Fact Check: मौलाना साद के खिलाफ मुकदमा वापस लिए जाने की बात झूठी, FIR के बाद से फरार हैं मौलाना
दिल्ली के निजामुद्दीन मरकज के प्रमुख मौलाना साद के खिलाफ दर्ज मुकदमा वापस लिए जाने की बात झूठी है। दिल्ली पुलिस की तरफ से एफआईआर दर्ज किए जाने के बाद से मौलाना समेत अन्य आरोपी फरार हैं।
- By: Abhishek Parashar
- Published: Apr 2, 2020 at 06:45 PM
नई दिल्ली (विश्वास टीम)। दिल्ली के निजामुद्दीन में तबलीगी जमात के मरकज के बाद सोशल मीडिया पर एक पोस्ट वायरल हो रही है, जिसमें दावा किया गया है कि मौलाना साद के खिलाफ किया गया मुकदमा वापस ले लिया गया है, क्योंकि उन पर लगाए गए सभी आरोप गलत साबित हुए हैं। पोस्ट में दावा किया गया है कि मरकज में शामिल लोगों को भी घर भेज दिया गया है।
विश्वास न्यूज की पड़ताल में यह दावा झूठ का पुलिंदा निकला। मौलाना साद के खिलाफ विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज कर पुलिस उनकी तलाश कर रही है।
क्या है वायरल पोस्ट में?
फेसबुक यूजर ‘Salam Sagar Akela’ ने वायरल पोस्ट (आर्काइव लिंक) को अपनी प्रोफाइल से एक ग्रुप में शेयर किया है। पोस्ट में लिखा हुआ है, ”मौलाना साद साहब के ऊपर लगाए गए इल्जाम गलत निकले। दिल्ली सरकार ने केस वापस लिए और लोगों को घर पहुंचाने का इंतिजाम भी किया।”
पड़ताल किए जाने तक इस पोस्ट को 500 से अधिक यूजर शेयर कर चुके हैं।
पड़ताल
‘Maulana Saad’ कीवर्ड से सर्च किए जाने पर हमें कई खबरों का लिंक मिला। इसके मुताबिक, दिल्ली पुलिस की तरफ से FIR दर्ज होने के बाद से निजामुद्दीन मरकज के प्रमुख मौलाना साद फरार हैं, जिनकी तलाश में पुलिस लगी हुई है। खबर के मुताबिक, दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच की कई टीम मौलाना साद को तलाशने में जुटी हुई हैं।
रिपोर्ट के मुताबिक, पुलिस ने मौलाना साद समेत अन्य आरोपियों के खिलाफ ‘Epidemic Disease Act, 1897’ और आईपीसी की अन्य संबंधित धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया है।
दैनिक जागरण के दिल्ली संस्करण में एक अप्रैल को प्रकाशित खबर के मुताबिक, ‘दिल्ली के निजामुद्दीन स्थिति तबलीगी मरकज में लॉक डाउन के दौरान जमात को ठहराने के मामले में दर्ज मुकदमे की जांच पुलिस आयुक्त एस एन श्रीवास्तव ने क्राइम ब्रांच को सौंप दी है।’ खबर के मुताबिक, ‘पुलिस ने एफआईआर में मौलाना साद समेत सात लोगों को नामजद किया है।’
28 मार्च के बाद दबाव बढ़ने पर मौलाना साद मरकज से फरार हो गए थे। इस बीच मौलाना साद का एक ऑडियो क्लिप सामने आया है, जिसमें उन्होंने कहा है कि वह डॉक्टरों की सलाह पर दिल्ली में ही क्वारंटाइन हो गए हैं।
न्यूज एजेंसी ANI ने दिल्ली पुलिस के सूत्रों के हवाले से बताया है कि पुलिस की तरफ से नोटिस दिए जाने के बाद 28 मार्च से मौलाना साद की मौजूदगी को लेकर कोई जानकारी नहीं है।
विश्वास न्यूज ने इस मामले को लेकर दिल्ली पुलिस के प्रवक्ता मनदीप सिंह रंधावा से बात की। उन्होंने बताया कि मौलाना साद अभी भूमिगत है और पुलिस उनकी तलाश कर रही है।
हमारे सहयोगी दैनिक जागरण के वरिष्ठ मुख्य संवाददाता (क्राइम) राकेश सिंह ने बताया कि मौलाना साद के खिलाफ केस वापस लिए जाने की बात सरासर गलत है। उन्होंने कहा, ‘दिल्ली पुलिस ने इस मामले में मौलाना साद समेत सात लोगों के खिलाफ आईपीसी की विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज किया है और उनकी तलाश की जा रही है। एफआईआर दर्ज होने के बाद से ही मौलाना समेत सभी आरोपी फरार हैं। साथ ही जिन लोगों को मरकज से निकाला गया, उन्हें क्वारंटाइन में भेजा गया है।’
वायरल पोस्ट शेयर करने वाले यूजर को फेसबुक पर एक हजार से अधिक लोग फॉलो करते हैं और उन्होंने अपनी प्रोफाइल में खुद को भागलपुर का रहने वाला बताया है।
निष्कर्ष: दिल्ली के निजामुद्दीन मरकज के प्रमुख मौलाना साद के खिलाफ दर्ज मुकदमा वापस लिए जाने की बात झूठी है। दिल्ली पुलिस की तरफ से एफआईआर दर्ज किए जाने के बाद से मौलाना समेत अन्य आरोपी फरार हैं।
- Claim Review : दिल्ली पुलिस ने मौलाना साद के खिलाफ दर्ज मुकदमा लिया वापस
- Claimed By : FB User-Salam Sagar Akela
- Fact Check : झूठ
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