Fact Check: श्रीदेवी की मौत के बाद नहीं हुआ था राष्ट्रीय शोक का एलान, फर्जी है वायरल पोस्ट का दावा

विश्वास न्यूज़ ने इस वायरल पोस्ट की पड़ताल में पाया कि वायरल दावा फर्जी है। श्रीदेवी की मृत्यु के बाद राष्ट्रीय शोक का एलान नहीं हुआ था।

नई दिल्ली (विश्वास न्यूज़)। देश के पहले सीडीएस जनरल बिपिन रावत, उनकी पत्नी मधुलिका रावत और 11 अन्य सैन्यकर्मियों के निधन के बाद से सोशल मीडिया पर एक पोस्ट वायरल हो रही है, जिसमें दावा किया जा रहा है कि जब बॉलीवुड अदाकारा श्रीदेवी की मृत्यु हुई थी तो एक दिन के राष्ट्रीय शोक का एलान हुआ था, जबकि बिपिन रावत और अन्य सैनिकों की मौत के बाद ऐसा कुछ भी नहीं हुआ। विश्वास न्यूज़ ने इस वायरल पोस्ट की पड़ताल में पाया की वायरल दावा फर्जी है। श्रीदेवी की मृत्यु के बाद राष्ट्रीय शोक का एलान नहीं हुआ था।

क्या है वायरल पोस्ट में ?

फेसबुक यूजर ने वायरल पोस्ट को शेयर करते हुए लिखा, ‘श्रीदेवी की मृत्यु पर 1 दिन का राष्ट्रीय शोक लेकिन हमारे देश के सेनानायक विपिन रावत एवं अन्य सैनिकों की मौत पर बाबा जी का ठेंगा। फर्जी राष्ट्रवाद।”

पोस्ट के आर्काइव वर्जन को यहाँ देखें।

पड़ताल

अपनी पड़ताल को शुरू करते हुए सबसे पहले हमने गूगल न्यूज़ सर्च के ज़रिये यह जानने की कोशिश की कि क्या श्रीदेवी की मृत्यु के बाद राष्ट्रीय शोक की घोषणा हुई थी। सर्च में हमें ऐसी कोई खबर नहीं मिली, जो इस दावे को सही साबित करती।

बीबीसी की वेबसाइट पर पब्लिश हुई खबर के मुताबिक, श्रीदेवी की शव यात्रा में उन्हें तिरंगे से लपेटा गया था और राजकीय सम्मान दिया गया था। ”राजकीय सम्मान का मतलब है कि इसका सारा इंतज़ाम राज्य सरकार की तरफ से किया गया था, जिसमें पुलिस बंदोबस्त पूरा था. शव को तिरंगे में लपेटने के अलावा उन्हें बंदूकों से सलामी भी दी गई।”

राष्ट्रीय शोक के विषय पर 1 सितम्बर 2020 को लल्लन टॉप पर लिखे गए आर्टिकल के मुताबिक, ‘सार्वजनिक अवकाश, राष्ट्रीय शोक और राजकीय सम्मान के साथ अंत्येष्टि (फ्यूनरल) तीनों अलग-अलग चीज़ें हैं। श्रीदेवी की मृत्यु के दौरान बाकी दो चीज़ें नहीं थीं, लेकिन उनका अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान के साथ किया गया था, बल्कि राजकीय सम्मान के मामले में भी केवल उनका पार्थिव शरीर तिरंगे से लपेटा गया था।”

न्यूज़ नेशन और अमर उजाला की वेबसाइट पर पब्लिश हुए आर्टिकल के मुताबिक, ‘जब किसी नेता, गणमान्य शख्स का निधन हो जाता है, जिन्होंने देश के लिए अहम योगदान दिया हो, तब राष्ट्रीय शोक की घोषणा की जाती है। राष्ट्रीय शोक उस महान शख्सियत की मृत्यु पर संवेदना, दुख प्रकट करने का एक तरीका है। राष्ट्रीय शोक कितने दिनों का हो, इसका निर्णय सरकार करती है। अब तक की परंपरा को देखें तो राष्ट्रीय शोक एक दिन से लेकर सात दिनों तक देखा गया है।

नवभारत टाइम्स की खबर के मुताबिक, ‘सेवारत और पूर्व प्रधानमंत्री, केंद्रीय मंत्री, राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति और भारत के मुख्य न्यायाधीश ही देशव्यापी राष्ट्रीय शोक के हकदार हैं। मगर समय के साथ नियम बदलते गए। राजकीय शोक को लेकर लिखित रूप में स्पष्ट रूप से कुछ नहीं कहा गया है और न ही इसके लिए कोई SOP है। इसलिए यह सरकार के विवेकाधिकार पर है कि वह किसके निधन को राष्ट्रीय शोक की कैटेगरी में रखती है और देशव्यापी राष्ट्रीय शोक की घोषणा करती है।’

खबरों के मुताबिक, बिपिन रावत के गृह राज्य उत्तराखंड ने तीन दिन के राजकीय शोक की घोषणा की है। ‘प्रदेश में नौ से 11 दिसंबर तक तीन दिनों का राजकीय शोक रहेगा।’

 वायरल पोस्ट से जुड़ी पुष्टि के लिए हमने एंटरटेनमेंट को कवर करने वाली कॉरेस्पॉन्डेंट स्मिता श्रीवास्तव से सम्पर्क किया और वायरल पोस्ट उनके साथ शेयर की। उन्होंने बताया कि श्रीदेवी की मृत्यु के बाद राष्ट्रीय शोक नहीं हुआ था, ये दावा पूरी तरफ गलत है।’

दैनिक जागरण से मंत्रालय को कवर करने वाले संजय मिश्रा ने हमें बताया कि आमतौर पर राष्ट्र शोक सेवारत या पूर्व प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति या केंद्रीय मंत्री की मृत्यु पर होता है। इसके प्रोटोकॉल के मुताबिक, अगर किसी का देश में योगदान है तो उनकी मृत्यु पर भी राष्ट्रीय शोक की घोषणा की जाती है और इसका फैसला सरकार के ज़रिये लिया जाता है।

अब बारी थी फर्जी पोस्ट को शेयर करने वाले फेसबुक यूजर की सोशल स्कैनिंग करने की। हमने पाया कि उसे Khatik Shantilal गुजरात का रहने वाला है।

निष्कर्ष: विश्वास न्यूज़ ने इस वायरल पोस्ट की पड़ताल में पाया कि वायरल दावा फर्जी है। श्रीदेवी की मृत्यु के बाद राष्ट्रीय शोक का एलान नहीं हुआ था।

False
Symbols that define nature of fake news
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