Fact Check: दिल्ली सरकार ने मुस्लिम के अलावा सिख, जैन समेत अन्य धर्म के छात्रों की फीस वापसी का दिया है आदेश, वायरल दावा गलत
दिल्ली सरकार के निजी स्कूलों को पात्र अल्पसंख्यक छात्रों की फीस वापस देने के आदेश को भ्रामक दावे से वायरल किया जा रहा है। दिल्ली राज्य में अल्पसंख्यक वर्ग में मुस्लिम के अलावा सिख, इसाई, जैन, पारसी और बौद्ध समुदाय भी आते हैं।
- By: Sharad Prakash Asthana
- Published: May 19, 2022 at 03:42 PM
नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। सोशल मीडिया पर दिल्ली सरकार के एक आदेश को लेकर पोस्ट वायरल हो रही है। इसे शेयर करके यूजर्स दावा कर रहे हैं कि अरविंद केजरीवाल ने आदेश दिया है कि दिल्ली के निजी स्कूल सिर्फ मुस्लिम छात्रों की दो साल की फीस वापस करेंगे। विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में दावे को भ्रामक पाया। दिल्ली सरकार ने अपने आदेश में निजी स्कूलों को पात्र अल्पसंख्यक छात्रों की फीस वापस करने को कहा है। अल्पसंख्यक वर्ग में मुस्लिम समेत क्रिश्चियन, सिख, बौद्ध, पारसी और जैन समुदाय भी शामिल हैं।
क्या है वायरल पोस्ट में
फेसबुक यूजर Sachin Bhatia (आर्काइव) ने 17 मई को पोस्ट किया,
Arvind Kejriwal का तुग़लगी फ़रमान दिल्ली के सभी प्राइवट स्कूलों में सिर्फ मुस्लिम छात्रों की 2 साल की फीस वापिस की जाएगी , अगर करना ही है तो सभी गरीब बच्चों की फीस वापिस की जाए केजरीवाल जी
पड़ताल
दावे की पड़ताल के लिए हमने कीवर्ड से इसको सर्च किया। इसमें हमें 16 मई 2022 को news18 में छपी खबर का लिंक मिला। इसके मुताबिक, दिल्ली के सभी निजी स्कूलों को राज्य सरकार ने अल्पसंख्यक छात्रों की ट्यूशन फीस वापस करने के लिए कहा है। दो सत्रों 2020-21 और 2021-22 के लिए यह आदेश दिया गया है।
17 मई को timesnowhindi में छपी खबर के मुताबिक, दिल्ली सरकार ने राज्य के सभी निजी स्कूलों को पात्र अल्पसंख्यक छात्रों की फीस रिफंड करने के लिए कहा है। योजना के तहत कम आय वाले परिवारों के छात्रों को यह राहत मिली हुई है। इस योजना के तहत एससी, एसटी, अल्पसंख्यक और ओबीसी के पात्र छात्रों की फीस वापस की जाती है।
aajtak के मुताबिक, दिल्ली सरकार की इस योजना में क्लास 1 से 12 तक के अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग और अल्पसंख्यक पात्र छात्रों की ट्यूशन फीस वापस करने की गारंटी दी गई है।
दिल्ली माइनॉरिटी कमीशन की आधिकारिक वेबसाइट के अनुसार, दिल्ली विधानसभा में पास कानून के तहत अल्पसंख्यक वर्ग में मुस्लिम, क्रिश्चियन, बौद्ध, और पारसी शामिल हैं। बाद में इसमें जैन समुदाय को भी शामिल किया गया।
इस बारे में दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग की पैनलबद्ध संस्था सोफिया के अध्यक्ष सुहेल खान का कहना है,‘दिल्ली में अल्पसंख्यक वर्ग में छह समुदाय आते हैं। इनमें मुस्लिम, जैन, बौद्ध, क्रिश्चियन, पारसी और सिख शामिल हैं। राज्य सरकार ने अल्पसंख्यक वर्ग के पात्र छात्रों की फीस वापस करने को कहा है। इस योजना के तहत एससी, एसटी और ओबीसी पात्र छात्रों की भी ट्यूशन फीस वापस की जाती है। पात्रता के लिए छात्र के परिवार की आय 3 लाख से कम होनी चाहिए। साथ ही वह दिल्ली का निवासी होना चाहिए।’
दिल्ली सरकार के आदेश को भ्रामक दावे से वायरल करने वाले फेसबुक यूजर ‘सचिन भाटिया’ की प्रोफाइल को हमने स्कैन किया। इसके मुताबिक, वह अगस्त 2016 से फेसबुक पर सक्रिय हैं और एक विचारधारा से प्रेरित हैं।
निष्कर्ष: दिल्ली सरकार के निजी स्कूलों को पात्र अल्पसंख्यक छात्रों की फीस वापस देने के आदेश को भ्रामक दावे से वायरल किया जा रहा है। दिल्ली राज्य में अल्पसंख्यक वर्ग में मुस्लिम के अलावा सिख, इसाई, जैन, पारसी और बौद्ध समुदाय भी आते हैं।
- Claim Review : अरविंद केजरीवाल ने आदेश दिया है कि दिल्ली के निजी स्कूल सिर्फ मुस्लिम छात्रों की दो साल की फीस वापस करेंगे।
- Claimed By : FB User- Sachin Bhatia
- Fact Check : भ्रामक
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