Fact Check : पीएम मोदी ने नहीं पहनी थी टोपी, वायरल तस्‍वीर फोटोशॉप्‍ड है

नई दिल्‍ली (विश्‍वास न्‍यूज)। सोशल मीडिया पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की एक तस्‍वीर वायरल हो रही है। इस तस्‍वीर में पीएम मोदी टोपी पहने हुए हैं। विश्‍वास टीम की पड़ताल में पता चला कि पीएम मोदी की ओरिजनल तस्‍वीर से छेड़छाड़ करके फोटोशॉप के जरिए उन्‍हें टोपी अलग से पहनाई गई है, जबकि असली तस्‍वीर में नरेंद्र मोदी ने सिर पर कुछ भी नहीं पहना हुआ है।

क्‍या है वायरल पोस्‍ट में

फेसबुक यूजर योगेंद्र Tnb ने नरेंद्र मोदी की फोटोशॉप्ड तस्‍वीर को पोस्‍ट करते हुए लिखा कि गिरिराज सिंह अगर इनको पहचान गये हैं तो बोलकर देखें। सारी हेकडी छूमंतर हो जायेगी।
इस पोस्‍ट को दूसरे फेसबुक यूजर भी खूब शेयर कर रहे हैं। पांच जून को अपलोड की गई इस पोस्‍ट को अब तक 188 लोग शेयर कर चुके हैं।

पड़ताल

विश्‍वास टीम ने सबसे पहले वायरल पोस्‍ट के कमेंट को पढ़ना शुरू किया। इस तस्‍वीर को लेकर कमेंट बॉक्‍स में लगातार बहस हो रही है। किसी ने इसे ओरिजनल बताया तो किसी ने फोटोशॉप्‍ड। हमने इस तस्‍वीर की सच्‍चाई जानने के लिए गूगल रिवर्स इमेज टूल की मदद ली।

ओरिजनल तस्‍वीर हमें hwnews.in पर मिली। 14 सितंबर 2018 को अपलोड एक लेख में यह तस्‍वीर यूज की गई है। लेख में पीएम मोदी के मध्‍य प्रदेश में हुए दाउदी बोहरा समुदाय के एक इवेंट में शिरकत करने की बात कही गई।

इसके बाद हमने InVID टूल की मदद से नरेंद्र मोदी के पुराने Tweet को सर्च करना शुरू किया। हमें @narendramodi_in ट्विटर हैंडल पर ओरिजनल तस्‍वीर मिल गई। 14 सितंबर 2018 को सुबह 9:32 बजे किए गए तीन तस्‍वीरों को ट्वीट किया गया था। इसमें से एक तस्‍वीर वह भी है, जिसे फोटोशॉप्‍ड करके वायरल किया जा रहा है। ओरिजनल तस्‍वीर में नरेंद्र मोदी ने कोई टोपी नहीं पहनी हुई है। तस्‍वीर में दिख रहे दूसरे शख्‍स बोहरा समाज के धर्मगुरु डॉ. सैयदना मुफद्दल सैफुद्दीन हैं।

अब हमें यह जानना था कि ओरिजनल तस्‍वीर किसी इवेंट की है। इसके लिए हमने pmindia.gov.in को स्‍कैन किया। यहां हमें कई तस्‍वीरें मिलीं। यहां दी गई जानकारी के मुताबिक, 14 सितंबर 2018 को नरेंद्र मोदी दाऊदी बोहरा समुदाय की सैफी मस्जिद में गए थे। दाऊदी बोहरा समुदाय के 53वें धर्मगुरु सैयदना मुफद्दल सैफुद्दीन से मुलाकात के लिए मोदी इंदौर गए थे। ओरिजनल तस्‍वीर pmindia.gov.in पर मौजूद है। आप यहां देख सकते हैं।

इसके बाद विश्‍वास टीम ने मध्‍य प्रदेश से प्रकाशित नईदुनिया के स्‍टेट एडिटर आशीष व्‍यास से संपर्क किया। उन्‍होंने बताया कि प्रधानमंत्री ने पिछले साल सितंबर में बोहरा समाज के 53वें धर्मगुरु सैयदना मुफ़द्दल सैफ़ुद्दीन से इंदौर में मुलाक़ात की थी। सोशल मीडिया में वायरल हुआ फोटो फेक है। साफ तौर पर समझ में आ जाता है कि फ़ोटो एडिट किया गया है। प्रधानमंत्री बिना टोपी के मस्जिद में आए थे और पूरे कार्यक्रम के दौरान उन्होंने टोपी नहीं पहनी थी।

अंत में हमने फेसबुक यूजर योगेंद्र Tnb की प्रोफाइल स्‍कैन की। यहां से हमें पता चला कि इस अकाउंट को सितंबर 2017 में बनाया गया। भागलपुर के रहने वाले यह यूजर एक विचारधारा के खिलाफ ही पोस्‍ट करते हैं। प्रोफाइल में दिए परिचय से पता चलता है कि योगेंद्र भागलपुर में प्रोफेसर हैं।

निष्‍कर्ष : विश्‍वास टीम की पड़ताल में पता चला कि पीएम मोदी की वायरल तस्‍वीर फोटोशॉप्‍ड है। नरेंद्र मोदी ने कोई भी टोपी नहीं पहनी थी।

पूरा सच जानें…

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Symbols that define nature of fake news
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