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Fact Check : गोमांस पर दिग्विजय सिंह के पुराने वीडियो को एडिट करके किया गया वायरल

विश्‍वास न्‍यूज ने वायरल वीडियो की जांच की। पता चला कि यह भ्रामक है। दोनों क्लिप पुरानी साबित हुई। वीडियो को एडिट करके दिग्विजय सिंह के खिलाफ दुष्‍प्रचार फैलाने के लिए वायरल किया जा रहा है।

नई दिल्‍ली (विश्‍वास न्‍यूज)। कांग्रेस के वरिष्‍ठ नेता दिग्विजय सिंह को लेकर एक वीडियो वायरल किया जा रहा है। इस वीडियो की शुरुआत में उन्हें यह बोलते हुए दिखाया गया है कि गोमांस खाने में कोई खराबी नहीं है। दिग्विजय सिंह के कथित बयान को सच मानकर वायरल वीडियो को तैयार किया गया है। इस वीडियो के अगले हिस्‍से में दिग्विजय सिंह का दूसरा बयान भी जोड़ा गया है। इसमें उन्‍हें यह बोलते सुना जा सकता है कि भगवा पहनकर लोग चूरन बेच रहे हैं। भगवा वस्‍त्र पहनकर बलात्‍कार हो रहे हैं। मंदिरों में बलात्‍कार हो रहे हैं। इन दोनों क्लिप के माध्‍यम से वायरल वीडियो को बनाया गया है। विश्‍वास न्‍यूज ने वायरल वीडियो की जांच की। पता चला कि यह भ्रामक है। दोनों क्लिप पुरानी साबित हुई। वीडियो को एडिट करके दिग्विजय सिंह के खिलाफ दुष्‍प्रचार फैलाने के लिए वायरल किया जा रहा है।

क्‍या हो रहा है वायरल

फेसबुक यूजर महेश्‍वर झा ने 18 मई को एक वीडियो को अपलोड करते हुए लिखा कि हिंदुओं से बैर, आतंकियों के साथ सैर?

वीडियो में दिग्विजय सिंह के बयानों की क्लिप का इस्‍तेमाल किया गया।

वीडियो को सच मानकर दूसरे यूजर्स भी इसे वायरल कर रहे हैं। पोस्‍ट का आर्काइव वर्जन यहां देखें।

पड़ताल

विश्‍वास न्‍यूज ने वायरल वीडियो की सत्‍यता जानने के लिए गूगल ओपन सर्च टूल का इस्‍तेमाल किया। सबसे पहले वायरल वीडियो के पहले हिस्‍से में इस्‍तेमाल की गई क्लिप की जांच की। गूगल ओपन सर्च पर ‘दिग्विजय सिंह गोमांस ‘ जैसे कीवर्ड टाइप करके सर्च किया गया। बयान से संबंधित वीडियो हमें कई यूट्यूब चैनलों पर मिला। पूरा वीडियो 25 दिसंबर 2021 को अपलोड वनइंडिया हिंदी के यूट्यूब चैनल पर मिला। वीडियो में बताया गया कि दिग्विजय सिंह ने भोपाल में सावरकर की किताब के बहाने भाजपा और संघ पर हमला बोला। इस वीडियो में 1:28 मिनट के बाद उन्‍हें बोलते हुए सुना जा सकता है, “सावरकर जी ने खुद की किताब में लिखा है। खुद उन्‍होंने लिखा है। उनकी किताब में साफ लिखा है कि हिंदू धर्म का हिंदुत्‍व के साथ कोई नाता नहीं है। और यह भी लिखा है कि गाय ऐसा पशु है, जो खुद के मल में लोट लेती है, वह कहां से हमारी मां हो सकती है। उसका मांस खाने में कोई खराबी नहीं है। यह सावरकर जी ने खुद कहा है। जो आजकल भाजपा और संघ के खास प्रचारक हैं।”

इसी तरह लाइव हिंदुस्‍तान के यूट्यूब चैनल पर भी दिग्विजय सिंह का बयान मिला। इसे 26 दिसंबर 2021 को अपलोड किया गया। इस वीडियो के 1:10 मिनट के बाद दिग्विजय सिंह का बयान देखा जा सकता है।

जांच को आगे बढ़ाते हुए दिग्विजय सिंह के सोशल मीडिया हैंडल को खंगाला गया। ट्विटर एडवांस सर्च टूल की मदद से सर्च करने पर 26 दिसंबर 2021 का एक ट्वीट मिला। इसमें दिग्विजय सिंह की ओर से लिखा गया कि कॉंग्रेस के जन जागरण अभियान के अंतर्गत भोपाल में आयोजित प्रशिक्षण कार्यक्रम में मेरा पूरा भाषण सुनें। भाजपा आईटी सेल ने मेरे भाषण का एक एडिटेड अंश दिखा कर मुझे गोहत्या के समर्थक के रूप में प्रस्तुत करने का प्रयास किया था।

दूसरे वीडियो की पड़ताल

दिग्विजय सिंह के भगवा पहनकर लोग बेच रहे हैं चूरन वाली क्लिप की जांच करने के दौरान यह वीडियो तीन साल पहले क्विंट हिंदी के यूट्यूब चैनल पर मिला। इस वीडियो को देखने पर वायरल क्लिप का संदर्भ पता चला। इस वीडियो में दिग्विजय सिंह को बोलते हुए सुना जा सकता है, “अपना परिवार छोड़कर साधु बनते हैं। धर्म का आचरण करते हुए आधात्‍म की तरफ मुड़ते हैं । लेकिन आज भगवा वस्‍त्र पहनकर लोग चूरन बेच रहे हैं। भगवा वस्‍त्र पहनकर बलात्‍कार हो रहे हैं। मंदिरों में बलात्‍कर हो रहे हैं। क्‍या यही है हमारा धर्म। हमारे सनतान धर्म को जिन लोगों ने बदनाम किया है, उन्‍हें ईश्‍वर भी माफ नहीं करेगा।”

विश्‍वास न्‍यूज ने पड़ताल के अगले चरण में मध्‍य प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्‍ता फिरोज सिद्दीकी से संपर्क किया। उन्‍होंने बताया कि प्रदेश में चुनावी माहौल के बीच ट्रोल आर्मी दिग्विजय सिंह के पुराने बयान को एडिट करके वायरल कर रही है । उन्‍होंने सावरकर की किताब के हवाले से यह बात कही थी।

अब बारी थी कि भ्रामक पोस्‍ट करने वाले यूजर के बारे में जानकारी जुटाने की। फेसबुक यूजर महेश्‍वर झा कोलकाता में रहते हैं। इनके अकाउंट को सात सौ से ज्‍यादा लोग फॉलो करते हैं।

निष्‍कर्ष : विश्‍वास न्‍यूज की पड़ताल में वायरल वीडियो भ्रामक साबित हुआ। दिग्विजय सिंह के दो पुराने वीडियो को एडिट करके वायरल किया जा रहा है।

  • Claim Review : दिग्विजय सिंह ने किया गौ मांस के सेवन का समर्थन
  • Claimed By : फेसबुक यूजर महेश्‍वर झा
  • Fact Check : भ्रामक
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