Fact Check: दारुल उलूम देवबंद का चुनाव को लेकर फर्जी बयान हो रहा वायरल
मुस्लिमों से भाजपा के खिलाफ वोट करने का बयान या फतवा देवबंद दारुल उलूम ने जारी नहीं किया है। दारुल उलूम इस बयान से इनकार कर चुका है। यह बयान देने वाले मौलाना का संबंध जमीअत उलेमा-ए-हिन्द से था। उनका भी अब इंतकाल हो चुका है।
- By: Sharad Prakash Asthana
- Published: Jan 13, 2022 at 04:32 PM
- Updated: Jan 19, 2022 at 03:39 PM
नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। उत्तर प्रदेश में चुनाव का पहला चरण 10 फरवरी को है। इससे पहले सोशल मीडिया पर सभी दल जुटे हुए हैं। सोशल मीडिया पर एक ग्राफिक्स को कई यूजर्स शेयर कर रहे हैं। इसमें एक तरफ पीएम मोदी की फोटो लगी है और दूसरी तरफ मौलना-सा दिखने वाले शख्स की। इसमें दारुल उलूम देवबंद की फोटो भी है। दावा किया जा रहा कि देवबंद दारुल उलूम ने कहा है, भाजपा को हराना जरूरी है, मुसलमान मोदी के खिलाफ वोट करें।
विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में दावा गलत पाया। दारुल उलूम देवबंद ने ऐसा कोई बयान नहीं दिया है। फोटो में दिख रहे मुस्लिम शख्स का नाम मौलाना हसीब सिद्दीकी है। उनका जनवरी 2019 में इंतकाल हो गया था।
क्या है वायरल पोस्ट में
फेसबुक यूजर Abhay Thakur Rajawat ने 8 जनवरी को इस ग्राफिक्स को पोस्ट किया।
फेसबुक पर कई अन्य यूजर्स ने भी इस ग्राफिक्स को शेयर किया है।
पड़ताल
वायरल दावे की पड़ताल के लिए हमने सबसे पहले कीवर्ड से दारुल उलूम देवबंद के इस बयान को सर्च किया। इसमें हमें न्यूज 18 का एक वीडियो मिला। इसे 25 मई 2018 को न्यूज 18 के टि्वटर हैंडल से ट्वीट किया गया था। इसमें लिखा है,
BJP को हराना ज़रूरी है, मुसलमान BJP के ख़िलाफ़ वोट दें: दारुल उलूम देवबंद
खबर के मुताबिक, कैराना उपचुनाव से पहले मुसलमानों से बीजेपी के खिलाफ वोट देने की दारुल उलूम की अपील के बाद सियासत गरमा गई है। देवबंद उलेमा की तरफ से जारी अपील में कहा गया है कि केंद्र सरकार से पूरा हिन्दुस्तान और पूरी सियासी जमात परेशान है। अगर बीजेपी को हराना है तो रमजान के महीने में गर्मी के बाजूद मुस्लिम लोग घर से निकलकर वोट डालने जाएं। विपक्षी गठबंधन की अच्छी पहल को अच्छा बताते हुए जमीअत उलेमा-ए-हिन्द के मौलाना हसीब सिद्दीकी ने मुस्लिम समाज से अपील की है कि मुल्क को आगे ले जाने और बीजेपी को हराने के लिए मुस्लिम लोग जरूर वोट करें।
इस बयान को और सर्च करने पर हमें एनडीटीवी की खबर का लिंक मिला। इसें 26 मई 2018 को प्रकाशित किया गया है। इसके मुताबिक, कैराना उपचुनाव से पहले फतवे को लेकर चल रही खबरों को लेकर दारुल उलूम देवबंद ने बयान जारी किया है। उसने भाजपा के खिलाफ जारी किसी भी फतवे से इंकार किया है। दारुल उलूम देवबंद का कहना है कि वह किसी भी पार्टी के मामले में दखल नहीं देता है। उसकी तरफ से किसी भी राजनीतिक दल को लेकर कोई बयान या फतवा नहीं जारी किया गया है।
इसके बाद हमने ग्राफिक्स में दिख रहे मौलाना के बारे में पड़ताल की। फोटो को गूगल रिवर्स इमेज टूल से सर्च करने पर हमें News18 Urdu यूट्यूब चैनल पर इनकी खबर भी मिल गई। 9 जनवरी 2019 को अपलोड किए गए इस वीडियो का टाइटल है, Maulana Haseeb Siddiqui Passes Away In Deoband | Jan 9, 2019। खबर के मुताबिक, मौलाना हसीब सिद्दीकी का आल इंतकाल हो गया। वह जमीअत उलेमा-ए-हिन्द के खजांची थे और मुस्लिम फंड ट्रस्ट के इंचार्ज थे।
इस बारे में देवबंद में दैनिक जागरण के संवाद सहयोगी मोइन का कहना है, दारुल उलूम देवबंद ने ऐसा कोई बयान नहीं दिया है। मौलाना हसीब सिद्दीकी का देवबंद दारुल उलूम से कोई संबंध नहीं है। उनका करीब तीन साल पहले इंतकाल भी हो चुका है। वह मुस्लिम फंड ट्रस्ट के चेयरमैन भी थे। कैराना उपचुनाव से पहले जब फतवे से संबंधित खबरें चली थीं तो दारुल उलूम ने नाराजगी जताई थी।
दारुल उलूम देवबंद के गलत बयान को वायरल करने वाले फेसबुक यूजर Abhay Thakur Rajawat की प्रोफाइल को हमने स्कैन किया। इससे पता चला कि वह एक राजनीतिक विचारधारा से प्रेरित हैं।
निष्कर्ष: मुस्लिमों से भाजपा के खिलाफ वोट करने का बयान या फतवा देवबंद दारुल उलूम ने जारी नहीं किया है। दारुल उलूम इस बयान से इनकार कर चुका है। यह बयान देने वाले मौलाना का संबंध जमीअत उलेमा-ए-हिन्द से था। उनका भी अब इंतकाल हो चुका है।
- Claim Review : दारुल उलूम देवबंद ने कहा, बीजेपी को हराना जरूरी है, मुसलमान मोदी के खिलाफ वोट करें
- Claimed By : FB User- Abhay Thakur Rajawat
- Fact Check : झूठ
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