Fact Check: हिमाचली लोक उत्सव के वीडियो को शिमला मस्जिद विवाद से जोड़ भड़काऊ दावे से किया जा रहा शेयर
हिमाचल प्रदेश के जुब्बल में स्थानीय त्योहार जागरा के दौरान हुए पारंपरिक 'देव नृत्य' के वीडियो को शिमला मस्जिद विवाद से जोड़कर भड़काऊ सांप्रदायिक दावे के साथ शेयर किया जा रहा है।
- By: Abhishek Parashar
- Published: Sep 17, 2024 at 01:52 PM
- Updated: Sep 17, 2024 at 02:06 PM
नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। हिमाचल प्रदेश के शिमला मस्जिद विवाद के संदर्भ में सोशल मीडिय पर एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें कई लोगों को तलवार, डंडे और अन्य पारंपरिक शस्त्रों के साथ उत्सव के माहौल में नाचते हुए देखा जा सकता है। दावा किया जा रहा है कि यह भीड़ हिमाचल प्रदेश के शिमला की विवादित मस्जिद को गिराने जा रही है।
विश्वास न्यूज ने अपनी जांच में इस दावे को गलत पाया, जिसे भड़काऊ सांप्रदायिक दावे के साथ शेयर किया जा रहा है। वायरल हो रहा वीडियो हिमाचल प्रदेश की स्थानीय परंपरा से जुड़ा हुआ है, जिसमें त्योहारों के दौरान देवता के रथ के साथ चलने वाले लोग हाथों में शस्त्र को लेकर ढोल-नगाड़ों के साथ आगे बढ़ते हैं। इस परंपरा में इस्तेमाल होने वाला तलवार या अन्य शस्त्र पारंपरिक होते हैं, जिसका इस्तेमाल ऐसे ही मौके पर किया जाता है।
क्या है वायरल?
एक्स यूजर ‘Gulam Abdul Qadir ( Allahabadi )’ ने वायरल वीडियो क्लिप (आर्काइव लिंक) को शेयर करते हुए लिखा है, “हिमाचल प्रदेश में शिमला में मस्जिद शहीद करने के लिए हथियार लेकर निकलना एक गंभीर और खतरनाक कदम है। क्या ये आतंकवाद की श्रेणी में नहीं आता? क्या कांग्रेस सरकार मुसलमानों के नरसंहार का इंतजार कर रही है?#StopHate #ProtectMinorities #JusticeForAll #ReligiousFreedom #NoToViolence #SaveMasjid #HimachalPradesh”
कई अन्य यूजर्स (आर्काइव लिंक) ने इस वीडियो को समान और मिलते-जुलते दावे के साथ शेयर किया है।
पड़ताल
वायरल वीडियो के साथ किए गए दावे की जांच करने के लिए हमने उसे सावधानीपूर्वक देखा और पाया कि वीडियो के साथ किया गया दावा वीडियो में नजर आ रहे विजुअल से मैच नहीं करता है। वीडियो में नजर आ रहे लोग तलवार और अन्य पारंपरिक शस्रों के साथ नजर आ रहे हैं, लेकिन वे उत्सव मनाते हुए देखे जा सकते हैं। वे सभी स्थानीय ढोल, नगाड़ों की धुन पर नाचते नजर आ रहे हैं।
वीडियो को देखकर यह स्पष्ट हो जाता है कि यह कोई आक्रामक भीड़ नहीं है, बल्कि उत्सव मना रहा छोटा समूह है।
वीडियो के की-फ्रेम्स को रिवर्स इमेज सर्च करने पर हमें यह वीडियो पंजाब केसरी हिमाचल प्रदेश के आधिकारिक यू-ट्यूब चैनल पर अपलोड किया हुआ मिला और इसके साथ दी गई जानकारी के मुताबिक, “यह (हिमाचल प्रदेश स्थित) जुब्बल के महासू देवता के मंदिर के प्रांगण में मनाया गया त्योहार है।” रिपोर्ट के मुताबिक, यह त्योहार सात सितंबर 2024 को मनाया गया था।
रिपोर्ट में इसे ‘देव नृत्य’ बताया गया है, जो हिमाचल विशेषक अपर हिमाचल के कुल्लू समेत अन्य इलाकों में आम है।
