Fact Check : शिवराज सिंह चौहान के पुराने वीडियो को एडिट करके किया जा रहा है गलत संदर्भ के साथ वायरल

विश्‍वास न्‍यूज की जांच में पता चला कि शिवराज सिंह चौहान के पुराने वीडियो को एडिट करके गलत संदर्भ में पेश किया जा रहा है।

नई दिल्‍ली (विश्‍वास न्‍यूज)। मध्‍य प्रदेश के मुख्‍यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का दस सेकंड का एक अधूरा वीडियो गलत संदर्भ के साथ वायरल हो रहा है। इस वीडियो को लेकर कुछ लोग दावा कर रहे हैं कि मुख्‍यमंत्री ने आबकारी अमले पर भड़कते हुए कहा कि इतनी दारू फैला दो कि पिएं और पड़े रहें।

विश्‍वास न्‍यूज की जांच में वायरल पोस्‍ट फर्जी निकली। शिवराज सिंह चौहान का एक पुराना वीडियो एडिट करके गलत संदर्भ के साथ कुछ लोग वायरल कर रहे हैं। मप्र पुलिस ने इस संबंध में एफआईआर दर्ज करके जांच शुरू कर दी है।

क्‍या हो रहा है वायरल

फेसबुक यूजर कपिल प्रजापत ने 14 जून को एक वीडियो अपलोड करते हुए लिखा :

“शिवराज की सरकार” या “शराब की सरकार”…?

पड़ताल

सबसे पहले हमने मध्‍य प्रदेश के मुख्‍यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से जुड़े सोशल मीडिया अकाउंट को खंगालना शुरू किया। हमें OfficeofSSC नाम के ट्विटर हैंडल पर 14 जून को किया गया एक ट्वीट मिला। इसमें अभी वायरल हो रहे वीडियो को लेकर बताया गया कि कांग्रेस के डर्टी ट्रिक्स डिपार्टमेंट द्वारा जारी किए गए फेक वीडियो को जो भी ट्वीट और वॉट्सऐप पर शेयर कर रहा है, उसके खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जायेगी। यह ओरिजिनल वीडियो है। मध्य प्रदेश में ओछी राजनीति की कोई जगह नहीं!

इस ट्वीट के नीचे हमें शिवराज सिंह चौहान के ट्विटर हैंडल से 12 जनवरी 2020 को ट्वीट किया गया एक वीडियो मिला। 2:36 मिनट के इस ओरिजनल वीडियो को पूरा देखने के बाद सच्‍चाई हमारे सामने आई। हमें पता चला कि शिवराज सिंह चौहान का यह वीडियो उस वक्‍त का है, जब वह सत्‍ता में नहीं थे। वीडियो में वे पत्रकारों से कैमरे के सामने मप्र की स्थिति को बयां कर रहे हैं। इसी क्रम में उन्‍होंने नई आबकारी नीति का विरोध किया। जगह-जगह शराब की दुकानों का विरोध करते हुए शिवराज सिंह चौहान को देखा जा सकता है।

अब कुछ लोग इसी वीडियो में से सिर्फ 10 सेकंड का फुटेज निकालकर गलत संदर्भ में फैला रहे हैं। अब वायरल हो रहे वीडियो को देखकर ऐसा लग रहा है कि मुख्‍यमंत्री शिवराज सिंह शराब की ब्रिकी को बढ़ाने की बात कर रहे हैं।

पूरे मामले को लेकर भोपाल डीआईजी इरशाद वली ने बताया कि मुख्‍यमंत्री के पुराने वीडियो को कुछ लोग एडिट करके उनकी छवि बिगाड़ने के लिए सोशल मीडिया पर वायरल कर रहे हैं। पूरे मामले की जांच की जा रही है।

अंत में हमने फेसबुक यूजर कपिल प्रजापत के अकाउंट की जांच की। हमें पता चला कि यूजर मध्‍य प्रदेश के इंदौर में रहता है। एक राजनीतिक पार्टी से जुड़ा यह सदस्‍य अपनी विचारधारा के अनुरूप पोस्‍ट करता है। इसके अकाउंट को दिसंबर 2016 को बनाया गया था। इसे 1595 लोग फॉलो करते हैं।

निष्कर्ष: विश्‍वास न्‍यूज की जांच में पता चला कि शिवराज सिंह चौहान के पुराने वीडियो को एडिट करके गलत संदर्भ में पेश किया जा रहा है।

False
Symbols that define nature of fake news
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