Fact Check: ऑटो सेक्टर में बेरोजगारी के आंकड़े को लेकर यूथ कांग्रेस का डिलीट किया हुआ ट्वीट वायरल

नई दिल्ली (विश्वास टीम)। सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे पोस्ट में कांग्रेस के हवाले से देश में ”35,00 करोड़” लोगों के बेरोजगार होने का दावा किया गया है। फेसबुक पोस्ट में पार्टी के हवाले से कहा गया है कि ऑटो सेक्टर में ”3,50,000 लाख” लोगों को अपनी नौकरी गंवानी पड़ी है। यूथ कांग्रेस के जिस ट्वीट को वायरल किया जा रहा है,  उसे डिलीट किया जा चुका है। यूथ कांग्रेस के ट्विटर हैंडल पर इसके बाद हुए अन्य ट्वीट में जिन आंकड़ों का इस्तेमाल किया गया है, वह न्यूज रिपोर्ट्स में यूज किए गए आंकड़े है।

क्या है वायरल पोस्ट में?

फेसबुक पर वायरल हो रहे पोस्ट में इन्फोग्राफिक्स का इस्तेमाल करते हुए लिखा गया है, ‘मोदी विरोध में गिनती भूले कांग्रेसी। कांग्रेस के अनुसार भारत में 3,500 करोड़ लोग बेरोजगार हैं। ऑटो सेक्टर में सिर्फ चार महीनों 3,50,000 लाख लोग हुए बेरोजगार, जबकि दुनिया भर की कुल आबादी ही लगभग 800 करोड़ है।’

फेसबुक पर वायरल हो रहे पोस्ट में इन्फोग्राफिक्स का इस्तेमाल करते हुए लिखा गया है, ‘’मोदी विरोध में गिनती भूले कांग्रेसी। कांग्रेस के अनुसार भारत में 3,500 करोड़ लोग बेरोजगार हैं। ऑटो सेक्टर में सिर्फ चार महीनों 3,50,000 लाख लोग हुए बेरोजगार, जबकि दुनिया भर की कुल आबादी ही लगभग 800 करोड़ है।’’

पड़ताल किए जाने तक इस पोस्ट को करीब 800 से अधिक लोगों ने शेयर किया है, जबकि करीब ढाई हजार लोगों ने इसे पसंद किया है।

पड़ताल किए जाने तक इस पोस्ट को करीब 800 से अधिक लोगों ने शेयर किया है, जबकि करीब ढाई हजार लोगों ने इसे पसंद किया है।

पड़ताल

फेसबुक पोस्ट में यूथ कांग्रेस के डिलीट किए गए ट्वीट के स्क्रीनशॉट का इस्तेमाल किया गया है। वायरल पोस्ट में यूथ कांग्रेस के जिस  स्क्रीन शॉट का इस्तेमाल किया गया है, वह उसके ट्विटर हैंडल से डिलीट किया जा चुका है, जिसकी पुष्टि यूथ कांग्रेस के मीडिया प्रभारी ने की।

यूथ कांग्रेस के सोशल मीडिया सेल के प्रभारी अमरीश रंजन पांडेय ने विश्वास न्यूज से बातचीत में कहा, ‘ट्वीट में आंकड़ों को लेकर टाइपिंग एरर हुआ था, जिसके बाद संबंधित ट्वीट को हटाया जा चुका है।’ उन्होंने कहा, ‘अन्य ट्वीट में ऑटो सेक्टर में हुई बेरोजगारी के लेकर जो आंकड़ा दिया गया है, वह 3.5 लाख ही है, जिसे लेकर कोई भ्रम नहीं है।’ उन्होंने कहा, ‘जिन लोगों ने इसे वायरल किया, उन्होंने जानबूझकर पुराने और हटाए गए ट्वीट का ही इस्तेमाल किया।’


(डिलीट किए गए ट्वीट का स्क्रीन शॉट)

