Fact Check: केशव प्रसाद मौर्य का पुराना वीडियो फिर से हुआ वायरल, वीडियो से की गई छेड़छाड़

विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि केशव प्रसाद मौर्य के वायरल वीडियो को दुष्प्रचार की मंशा से गलत दावे के साथ शेयर किया जा रहा है। वीडियो के साथ छेड़छाड़ की गई है और असली बयान को बदल दिया गया है। असली वीडियो साल 2021 का है और किसान आंदोलन के समय का है। केशव प्रसाद मौर्य ने उस समय फेसबुक पर लाइव आकर किसानों को संबोधित करते हुए बीजेपी के खिलाफ नहीं, बल्कि बीजेपी के समर्थन में बयान दिया था, जिसे अब दुष्प्रचार की मंशा से चुनाव से जोड़कर शेयर किया जा रहा है। 

Fact Check: केशव प्रसाद मौर्य का पुराना वीडियो फिर से हुआ वायरल, वीडियो से की गई छेड़छाड़

नई दिल्‍ली (विश्‍वास न्‍यूज)। देश के पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं, इसी बीच सोशल मीडिया पर उत्तर प्रदेश के उप-मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के एक वीडियो को शेयर कर दावा किया जा रहा है कि उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी और भारतीय जनता पार्टी की आलोचना की है। उन्होंने पीएम मोदी की निंदा करते हुए उन्हें देश का अहित करने वाला बताया है।

विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि वायरल वीडियो को दुष्प्रचार की मंशा से गलत दावे के साथ शेयर किया जा रहा है। वीडियो के साथ छेड़छाड़ की गई है और असली बयान को बदल दिया गया है। असली वीडियो साल 2021 का है और किसान आंदोलन के समय का है। केशव प्रसाद मौर्य ने उस समय फेसबुक पर लाइव आकर किसानों को संबोधित करते हुए बीजेपी के खिलाफ नहीं, बल्कि बीजेपी के समर्थन में बयान दिया था, जिसे अब दुष्प्रचार की मंशा से चुनाव से जोड़कर शेयर किया जा रहा है। 

क्या हो रहा है वायरल ?

इंस्टाग्राम यूजर ‘जानलम अंसारी’ ने 21 अक्टूबर 2023 को वायरल वीडियो को शेयर किया है। वीडियो पर लिखा हुआ है, “सच बात को शेयर करो। यह भी सुन लो भाई सच्चाई हकीकत। बीजेपी नेता और आरएसएस वाले अब मोदी को पसंद नहीं करते।”

पोस्ट के आर्काइव लिंक को यहां पर देखें।

पड़ताल 

वायरल दावे की सच्चाई जानने के लिए हमने गूगल पर संबंधित कीवर्ड्स की मदद से सर्च करना शुरू किया। इस दौरान हमें इस वीडियो का लंबा वर्जन राकेश त्रिपाठी नामक एक फेसबुक यूजर के अकाउंट पर मिला। यूजर ने वीडियो को 5 फरवरी 2021 को शेयर किया था। कैप्शन में मुताबिक, “राजनीति में कुछ लोग बहुत नीचे स्तर तक गिर जा रहे हैं, यही कारण है कि जनता ने इन लोगों को नकार दिया है। उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री श्री केशव प्रसाद मौर्य जी इस वीडियो में बहुत ही स्पष्ट शब्दों में अहित शब्द का प्रयोग कर रहे हैं, लेकिन कुछ विपक्षी चा** उच्चारण अहित को हित बताकर अपना हित साधने की कोशिश कर रहे हैं। आप भी वीडियो को सुनिए।”

प्राप्त जानकारी के आधार पर हमने गूगल पर संबंधित कीवर्ड्स की मदद से सर्च करना शुरू किया। हमें वीडियो का लंबा वर्जन केशव प्रसाद मौर्य नामक एक फेसबुक पेज पर मिला। वीडियो को 3 फरवरी 2021 को शेयर किया गया है। मौजूद जानकारी के मुताबिक, यह वीडियो केशव प्रसाद मौर्य के एक फेसबुक लाइव का है। उन्होंने यह लाइव किसान आंदोलन के समय किया था और किसानों को संबोधित किया था। उन्होंने किसानों को पीएम मोदी पर भरोसा रखने की बात कही थी। वीडियो में 1 मिनट 10 सेकंड से लेकर 1 मिनट 28 सेकंड तक केशव प्रसाद मौर्य के वायरल वीडियो वाले बयान को सुना जा सकता है। वो कहते हैं,  “किसान आंदोलन के नाम पर एक साजिश की जा रही है, हमारा जो अन्नदाता किसान हैं, यह देश जानता है। माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के रहते हुए न तो कभी किसानों का अहित हो सकता है न ही देश का अहित हो सकता है, न देशवासियों का अहित हो सकता है। फिर भी जिन लोगों को देश और प्रदेश की जनता ने सत्ता से बेदखल कर दिया है। वह सब किसानों के कंधे का इस्तेमाल करते हुए सरकार के खिलाफ विचार के खिलाफ देश के खिलाफ। एक साजिश का हिस्सा बन गए हैं।” 

24.26 मिनट के इस वीडियो को हमने पूरा सुना। हमें कहीं पर भी केशव प्रसाद मौर्य पीएम मोदी और बीजेपी की आलोचना करते हुए नजर नहीं आए।

हमने गूगल पर संबंधित कीवर्ड्स के जरिए न्यूज रिपोर्ट सर्च करने की कोशिश की। हमें ऐसी कोई रिपोर्ट नहीं मिली, जिसमें यह बताया गया हो कि केशव प्रसाद मौर्य ने पीएम मोदी और बीजेपी की आलोचना की है। 

अधिक जानकारी के लिए हमने यूपी बीजेपी प्रवक्ता अवनीश त्यागी  से संपर्क किया। उन्होंने हमें बताया, “वायरल वीडियो पहले भी कई बार वायरल हो चुका है। हमारी पार्टी और केशव प्रसाद मौर्य  की छवि को खराब करने के लिए वीडियो के साथ छेड़छाड़ कर गलत दावे के साथ शेयर किया जा रहा है। उन्होंने पार्टी के खिलाफ में नहीं, बल्कि पार्टी के समर्थन में बयान दिया था। चुनाव जीतने के लिए अन्य राजनीतिक दल इस तरह की हरकतें कर रहे हैं।”

उत्तर प्रदेश चुनाव के दौरान भी यह दावा वायरल हो चुका है। पूरी रिपोर्ट को यहां पर पढ़ें। 

अंत में हमने वीडियो को गलत दावे के साथ शेयर करने वाले यूजर के अकाउंट को स्कैन किया। हमने पाया कि यूजर के करीब चार सौ फॉलोअर्स हैं। 

निष्कर्ष : विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि केशव प्रसाद मौर्य के वायरल वीडियो को दुष्प्रचार की मंशा से गलत दावे के साथ शेयर किया जा रहा है। वीडियो के साथ छेड़छाड़ की गई है और असली बयान को बदल दिया गया है। असली वीडियो साल 2021 का है और किसान आंदोलन के समय का है। केशव प्रसाद मौर्य ने उस समय फेसबुक पर लाइव आकर किसानों को संबोधित करते हुए बीजेपी के खिलाफ नहीं, बल्कि बीजेपी के समर्थन में बयान दिया था, जिसे अब दुष्प्रचार की मंशा से चुनाव से जोड़कर शेयर किया जा रहा है। 

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