विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि जशोदाबेन के वायरल तस्वीर को लेकर किया जा रहा दावा गलत है। असली तस्वीर में जशोदाबेन ने आरटीआई आवेदन के दस्तावेज पकड़े हुए हैं, जिन्हें एडिट कर दुष्प्रचार की मंशा से बदल दिया गया है।
नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। सोशल मीडिया पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पत्नी जशोदाबेन की एक कथित तस्वीर तेजी से वायरल हो रही है। तस्वीर में देखा जा सकता है कि जशोदाबेन खड़ी हुई हैं और उन्होंने हाथ में एक पोस्टर पकड़ा हुआ है। इस पोस्टर पर पीएम मोदी को लेकर आपत्तिजनक बातें लिखी हुई है। इस तस्वीर को सोशल मीडिया यूजर्स असली समझकर शेयर कर रहे हैं।
विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि वायरल तस्वीर को लेकर किया जा रहा दावा गलत है। असली तस्वीर में जशोदाबेन ने आरटीआई आवेदन के दस्तावेज पकड़े हुए हैं, जिन्हें एडिट कर दुष्प्रचार की मंशा से बदल दिया गया है।
फेसबुक यूजर ‘महावीर महावीर’ ने वायरल तस्वीर को शेयर करते हुए कैप्शन में लिखा है, “इन्हें तो पहचानते ही होंगे,, देशवासी,, और मोदीभक्त भी।”
तस्वीर पर लिखा हुआ है, “जब मेरे पति मेरे न हो सके तो आपके या देशवासियों के कैसे हो सकेंगे। क्या यही है महिला सशक्तिकरण…? – जशोदाबेन”
वायरल दावे की सच्चाई जानने के लिए हमने फोटो को गूगल रिवर्स इमेज के जरिए सर्च किया। हमें असली तस्वीर नईदुनिया की एक रिपोर्ट में मिली। रिपोर्ट को 11 फरवरी 2016 को प्रकाशित किया गया है। असली तस्वीर में जशोदाबेन ने एक दस्तावेज को पकड़ा हुआ है। रिपोर्ट के मुताबिक, दस्तावेज पूरे ना होने के कारण जशोदाबेन का पासपोर्ट आवेदन खारिज हो गया था, जिसके बाद उन्होंने यह जानने के लिए की पीएम मोदी का पासपोर्ट कैसे बना एक आरटीआई दायर किया था।
अन्य न्यूज रिपोर्ट को यहां पर देखा जा सकता है।
एनडीटीवी की वेबसाइट पर 11 फरवरी 2023 को प्रकाशित एक वीडियो रिपोर्ट के मुताबिक, पासपोर्ट आवेदन के समय जशोदाबेन से शादी से जुड़े दस्तावेज मांगे गए थे। लेकिन वो शादीशुदा होने का सर्टिफिकेट पेश नहीं कर पाई थी, जिसकी वजह से उनकी एप्लिकेशन खारिज कर दी गई थी। इसके बाद उन्होंने आरटीआई दायर पीएम मोदी के पासपोर्ट से जुड़ी जानकारी और एक कॉपी मांगी थी। वीडियो में साफ तौर से देखा जा सकता है कि जशोदाबेन ने हाथ में आरटीआई आवेदन से जुड़े दस्तावेज को पकड़ा हुआ है।
अधिक जानकारी के लिए हमने बीजेपी प्रवक्ता विजय सोनकर संपर्क किया। उन्होंने वायरल दावे का खंडन करते हुए। उसे गलत और एडिटेड बताया है।
वायरल तस्वीर को लेकर हमने गुजराती जागरण के एसोसिएट एडिटर जीवन कपूरिया से संपर्क किया गया। उन्होंने हमें बताया कि वायरल तस्वीर को एडिट किया गया है। असली तस्वीर काफी पुरानी है और उन्होंने हाथ में आरटीआई के दस्तावेज पकड़े हुए हैं।
अंत में एडिटेड फोटो को शेयर करने वाले यूजर के अकाउंट को स्कैन किया। हमने पाया कि यूजर ने खुद को राजस्थान का रहने वाला बताया हुआ है। यूजर को 4.6 हज़ार लोग फॉलो करते हैं।
निष्कर्ष: विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि जशोदाबेन के वायरल तस्वीर को लेकर किया जा रहा दावा गलत है। असली तस्वीर में जशोदाबेन ने आरटीआई आवेदन के दस्तावेज पकड़े हुए हैं, जिन्हें एडिट कर दुष्प्रचार की मंशा से बदल दिया गया है।
डिस्क्लेमर: कुछ अप्रासंगिक हिस्से को हटाते हुए इस रिपोर्ट को हमारी SoP (मानक संचालन प्रक्रिया) और स्थापित कार्य प्रणाली (मेथोडोलॉजी) के मुताबिक अपडेट किया गया है, जिससे इस फैक्ट चेक के नतीजों में कोई बदलाव नहीं आया है।
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