इस ट्वीट में इस्तेमाल किए गए ग्राफिक्स को राजस्थान यूथ कांग्रेस के फेसबुक पेज पर अभी भी देखा जा सकता है। राजस्थान यूथ कांग्रेस के फेसबुक पेज से इस पोस्ट को 13 सितंबर 2019 को शेयर किया गया था।

सर्च में हमें यूथ कांग्रेस के ट्विटर हैंडल पर एक अन्य ट्वीट मिला। यूथ कांग्रेस का यह ट्वीट मोदी सरकार के 100 दिनों की उपलब्धियों पर किया गया पलटवार है, जिसमें बेरोजगारी, मैन्युफैक्चरिंग और ऑटो सेक्टर में गई नौकरियों का जिक्र किया गया है।

ट्वीट के मुताबिक मोदी सरकार के 100 दिनों के दौरान-

”निवेशकों के 14 लाख करोड़ रुपये डूबे।
बेरोजगारी दर बढ़कर 8.4 फीसदी हुई।
विनिर्माण क्षेत्र में वृद्धि दर घटकर 0.6 फीसदी हुई।
बड़ी संख्या में कंपनियों पर लग रहे हैं ताले।
और ऑटो सेक्टर में काम करने वाले 3.50 लाख लोग हुए बेरोजगार।”

ट्वीट में साफ-साफ तौर पर इस बात का जिक्र है कि ऑटोमोबाइल सेक्टर में 3.5 लाख लोगों को अपनी नौकरी गंवानी पड़ी है। न्यूज सर्च में हमें न्यूज एजेंसी रॉयटर्स में 6 अगस्त को प्रकाशित रिपोर्ट का लिंक मिला, जहां से इन आंकड़ों को लिया गया है। न्यूज रिपोर्ट के मुताबिक, ‘अप्रैल के बाद से ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री से करीब 3.5 लाख लोगों की नौकरी गई है।’

वहीं मैन्युफैक्चरिंग में आई गिरावट की पुष्टि न्यूज रिपोर्ट से होती है। अंग्रेजी अखबार बिजनेस स्टैंडर्ड में 31 अगस्त 2019 को प्रकाशित रिपोर्ट में इन आंकड़ों को देखा जा सकता है।

बिजनेस स्टैंडर्ड में प्रकाशित खबर

यूथ कांग्रेस ने अपने ट्वीट में 8.4 फीसदी बेरोजगारी दर का भी जिक्र किया गया है, जिसकी पुष्टि सितंबर में बिजनेस टुडे में प्रकाशित रिपोर्ट से होती है। रिपोर्ट में CMIE का हवाला देते हुए बताया गया है कि देश में बेरोजगारी की दर 8.4 फीसदी हो गई, जो पिछले तीन सालों में सबसे अधिक है।


निष्कर्ष: ऑटोमोबाइल सेक्टर में बेरोजगारी के आंकड़ों को लेकर यूथ कांग्रेस का जो ट्वीट वायरल हो रहा है, उसे यूथ कांग्रेस के ट्विटर हैंडल से हटाया जा चुका है। वायरल पोस्ट में अभी भी पुराने ट्वीट का स्क्रीन शॉट ही वायरल हो रहा है, जबकि पार्टी के ट्विटर हैंडल से पुराने ट्वीट को हटाकर आंकड़ों के साथ नए ट्वीट को पोस्ट किया जा चुका है।

डिस्क्लेमर: 16 सितंबर 2019 को विश्वास न्यूज को इस स्टोरी पर क्लेम मिला, जिसे 14 सितंबर को फैक्ट चेक किया गया था। विश्वास न्यूज को यह मेल ”फिर एक बार मोदी सरकार” पेज की तरफ से मिला, जिसमें दावा किया गया था कि विश्वास न्यूज की तरफ से दी गई रेटिंग सही नहीं है। IFCN के दिशानिर्देशों और हमारी SOP के मुताबिक विश्वास न्यूज ने स्टोरी में जरूरी सुधार करते हुए संबंधित पोस्ट की रेटिंग में बदलाव करते हुए उसे ‘False’ से ‘True’किया गया है।

True
Symbols that define nature of fake news
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