नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। कृषि कानूनों की वापसी की मांग को लेकर किसानों के आंदोलन के संदर्भ में सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें एक पुलिस अधिकारी को देखा जा सकता है। दावा किया जा रहा है कि वीडियो में पुलिस की वर्दी में नजर आ रहा पुलिस अधिकारी वास्तव में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) का कार्यकर्ता है।
विश्वास न्यूज की पड़ताल में यह दावा गलत निकला। वायरल वीडियो में नजर आ रहे पुलिस अधिकारी दिल्ली पुलिस में कार्यरत हैं, जिनकी तस्वीर को बूंदी के बीजेपी विधायक अशोक डोगरा का बताकर गलत दावे के साथ वायरल किया जा रहा है।
फेसबुक यूजर ‘Faisal Afaq Ansari’ ने वायरल पोस्ट (आर्काइव लिंक) को शेयर करते हुए लिखा है, ”अपने साथियों के साथ बिना बैच के पुलिस की वर्दी पहनने वाले आदमी आरएसएस का कार्यकर्ता निकला।”
वायरल हो रहे वीडियो के थंबनेल में दो तस्वीरों को देखा जा सकता है। पहली तस्वीर वर्दी पहने हुए पुलिस अधिकारी की है, और दूसरी तस्वीर में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) का एक पोस्टर लगा हुआ है, जिसमें बूंदी से बीजेपी के नेता अशोक डोगरा की तस्वीर लगी हुई है। दावा किया जा रहा है कि वर्दी में नजर आ रहा अधिकारी कोई और नहीं बल्कि अशोक डोगरा ही हैं।
वीडियो में नजर आ रहे पुलिस अधिकारी के बारे में सर्च करने पर हमें इन खबर के वेरिफाइड यू-ट्यूब चैनल पर अपलोड किया गया एक वीडियो मिला, जिसके मुताबिक वीडियो में नजर आ रहे पुलिस अधिकारी का नाम विनोद नारंग है, जो दिल्ली के कनॉट प्लेस थाने के एसएचओ हैं। सर्च में हमें सोशल मीडिया पर उनका प्रोफाइल मिला, जिसमें उनकी तस्वीर लगी हुई।
विश्वास न्यूज इस प्रोफाइल के नारंग का आधिकारिक प्रोफाइल होने के दावे की पुष्टि नहीं करता है लेकिन इसमें लगी तस्वीर वायरल वीडियो में नजर आ रहे पुलिस अधिकारी से मिलती है।
इसके बाद हमने वायरल वीडियो में बीजेपी के पोस्टर पर नजर आ रहे नेता अशोक डोगरा की तस्वीर के बारे में किए गए दावे की पड़ताल के लिए ‘बूंदी अशोक डोगरा’ की वर्ड से सर्च किया। सर्च में हमें डेलीमोशन डॉट कॉम की वेबसाइट पर चार साल पहले अपलोड किया गया एक न्यूज वीडियो बुलेटिन मिला, जिसमें बूंदी के विधायक अशोक डोगरा की तस्वीर देखी जा सकती है।
इससे साफ हो जाता है कि वायरल वीडियो में बीजेपी के पोस्टर पर नजर आ रहे विधायक अशोक डोगरा की तस्वीर को दिल्ली पुलिस के अधिकारी के नाम पर गलत दावे के साथ साझा किया जा रहा है।
केंद्रीय निर्वाचन आयोग की वेबसाइट पर दी गई जानकारी से भी इसकी पुष्टि होती है। आयोग को दिए गए हलफनामे में अशोक डोगरा की तस्वीर को देखा जा सकता है।
दोनों तस्वीरों को मिलाकर देखने पर साफ हो जाता है कि वायरल तस्वीर में नजर आ रहे अधिकारी और बीजेपी के पोस्टर पर नजर आ रहे नेता दो-दो अलग शख्सियत हैं।
विश्वास न्यूज ने इस तस्वीर को लेकर बूंदी निवासी और पत्रकार रघु आदित्य से संपर्क किया। उन्होंने बताया, ‘वीडियो में नजर आ रहे पुलिस अधिकारी और विधायक अशोक डोगरा अलग-अलग व्यक्ति हैं।’
गौरतलब है कि यह वीडियो समान दावे के साथ सोशल मीडिया पर पहले भी वायरल हो चुका है। इससे पहले यह वीडियो नागरिकता संसोधन कानून (CAA) और एनआरसी के खिलाफ हुए प्रदर्शन के दौरान वायरल हुआ था।
निष्कर्ष: बूंदी से बीजेपी के विधायक अशोक डोगरा की तस्वीर को गलत दावे के साथ सोशल मीडिया पर वायरल किया जा रहा है।
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