विश्वास न्यूज ने जी न्यूज के वायरल स्क्रीनशॉट की जांच की और अपनी जांच में पाया कि वायरल हो रही यह तस्वीर फेक है, जिसे एडिट कर दुष्प्रचार की मंशा से वायरल किया जा रहा है।
विश्वास न्यूज (नई दिल्ली)। सोशल मीडिया के विभिन्न प्लेटफॉर्म्स पर एक न्यूज चैनल का स्क्रीनशॉट वायरल हो रहा है। इसमें लिखा है कि पीएम मोदी पर पुतिन का बड़ा बयान मोदी को बताया बचपन का दोस्त। इस ग्राफिक प्लेट को शेयर कर दावा किया जा रहा है कि रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध के बीच रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने पीएम मोदी से बात की है और उन्हें अपने बचपन का साथी बताया है। विश्वास न्यूज ने अपनी जांच में पाया कि वायरल हो रही यह तस्वीर फेक है, जिसे एडिट कर दुष्प्रचार की मंशा से वायरल किया जा रहा है।
फेसबुक यूजर Munna Bukhari ने वायरल तस्वीर को शेयर करते हुए लिखा है, “निकल गया फेंकू का बचपन का नाता।”
यूजर द्वारा शेयर की गई पोस्ट के कंटेंट को हूबहू लिखा गया है। पोस्ट के आकाईव्ड वर्जन को यहां देखा जा सकता है। एक अन्य यूजर Jitender Solanki ने भी ऐसे ही मिलते-जुलते दावे को अपने अकाउंट पर शेयर किया है।
विश्वास न्यूज ने वायरल स्क्रीनशॉट की सच्चाई जानने के लिए हमने स्क्रीनशॉट को ध्यान से देखा और पाया कि वायरल पोस्ट पर जी न्यूज का लोगो लगा हुआ है। इसके बाद हमने जी न्यूज के आधिकारिक यूट्यूब चैनल को खंगालना शुरू किया। हमें जी न्यूज के कई बुलेटिन दिखे, लेकिन हमें वायरल स्क्रीनशॉट किसी भी बुलेटिन में प्राप्त नहीं हुआ। हमें जी न्यूज के सोशल मीडिया अकाउंट्स को भी खंगाला, लेकिन हमें वायरल दावे से जुड़ी कोई पोस्ट वहां भी प्राप्त नहीं हुई।
पड़ताल को आगे बढ़ाते हुए हमने वायरल स्क्रीनशॉट की तुलना जी न्यूज के बुलेटन के स्क्रीनशॉट से की। इस दौरान हमने पाया कि वायरल स्क्रीनशॉट का फॉर्मेट असली जी न्यूज के बुलेटिन से काफी अलग है। साथ ही हमने यह भी पाया कि वायरल स्क्रीनशॉट पर लिखे शब्दों में भाषा से जुड़ी कई गलतियां है। जिसके बाद ये साफ होता है कि वायरल ग्राफिक प्लेट एडिटेड है।
अधिक जानकारी के लिए हमने जी न्यूज के पत्रकार से संपर्क किया। हमने वायरल दावे को वॉट्सऐप के जरिए उनके साथ शेयर किया। उन्होंने हमें बताया कि वायरल दावा गलत है, यह ग्राफिक प्लेट एडिटेड है। वायरल ग्राफिक प्लेट में भाषा से जुड़ी कई गलतियां मौजूद है, जैसे कि पिएम और युक्रेन। जबकि हमारे न्यूज बुलेटिन में इस तरह की गलतियां नहीं होती है। हम बुलेटिन या ब्रेकिंग न्यूज में विस्मयादिबोधक चिह्न का भी इस्तेमाल नहीं करते हैं। साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि फॉन्ट और GFX प्लेट जी न्यूज पर ऐसा इस्तेमाल नहीं होता।
विश्वास न्यूज ने जांच के आखिरी चरण में उस प्रोफाइल की पृष्ठभूमि की जांच की, जिसने वायरल पोस्ट को साझा किया था। हमने पाया कि यूजर एक विचारधारा से प्रभावित है। यूजर के फेसबुक पर दो सौ से ज्यादा फ्रेंड्स मौजूद हैं।
निष्कर्ष: विश्वास न्यूज ने जी न्यूज के वायरल स्क्रीनशॉट की जांच की और अपनी जांच में पाया कि वायरल हो रही यह तस्वीर फेक है, जिसे एडिट कर दुष्प्रचार की मंशा से वायरल किया जा रहा है।
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