
  • Claimed By : फेसबुक यूजर ‘महताब आलम क़ुरैशी’
  • Fact Check : झूठ
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