इसी के आधार पर सर्च में हमें स्थानीय पोर्टल द हिमाचल न्यूज.कॉम की रिपोर्ट मिली, जिसमें दी गई जानकारी के मुताबिक, सोशल मीडिया अकाउंट ‘@TeamSaath’ के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराए जाने का जिक्र है, जिसमें ‘नाटी’ प्रदर्शन करने वाले लोगों को ‘आतंकवादी’ बताया गया था। रिपोर्ट में दी गई जानकारी के मुताबिक, “जागरा” धार्मिक त्योहार के दौरान इस तरह के स्थानीय नृत्य की परंपरा आम है।
रिपोर्ट में हमें “@TeamSaath” के हैंडल से शेयर किया गया पोस्ट (आर्काइव लिंक) भी मिला, जिसमें “हिमाचल प्रदेश में हिंदुत्व आतंकवादियों की गतिविधि” बताया गया है ।
इस पोस्ट पर हमें कई यूजर्स की टिप्पणी मिली, जिसमें उन्होंने इसे हिमाचली नाटी बताया है। वेरिफाइड एक्स प्रोफाइल ‘Sanjeev S’ ने टिप्पणी करते हुए लिखा है,”भाई ये हिमाचली नाटी है, जो यहां के लोकप्रिय पहाड़ी गीतों पर होने वाला लोकनृत्य है। हिमाचली कहीं भी खड़े हों और पहाड़ी गाना सुन जाए तो नाटी करने लग जाते हैं। दूर- दराज के गांव में पारंपरिक हथियारों का भी प्रदर्शन होता है नाटी में।”
हमें यू-ट्यूब पर ऐसे अन्य वीडियो मिले, जिसमें महासू महाराज की पूजा के दौरान लोगों को पारंपरिक शस्त्रों के साथ उत्सव मनाते हुए देखा जा सकता है।
वायरल वीडियो को लेकर हमने हमारे सहयोगी दैनिक जागरण के हिमाचल प्रदेश के मंडी स्थित संवाददाता हंसराज सैनी से संपर्क किया। उन्होंने पुष्टि करते हुए बताया कि वायरल वीडियो में कुछ भी आक्रामक नहीं है, बल्कि यह ‘देव नृत्य’ है, जो हिमाचल के कई इलाकों में आम है। उन्होंने कहा, “वीडियो के साथ जो लिखा गया है, वह पूरी तरह से गलत है। यहां जब भी कोई बड़ा देवी-देवता किसी समारोह में भाग लेने जाता है, तो देवलू तलवार के साथ नाटी की परंपरा है।”
वायरल पोस्ट को लेकर हमने उस थाने से संपर्क किया, जहां इस मामले में एफआईआर दर्ज हुई है। कोटखई पुलिस स्टेशन के स्टेशन हाउस ऑफिसर अंकुश ठाकुर ने हमें बताया, “इस मामले में एफआईआर दर्ज कर एक्स से उस हैंडल के बारे में पूरी जानकारी मांगी गई है।” उन्होंने कहा, “वायरल हो रहा वीडियो जुब्बल में सालाना होने वाले जागरा (स्थानीय त्योहार) का है, जिसका आयोजन 7-8 सितंबर के बीच हुआ था और इस त्योहार में स्थानीय लोगों के शस्रों के साथ नाचने की पंरपरा है।”
वायरल वीडियो को पोस्ट करने वाले यूजर को एक्स पर करीब डेढ़ हजार लोग फॉलो करते हैं। न्यूज रिपोर्ट के मुताबिक, हिमाचल प्रदेश के शिमला के संजौली में मस्जिद को लेकर विवाद की स्थिति बनी हुई है। हालांकि, अब स्थिति पूरी तरह से नियंत्रण में और शांत है।
निष्कर्ष: हिमाचल प्रदेश के जुब्बल में स्थानीय त्योहार जागरा के दौरान हुए पारंपरिक ‘देव नृत्य’ के वीडियो को शिमला मस्जिद विवाद से जोड़कर भड़काऊ सांप्रदायिक दावे के साथ शेयर किया जा रहा है।
- Claim Review : शिमला में मस्जिद को गिराने निकले हथियारंबद लोगों की भीड़।
- Claimed By : X User- Gulam Abdul Qadir ( Allahabadi )
- Fact Check : झूठ
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