विश्वास न्यूज की पड़ताल में 2000 के नोट में चिप वाला वायरल वीडियो फर्जी साबित हुआ। दरअसल एक न्यूज चैनल की पड़ताल के वीडियो को गलत और फर्जी संदर्भ के साथ वायरल किया जा रहा है।
नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। देश में नोटबंदी के पांच साल पूरा हो चुके हैं। इसी बीच सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है। इसमें एक न्यूज चैनल की एंकर को दो हजार के नए नोट के बारे में बोलते हुए देखा जा सकता है। विश्वास न्यूज ने वायरल पोस्ट की विस्तार से जांच की तो यह फर्जी साबित हुई। दरअसल एबीपी न्यूज के पुराने फैक्ट चेक न्यूज की खबर के वीडियो के एक हिस्से को काटकर फर्जी दावों के साथ वायरल किया जा रहा है।
फेसबुक यूजर मृत्युंजय शाह ने 8 नवंबर को एक वीडियो को अपलोड करते हुए दावा किया : ‘#नोटबंदी की #बरसी पर #रोमाना का #ज्ञान नहीं सुना तो क्या #खाक सुना…’
फेसबुक पोस्ट के कंटेंट को यहां ज्यों का त्यों लिखा गया है। इसका आर्काइव्ड वर्जन यहां देखें। इसे सच मानकर दूसरे यूजर्स भी फर्जी दावों के साथ वायरल कर रहे हैं।
विश्वास न्यूज ने जब एबीपी न्यूज की एंकर रोमाना इसार खान के सोशल मीडिया अकाउंट को खंगालना शुरू किया तो हमें उनके ट्विटर हैंडल पर एक ट्वीट मिला। 8 नवंबर को किए गए इस ट्विट में उन्होंने एक यूजर की शिकायत करते हुए ट्विटर इंडिया को लिखा था। इसमें उन्होंने लिखा कि उनके एक वीडियो को एडिट करके मिस इन्फॉर्मेशन फैलाई जा रही है। ट्वीट में हमें ओरिजनल खबर का लिंक भी मिला।
एक दूसरे ट्वीट में रोमाना ने लिखा, ‘ये लोग एजेंडे के तहत खबर कांट छांट कर जानबूझकर शेयर करते हैं। इन्हें सच से सरोकार नही !! जबकि तथ्य यही है कि #ViralSach शो में @nikhildubei @rashmini1985 हमने नोट मे चिप वाले दावे की पड़ताल कर बताया था कि #नोटमेनैनोचिप का #दावाझूठा।’
ट्वीट में दिए गए खबर के लिंक पर क्लिक करने पर हमें पता चला कि जिस क्लिप को वायरल किया जा रहा है, वह दरअसल एबीपी के वायरल सच खबर का एक छोटा-सा हिस्सा है। इसे गलत संदर्भ के साथ वायरल किया जा रहा है। इस वायरल सच को 15 नवंबर 2016 को किया गया था।
पड़ताल को आगे बढ़ाते हुए विश्वास न्यूज ने एबीपी न्यूज के वरिष्ठ संपादक से संपर्क किया। उन्होंने बताया कि वायरल क्लिप एडिटेड है। इसे गलत संदर्भ के साथ वायरल किया जा रहा है।
अब हमें यह जानना था कि फर्जी पोस्ट करने वाला यूजर कौन है। फेसबुक यूजर मृत्युंजय शाह की सोशल स्कैनिंग से पता चला कि यूजर ने अपना अकाउंट दिसंबर 2017 को बनाया था। इसे चार हजार से ज्यादा लोग फॉलो करते हैं। यूजर हथुआ का रहने वाला है।
निष्कर्ष: विश्वास न्यूज की पड़ताल में 2000 के नोट में चिप वाला वायरल वीडियो फर्जी साबित हुआ। दरअसल एक न्यूज चैनल की पड़ताल के वीडियो को गलत और फर्जी संदर्भ के साथ वायरल किया जा रहा है।
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