Fact Check: मतगणना से पहले बिहार में EVMs की अदला-बदली का दावा गलत

नई दिल्ली (विश्वास टीम)। बिहार में ईवीएम (इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन) की अदला-बदली के दावे के साथ सोशल मीडिया पर कई तस्वीरें तेजी से वायरल हो रही हैं। दावा किया जा रहा है कि बिहार के सारण और महाराजगंज लोकसभा क्षेत्र के स्ट्रॉन्ग रूम के पास ईवीएम से भरी एक संदिग्ध गाड़ी को पकड़ा गया है, जिसे स्टॉन्ग रूम में प्रवेश कराने की कोशिश की जा रही थी।

विश्वास न्यूज की पड़ताल में यह दावा फर्जी  साबित होता है। वायरल हो रही तस्वीरें ईवीएम की अदला-बदली की नहीं, बल्कि मतगणना से पहले प्रशिक्षण की तैयारियों की हैं।

क्या है वायरल पोस्ट में?

ट्विटर पर राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के वेरिफाइड हैंडल से 20 मई को शाम 6 बजकर 39 मिनट पर कई तस्वीरों को शेयर किया गया।

ट्विटर पर तस्वीरों को शेयर करते हुए दावा किया गया है, ‘अभी-अभी बिहार के सारण और महाराजगंज लोकसभा क्षेत्र स्ट्रोंग रूम के आस-पास मँडरा रही EVM से भरी एक गाड़ी जो शायद अंदर घुसने के फ़िराक़ में थी उसे राजद-कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने पकड़ा। साथ मे सदर BDO भी थे जिनके पास कोई जबाब नही है। सवाल उठना लाजिमी है? छपरा प्रशासन का कैसा खेल??’

ट्विटर पर शेयर किए इस पोस्ट को पड़ताल किए जाने तक 7100 से अधिक बार रिट्वीट किया जा चुका है, वहीं 14 हजार से अधिक लोगों ने इसे पसंद किया है।

पड़ताल

पड़ताल में हमें पता चला कि इसी इमेज को समान और मिलते-जुलते दावे के साथ अन्य यूजर्स ने शेयर किया है।

फेसबुक पर भी बिहार में ईवीएम की अदला-बदली को लेकर समान और मिलते-जुलते दावे के साथ यही तस्वीरें वायरल हो रही हैं। गौर करने वाली बात वीडियो की टाइमिंग है। 23 मई को लोकसभा चुनाव की मतगणना होनी है और उससे पहले ईवीएम की अदला-बदली को लेकर कई सारी तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं।

फेसबुक पर वायरल हुई ईवीएम की अदला-बदली की तस्वीरें

कई न्यूज पोर्टल्स पर भी इस खबर को प्रमुखता से छापा गया है, जिसे सोशल मीडिया यूजर्स ने शेयर किया है।

राष्ट्रीय जनता दल के ट्विटर पर दी गई जानकारी में बताया गया था, ‘’पकड़े गए ईवीएम के साथ सदर प्रखंड के बीडीओ (प्रखंड विकास पदाधिकारी) भी थे, जिसके पास इसका कोई जवाब नहीं था।‘’

दावे की सत्यता को परखने के लिए विश्वास न्यूज ने सारण के सदर बीडीओ रमन सिन्हा से बात की। सिन्हा ने बताया कि सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा दावा बेबुनियाद और बेतुका है, जिसका सच्चाई से कोई-लेना देना नहीं है।

उन्होंने बताया, ‘’मतगणना से पहले कर्मचारियों के प्रशिक्षण के लिए खाली पड़े ईवीएम को ट्रेनिंग के लिए छपरा के लक्ष्मी नारायण ब्राह्मण उच्च विद्यालय ले जाया गया था। प्रशिक्षण से लौटते वक्त यह वाकया हुआ।’’ उन्होंने कहा, ‘’जिला निर्वाचन पदाधिकारी, जो जिला के डीएम ही होते हैं, के आदेश पर 12 ईवीएम को ट्रेनिंग के लिए प्रशिक्षण केंद्र (लक्ष्मी नारायण ब्राह्मण विश्वविद्यालय) भेजा गया था।‘’

सिन्हा ने कहा कि सारण में मतगणना प्रशिक्षण कार्य 20 मई और 22 मई को दो पालियों में निर्धारित किया गया है। उन्होंने कहा, ’20 मई के प्रशिक्षण कार्यक्रम का समापन होने के बाद जब खाली ईवीएम को वापस लाकर रखने की कोशिश की जा रही थी, तभी राजनीतिक दलों के कार्यकर्ताओं ने हंगामा शुरू किया।’ उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय जनता दल के पोलिंग एजेंट लालबाबू राय के सामने खाली पड़े ईवीएम को चेक कराया गया, जिससे वह संतुष्ट होकर वापस चले गए।

जिला निर्वाचन पदाधिकारी (सारण जिलाधिकारी) की तरफ से जारी आदेश से भी इसकी पुष्टि होती है।

सारण समाहरणालय (छपरा) की तरफ से जारी आदेश के मुताबिक, ‘लोक सभा आम निर्वाचन 2019 को सफलतापूर्वक संपन्न कराने हेतु मतगणना कर्मियों का प्रथम प्रशिक्षण दिनांक 20-05-2019 तथा द्वितीय प्रशिक्षण 22-05-2019 को प्रथम पाली 10.00 AM से 01.00 PM एवं द्वितीय पाली 02.00 PM से 05.00 PM तक प्रशिक्षण स्थल लक्ष्मी नारायण ब्राह्मण विश्वविद्यालय, छपरा, सारण में होना तय है।’

आदेश के मुताबिक, ‘प्रशिक्षण स्थल के प्रभारी पदाधिकारी के रूप में राकेश कुमार, सहायक निदेशक, सामाजिक सुरक्षा कोषांग, सारण को प्रतिनियुक्त किया जा रहा है, जो स्टैटिक दंडाधिकारी के रूप में कार्य करेंगे। प्रशिक्षण केंद्र पर EVM एवं VVPAT की देखरेख की जिम्मेदारी प्रभारी पदाधिकारी की होगी। अनुमंडल पदाधिकारी, सदर तथा अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी, छपरा प्रशिक्षण स्थल के सुरक्षा व्यवस्था के संपूर्ण प्रभार में रहेंगे।’

निष्कर्ष: विश्वास न्यूज की पड़ताल में बिहार के सारण और महाराजगंज लोकसभा सीट के स्ट्रॉन्ग रूम में ईवीएम की अदला-बदली का दावा गलत साबित होता है। सोशल मीडिया पर इससे जुड़ी तस्वीरें गलत दावे के साथ वायरल हो रही हैं। 

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Symbols that define nature of fake news
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