Fact Check: दिल्ली के सीएम ने पेड टीवी चैनलों पर विज्ञापनों को लेकर नहीं की है यह घोषणा, वायरल दावा फर्जी है

Vishvas News की पड़ताल में सामने आया कि दावा फर्जी है। AAP प्रवक्ता ने इन दावों का खंडन किया और कहा कि सीएम ने ऐसी कोई घोषणा नहीं की है।

नई दिल्ली (विश्वास न्यूज़)। सोशल मीडिया पर वायरल एक पोस्ट में दावा किया जा रहा है कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने घोषणा की है कि पेड टीवी चैनलों पर विज्ञापन नहीं होने चाहिए। पोस्ट के अनुसार, यह कदम ब्रॉडकास्टर्स को सब्सक्राइबरों और विज्ञापन एजेंटों दोनों से फीस लेने से रोकने के लिए एक प्रयास है।

Vishvas News की पड़ताल में सामने आया कि दावा फर्जी है। AAP प्रवक्ता ने इन दावों का खंडन किया और कहा कि सीएम ने ऐसी कोई घोषणा नहीं की है।

क्या हो रहा है वायरल

तमिल भाषा में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की तस्वीर के साथ एक वायरल मीम में लिखा गया कि उन्होंने घोषणा की है कि भुगतान किए गए टीवी चैनलों यानि पेड चैनल्स में विज्ञापन नहीं होने चाहिए। पोस्ट में आगे दावा किया गया कि यह विज्ञापन एजेंटों और ग्राहकों के माध्यम से करोड़ों की कमाई करने वाले प्रसारकों पर लगाम लगाने के लिए है। इसलिए विज्ञापन केवल मुफ्त चैनल्स में प्रसारित किए जा सकते हैं।

पोस्ट के आर्काइव लिंक को यहां देखा जा सकता है।

पड़ताल

हमने ऐसी किसी घोषणा के बारे में इंटरनेट पर खोज की। हमने पाया कि इस तरह के दावे 2019 से ही सोशल मीडिया पर वायरल हैं।

टेलिकॉम रेग्युलेटरी अथॉरिटी ऑफ़ इंडिया (TRAI) ने दिसंबर 2018 की अधिसूचना में कहा था कि आप अवांछित सामग्री के लिए भुगतान नहीं करेंगे। financialexpress.com की खबर के अनुसार, सब्सक्राइबर अब उन चैनलों को चुन सकते हैं, जिन्हें वे एक निश्चित कीमत पर देखना चाहते हैं, जो पहले से ही ब्रॉडकास्टर्स द्वारा तय किए जा चुके हैं। टीवी दर्शकों को 130 रुपये + जीएसटी @ 18% (कुल 153 रुपये) के आधार पैक की सदस्यता लेनी होगी। इस बेस पैक में 26 दूरदर्शन चैनल और 500 चैनलों में से 100 फ्री-टू-एयर चैनलों को चुनने का विकल्प शामिल होगा। इस बेस पैक के ऊपर सब्सक्राइबर कोई भी पेड चैनल चुन सकते हैं और तदनुसार भुगतान कर सकते हैं।

हालांकि, हमें किसी भी प्रामाणिक वेबसाइट की खबर में मुख्यमंत्री केजरीवाल की पेड टीवी चैनल्स पर विज्ञापनों को लेकर कोई स्टेटमेंट नहीं मिली।

इस विषय में खोजने पर हमने देखा कि TRAI पूरी तरह से स्वतंत्र दूरसंचार नियामक नहीं है। सरकार ट्राई पर नियंत्रण रखती है। इसके अलावा, ट्राई अधिनियम की धारा 35 के तहत, केंद्र सरकार को विभिन्न विषयों पर नियम बनाने की शक्ति है और ऐसे नियम ट्राई के लिए बाध्यकारी हैं। हालांकि, राज्य सरकार प्राधिकरण ऐसी घोषणाएं करने का हकदार नहीं है।

Vishvas News ने सत्यापन के लिए आम आदमी पार्टी के प्रवक्ता सुरेल तिलवे से संपर्क किया। उन्होंने कहा, “वायरल दावा नकली है। मुख्यमंत्री ने ऐसी कोई घोषणा नहीं की है।

वायरल पोस्ट को शेयर करने वाले यूजर की सोशल स्कैनिंग से पता चला कि वह तमिलनाडु के विरुदुनगर में रहते हैं और फेसबुक पर उनके 4,353 दोस्त हैं।

निष्कर्ष: Vishvas News की पड़ताल में सामने आया कि दावा फर्जी है। AAP प्रवक्ता ने इन दावों का खंडन किया और कहा कि सीएम ने ऐसी कोई घोषणा नहीं की है।

False
Symbols that define nature of fake news
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