Fact Check: बाबरी मस्जिद निर्माण पर अखिलेश यादव के नाम से वायरल हो रहा यह ट्वीट फेक और एडिटेड है, चुनावी दुष्प्रचार की मंशा से किया जा रहा है वायरल

बाबरी मस्जिद निर्माण को लेकर उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के नाम से वायरल हो रहा ट्वीट फेक है। इस ट्वीट को एडिटिंग की मदद से तैयार कर अखिलेश यादव के खिलाफ चुनावी दुष्प्रचार की मंशा से इसे वायरल किया जा रहा है।

नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के नजदीक आने के साथ ही सोशल मीडिया पर नेताओं और दलों को लेकर किए जाने वाले दुष्प्रचार के मामलों में तेजी आई है। इसी संदर्भ में उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव का एक कथित ट्वीट वायरल हो रहा है, जिसमें कहा गया है कि अगर उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी की फिर से सरकार बनती है तो बाबरी मस्जिद का निर्माण उसी जगह पर कराया जाएगा, जहां आज राम मंदिर का निर्माण हो रहा है।

विश्वास न्यूज की जांच में अखिलेश यादव के नाम से वायरल हो रहा यह ट्वीट फर्जी और एडिटेड निकला। अखिलेश यादव के ट्विटर हैंडल से न तो ऐसा कोई ट्वीट किया गया है और न ही उनकी तरफ से ऐसा कोई बयान दिया गया है। हमारी जांच में उनके नाम से वायरल हो रहा यह ट्वीट उनके खिलाफ चुनावी दुष्प्रचार साबित हुआ। इससे पहले भी ऐसे कई फेक ट्वीट उनके नाम से सोशल मीडिया पर वायरल हो चुका है, जिसकी फैक्ट चेक रिपोर्ट को यहां क्लिक कर पढ़ा जा सकता है।

क्या है वायरल पोस्ट में?

इंस्टाग्राम यूजर ‘hinduvadi.vichardhara’ ने वायरल ट्वीट को शेयर किया है, जिसमें लिखा हुआ है- ”उत्तर प्रदेश में अगर हमारी सरकार बनेगी, तो हम अपने मुस्लिम भाइयों से यह वादा करते हैं कि बाबरी मस्जिद का निर्माण उसी स्थान पर कराएंगे, जहां पर आज राम मंदिर का निर्माण हो रहा है। नहींचाहिएभाजापा।”

अखिलेश यादव के नाम से वायरल हो रहा फेक ट्वीट

सोशल मीडिया पर कई अन्य यूजर्स ने इस तस्वीर को समान और मिलते-जुलते दावे के साथ शेयर किया है।

पड़ताल

अखिलेश यादव ट्विटर पर आधिकारिक रूप से मौजूद हैं और उनकी प्रोफाइल से लगातार उनकी राजनीतिक गतिविधियों और उनके बयानों को साझा किया जाता है। सर्च में हमें उनकी ट्विटर प्रोफाइल पर ऐसा कोई ट्वीट नहीं मिला, जिसमें बाबरी मस्जिद निर्माण को लेकर बयान दिया गया हो।

मस्जिद निर्माण पर दिया गया कोई बयान अपने आप में बड़ी खबर होती, लेकिन हमें सर्च में ऐसी कोई खबर भी नहीं मिली। सर्च में हमें ऐसी कई खबरें मिली, जिसमें राम मंदिर के निर्माण के समर्थन में अखिलेश यादव के बयान का जिक्र है।

तीन मई 2019 को प्रकाशित न्यूज रिपोर्ट के मुताबिक, अखिलेश यादव ने एक चुनावी सभा को संबोधित करते हुए कहा था, ‘राम मंदिर पर उनकी पार्टी और बीजेपी का एजेंडा एक ही है और वह भी संविधान के दायरे में शांतिपूर्ण तरीके से राम मंदिर का निर्माण चाहते हैं।’

NBT की वेबसाइट पर तीन मई 2019 को प्रकाशित खबर

न्यूज सर्च में हमें 15 दिसंबर 2020 को प्रकाशित एक और खबर मिली, जिसमें उनके बयान (अखिलेश यादव बोले- सपा के है भगवान राम, परिवार के साथ करूंगा मंदिर के दर्शन) के बयान का जिक्र है।

एबीपी की वेबसाइट पर 15 दिसंबर 2020 को प्रकाशित रिपोर्ट

विश्वास न्यूज ने इस मामले में समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता राजकुमार भाटी से संपर्क किया। उन्होंने कहा, ‘यह पूरी तरह से फर्जी ट्वीट है, जिसे बीजेपी आईटी सेल ने तैयार किया है। राम मंदिर निर्माण पर समाजवादी पार्टी का शुरू से ही यह स्टैंड रहा है कि कोर्ट इस मामले में जो भी तय करेगा, पार्टी उसका समर्थन करेगी और कोर्ट के फैसले का पार्टी ने समर्थन किया। चुनाव नजदीक आने के साथ ही बीजेपी के आईटी सेल की तरफ से इस तरह का दुष्प्रचार किया जाता है और किसी से यह बात छिपी नहीं है।’

वायरल ट्वीट को गलत दावे के साथ शेयर करने वाले यूजर को इंस्टाग्राम पर करीब 21 हजार से अधिक लोग फॉलो करते हैं।

निष्कर्ष: बाबरी मस्जिद निर्माण को लेकर उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के नाम से वायरल हो रहा ट्वीट फेक है। इस ट्वीट को एडिटिंग की मदद से तैयार कर अखिलेश यादव के खिलाफ चुनावी दुष्प्रचार की मंशा से इसे वायरल किया जा रहा है।

False
Symbols that define nature of fake news
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