Fact Check: 3 साल पुराने पत्रकारों के विरोध प्रदर्शन की तस्वीर को एडिट करके गलत दावे के साथ किया जा रहा है वायरल

Vishvas News की जांच में यस तस्वीर एडिटेड निकली। असल में यह तस्वीर 3 साल पुरानी है। तस्वीर पत्रकारों के एक विरोध प्रदर्शन की है और फोटो में दिख रहे बोर्ड पर असली तस्वीर में “Shut Camera” लिखा था।

नई दिल्ली (विश्वास न्यूज़)। सोशल मीडिया पर एक फोटो वायरल हो रहा है जिसमें एक लड़की के मुँह पर पट्टी बंधी है और उसने हाथ में एक बोर्ड पकड़ा हुआ है जिसपर लिखा है “No More HATHRAS! NO VOTE TO BJP! #NoVoteToBJP.”

Vishvas News की जांच में यह तस्वीर एडिटेड निकली। असल में यह तस्वीर 3 साल पुरानी है। तस्वीर पत्रकारों के एक विरोध प्रदर्शन की है और फोटो में दिख रहे बोर्ड पर असली तस्वीर में लिखा था “Shut Camera.”

क्या हो रहा है वायरल

इस पोस्ट को Ry Sujan नाम के एक फेसबुक यूजर ने शेयर करते हुए लिखा “NO VOTE TO BJP clearly: NO Vote To BJP Loudly: NO VOTE TO BJP #No Vote To BJP”

इस पोस्ट के आर्काइव लिंक को यहाँ देखा जा सकता है।

पड़ताल

वायरल फोटो की पड़ताल करने के लिए हमने इस तस्वीर को Google रिवर्स इमेज सर्च टूल का उपयोग करके सर्च किया। हमें यह तस्वीर फोटो एजेन्सी एलमी की वेबसाइट पर मिली। यह तस्वीर वायरल तस्वीर से हूबहू मिलती हुई थी, सिवाय लड़की के हाथ में दिख रहे बोर्ड के। इस तस्वीर में बोर्ड पर “Shut Camera” लिखा था। साईट पर तस्वीर के साथ लिखा था (अनुवादित) “कोलकाता, पश्चिम बंगाल, भारत। 11 अप्रैल, 2018। एक महिला ने विरोध प्रदर्शन के दौरान तख्ते को पकडे हुए। सैकड़ों पत्रकारों ने पंचायत नामांकन कवरेज के दौरान पूरे बंगाल में पत्रकारों पर सत्ताधारी पार्टी के कथित हमले का विरोध किया। रैली की शुरुआत मेयो रोड महात्मा गांधी प्रतिमा से हुई। और इसका समापन कोलकाता के डोरिना क्रॉसिंग पर हुआ। बाहों पर काली पट्टी बांधकर और काले दुपट्टे से अपने मुंह को ढंकते हुए शहर के सैकड़ों पत्रकारों, कैमरामैन और फोटो जर्नलिस्ट्स ने विरोध प्रदर्शन में हिस्सा लिया” इसका मतलब ये कि यह तस्वीर 11 अप्रैल 2018 को बंगाल में हुए एक विरोध प्रदर्शन की है।

हमें इसी से मिलती जुलती तस्वीर nationalheraldindia.com की 12 अप्रैल 2018 की पब्लिश्ड एक खबर में भी मिली। इस खबर में इस्तेमाल तस्वीर में भी बोर्ड पर “Shut Camera” लिखा था।

इस विषय में ज़्यादा पुष्टि के लिए हमने हमारे सहयोगी दैनिक जागरण के कोलकाता ब्यूरो प्रमुख जेके वाजपेयी से संपर्क किया। उन्होंने कहा, “वायरल तस्वीर एडिटेड है। असली तस्वीर में बोर्ड पर शट कैमरा लिखा था क्यूंकि यह बंगाल में पत्रकारों पर हो रहे अत्याचार के खिलाफ प्रदर्शन था। असली तस्वीर भी हाल की नहीं है। तस्वीर 2018 में हुए एक विरोध प्रदर्शन की है।”

विश्वास न्यूज ने इस वायरल दावे को शेयर करने वाले यूजर Ry Sujan के प्रोफाइल को स्कैन किया। हमने पाया कि यूजर वेस्ट बंगाल में रहता है और उसे 221 फ़ॉलोअर्स हैं।

निष्कर्ष: Vishvas News की जांच में यस तस्वीर एडिटेड निकली। असल में यह तस्वीर 3 साल पुरानी है। तस्वीर पत्रकारों के एक विरोध प्रदर्शन की है और फोटो में दिख रहे बोर्ड पर असली तस्वीर में “Shut Camera” लिखा था।

False
Symbols that define nature of fake news
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