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Fact Check: साधु-संतों से बात करते सीएम शिवराज के वीडियो साथ छेड़छाड़ कर चुनावी दुष्प्रचार की मंशा से किया जा रहा वायरल 

विश्वास न्यूज ने अपनी जांच में पाया कि सीएम शिवराज का वायरल वीडियो एडिटेड है और चुनावी दुष्प्रचार की मंशा के साथ शेयर किया जा रहा है। असली वीडियो साल 2020 का है, जब कोरोना काल में वो साधु-संतों के साथ वीडियो कॉल कर उन्हें साथ देने की अपील कर रहे थे। 

  • By: Pragya Shukla
  • Published: Nov 14, 2023 at 03:30 PM
  • Updated: Nov 20, 2023 at 06:05 PM

नई दिल्ली। (विश्वास न्यूज)। मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव प्रचार के बीच सोशल मीडिया पर मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है। वीडियो में वो कथित तौर पर साधु-संतों से आगामी विधानसभा चुनाव के लिए भारतीय जनता पार्टी की तरफ से प्रचार-प्रसार करने के लिए कहते हुए नजर आ रहे हैं, जिसके जवाब में साधु-संत उन्हें मना कर देते हैं और कहते हैं कि इस बार आपका जीतना मुश्किल है। इस वीडियो को लोग सच समझकर चुनाव से जोड़कर शेयर कर रहे हैं। 

विश्वास न्यूज ने अपनी जांच में पाया कि वायरल वीडियो एडिटेड है और चुनावी दुष्प्रचार की मंशा के साथ शेयर किया जा रहा है। असली वीडियो साल 2020 का है, जब कोरोना काल में वो साधु-संतों के साथ वीडियो कॉल कर उन्हें साथ देने की अपील कर रहे थे। 

क्या हो रहा है वायरल ?

फेसबुक यूजर ‘सचिन सोनी’ ने 9 नवंबर 2023 को वायरल वीडियो को शेयर करते हुए कैप्शन में लिखा है, “वायरल वीडियो *संत महात्माओं ने शिवराज और बीजेपी के पक्ष में प्रचार करने से किया इंकार, संत बोले इस बार बीजेपी 50 सीटों में ही सिमट जायेगी।”

पोस्ट के आर्काइव लिंक को यहां पर देखें।

पड़ताल 

वायरल वीडियो की सच्चाई जानने के लिए हमने गूगल पर संबंधित कीवर्ड्स की मदद से सर्च किया। हमें असली वीडियो पंजाब केसरी मध्य प्रदेश के आधिकारिक फेसबुक पेज पर अपलोड हुआ मिला। वीडियो को 28 अप्रैल 2020 को अपलोड किया गया है। मौजूद जानकारी के मुताबिक, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने कोरोना संकट को लेकर साधु-संतों से वीडियो कॉल के जरिए बातचीत की थी। उन्होंने साधु-संतों से इस संकट की घड़ी में साथ देने के लिए कहा था। एक घंटे 21 मिनट के वीडियो में हमें कहीं भी वायरल वीडियो वाली बातों का जिक्र नहीं मिला। 

प्राप्त जानकारी के आधार पर हमने गूगल पर संबंधित कीवर्ड्स की मदद से सर्च किया। हमें वायरल वीडियो से जुड़ी IBC24 के आधिकारिक यूट्यूब चैनल पर मिली। रिपोर्ट को 28 अप्रैल 2020 को शेयर किया गया है। रिपोर्ट के अनुसार, सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कोरोना की चुनौतियों को लेकर साधु-संतों से वीडियो कॉल पर चर्चा की थी। 

अन्य न्यूज रिपोर्ट को यहां पर देखा जा सकता है।

पड़ताल के दौरान हमें असली वीडियो शिवराज सिंह के चौहान के आधिकारिक फेसबुक पेज पर भी शेयर हुआ मिला। असली वीडियो को 28 अप्रैल 2020 को फेसबुक पर लाइव किया गया था। कैप्शन के अनुसार, शिवराज सिंह चौहान ने कोविड चुनौतियों एवं एकात्म बोध विषय पर साधु-संतों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंस की थी। असली वीडियो में शुरूआती 35 सेकेंड से लेकर 45 सेकेंड तक शिवराज वाले वायरल वीडियो के हिस्से को देखा जा सकता है। साधु वाले वायरल वीडियो को असली वीडियो में 12.55 से देखा जा सकता है। इसके बाद ये साफ होता है कि वायरल वीडियो को एडिट कर बनाया गया है और एडिटिंग टूल्स की मदद से ऑडियो को जोड़ा गया है।

अधिक जानकारी के लिए हमने मध्य प्रदेश बीजेपी के कार्यसमिति सदस्य अभय प्रताप सिंह से संपर्क किया। उन्होंने हमें बताया, “चुनाव नजदीक आ गए हैं। इसलिए विपक्षी दल इस तरह के दांव -पेंच खेल कर रहे हैं, ताकि  वो हमारी पार्टी और शिवराज सिंह चौहान को बदनाम कर सकें। यह वीडियो एडिटेड है, मुख्यमंत्री की छवि को खराब करने के लिए वो इस तरह के वीडियो को शेयर कर रहे हैं। इस तरह के एडिटेड वीडियो को शेयर करने से उन्हें कोई फायदा नहीं मिलेगा। मुझे पूरी उम्मीद है। इस बार भी हम ही जीतेगे ।”

हमने गूगल पर कई कीवर्ड्स की मदद से सर्च किया, लेकिन हमें वायरल दावे से जुड़ी कोई रिपोर्ट नहीं मिली कि साधु-संतों ने सीएम शिवराज को चुनाव प्रचार और प्रसार को लेकर आलोचना की है। 

अंत में हमने वीडियो को गलत दावे के साथ शेयर करने वाले यूजर के अकाउंट को स्कैन किया। यूजर के 4,697 मित्र और 4.7 हजार फॉलोअर्स हैं। प्रोफाइल पर यूजर ने खुद को मध्य प्रदेश के रीवा का रहने वाला बताया हुआ है । 

निष्कर्ष: विश्वास न्यूज ने अपनी जांच में पाया कि सीएम शिवराज का वायरल वीडियो एडिटेड है और चुनावी दुष्प्रचार की मंशा के साथ शेयर किया जा रहा है। असली वीडियो साल 2020 का है, जब कोरोना काल में वो साधु-संतों के साथ वीडियो कॉल कर उन्हें साथ देने की अपील कर रहे थे। 

  • Claim Review : संत ने शिवराज और बीजेपी के पक्ष में प्रचार करने से किया इंकार।
  • Claimed By : फेसबुक यूजर ‘सचिन सोनी’
  • Fact Check : झूठ
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