Fact Check : महिला के वोट को प्रभावित करती पोलिंग एजेंट का वीडियो पांच साल पुराना

विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि फर्जी वोट डलवाने के वायरल वीडियो को लेकर किया जा रहा दावा भ्रामक है। वायरल वीडियो का हालिया चुनाव से कोई संबंध नहीं है। यह वीडियो साल 2019 से सोशल मीडिया पर अलग-अलग दावों के साथ वायरल है। हालांकि, हम इसकी पुष्टि नहीं करते हैं कि यह वीडियो कहां का है। लेकिन यह तय है कि इसका हालिया लोकसभा चुनाव 2024 से कोई संबंध नहीं है। 

Fact Check : महिला के वोट को प्रभावित करती पोलिंग एजेंट का वीडियो पांच साल पुराना

नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। सोशल मीडिया पर पोलिंग एजेंट का एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है। वीडियो में पोलिंग एजेंट को महिला के वोट को प्रभावित करते हुए देखा जा सकता है। वीडियो को लोकसभा चुनाव 2024 से जोड़ते हुए शेयर कर दावा किया जा रहा है कि पश्चिम बंगाल में फर्जी वोटिंग कराई जा रही है। जबकि कई यूजर्स इस वीडियो को भारतीय जनता पार्टी की ओर से कराई जा रही फर्जी वोटिंग के नाम से शेयर कर रहे हैं।

विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि वायरल वीडियो को लेकर किया जा रहा दावा भ्रामक है। वायरल वीडियो का हालिया चुनाव से कोई संबंध नहीं है। यह वीडियो साल 2019 से सोशल मीडिया पर अलग-अलग दावों के साथ वायरल है। हालांकि, हम इसकी पुष्टि नहीं करते हैं कि यह वीडियो कहां का है। लेकिन यह तय है कि इसका हालिया लोकसभा चुनाव 2024 से कोई संबंध नहीं है। 

क्या हो रहा है वायरल ?

फेसबुक यूजर ज़ैन रज़ी ने 23 अप्रैल 2024 को वायरल वीडियो को शेयर करते हुए कैप्शन में लिखा है, “ऐसे होगे 400 पार…..दलाल मिडिया ओर चुनाव आयोग सो रहा है अब मोन रहेगा क्यू की उसे कुछ दिखाई नहीं देगा की देश के अंदर वोट कैसे डाले जा रहे है।”

पोस्ट के आर्काइव लिंक को यहां पर देखें।

एक्स यूजर बाबा बनारस ने 28 अप्रैल 2024 को वायरल वीडियो को शेयर करते अंग्रेजी में हुए कैप्शन में लिखा है, यह वीडियो पश्चिम बंगाल में हुए मतदान का है। इस पर चुनाव आयोग को कड़ी से कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए और निष्पक्ष तरीके से वोटिंग करानी चाहिए।”

पोस्ट के आर्काइव लिंक को यहां पर देखें।

https://twitter.com/RealBababanaras/status/1784439020975751470

पड़ताल 

वायरल वीडियो  की सच्चाई जानने के लिए हमने गूगल पर संबंधित कीवर्ड्स की मदद से सर्च किया। हमें वायरल वीडियो कई एक्स यूजर के अकाउंट पर शेयर हुआ मिला। विनोद शर्मा (आर्काइव लिंक) नामक एक एक्स यूजर ने वायरल वीडियो को 15 मई 2019 को शेयर किया था। वीडियो को शेयर करते हुए यूजर ने चुनाव आयोग के कार्यों पर सवाल उठाए थे। इसी तरह रीता बनर्जी नामक एक अन्य एक्स यूजर ने 15 मई 2019 को वायरल वीडियो को शेयर करते हुए कैप्शन में गांव में होने वाली वोटिंग पर सवाल उठाए गए हैं। 

प्राप्त जानकारी के आधार पर हमने गूगल पर एक बार फिर अन्य कीवर्ड्स की मदद से सर्च करना शुरू किया। हमें इस दौरान वायरल वीडियो (आर्काइव लिंक) का लंबा वर्जन हैदराबाद के न्यूज चैनल सियासत डेली के आधिकारिक यूट्यूब चैनल पर अपलोड हुआ मिला। वीडियो को 18 मई 2019 को अपलोड किया गया था। रिपोर्ट के मुताबिक, मतदान के दौरान जबरदस्ती वोट डलवाने का यह वीडियो वायरल हो रहा था। इस वीडियो को सोशल मीडिया पर बंगाल का बताया जा रहा था। 

हमारी अब तक की पड़ताल से यह साबित होता है कि वायरल वीडियो का हालिया लोकसभा चुनाव से कोई संबंध नहीं है। यह वीडियो पांच साल पुराना है। हालांकि, हम इसकी पुष्टि नहीं करते हैं कि यह वीडियो कहां का है। 

अधिक जानकारी के लिए हमने दैनिक जागरण के पश्चिम बंगाल के एडिटर जे के वाजपेयी से संपर्क किया। उन्होंने हमें बताया कि वायरल वीडियो कई सालों से सोशल मीडिया पर वायरल है और इसका हालिया लोकसभा चुनाव से कोई संबंध नहीं है। 

अंत में हमने वीडियो को भ्रामक दावे के साथ शेयर करने वाले यूजर के अकाउंट को स्कैन किया। हमने पाया कि यूजर एक विचारधारा से जुड़ी पोस्ट को शेयर करता है। यूजर ने प्रोफाइल पर खुद को उत्तर प्रदेश का रहने वाला बताया है। 

निष्कर्ष : विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि फर्जी वोट डलवाने के वायरल वीडियो को लेकर किया जा रहा दावा भ्रामक है। वायरल वीडियो का हालिया चुनाव से कोई संबंध नहीं है। यह वीडियो साल 2019 से सोशल मीडिया पर अलग-अलग दावों के साथ वायरल है। हालांकि, हम इसकी पुष्टि नहीं करते हैं कि यह वीडियो कहां का है। लेकिन यह तय है कि इसका हालिया लोकसभा चुनाव 2024 से कोई संबंध नहीं है। 

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