Fact Check: मेरठ पुलिस ने नहीं लगाया भाजपा के खिलाफ यह बैनर, दुष्प्रचार की मंशा से गलत दावा वायरल
मेरठ मेडिकल थाने के बाहर कुछ असामाजिक तत्वों ने आपत्तिजनक बैनर लगाया था। कुछ देर बाद इसे हटा भी लिया गया था। इस मामले में पुलिस ने छह लोगों को गिरफ्तार किया था।
- By: Sharad Prakash Asthana
- Published: May 31, 2022 at 12:06 PM
नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। सोशल मीडिया पर मेरठ मेडिकल थाने के बाहर टंगे बैनर की फोटोकॉपी शेयर की जा रही है। बैनर में लिखा है कि भाजपा कार्यकर्ताओं का थाने में आना मना है। फोटो शेयर कर यूजर्स दावा कर रहे हैं कि बैनर पुलिस ने लगाया है। विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि भाजपा कार्यकर्ताओं की नो एंट्री वाला बैनर पुलिस ने नहीं, बल्कि कुछ असामाजिक तत्वों ने लगाया था। पुलिस ने उनको गिरफ्तार कर लिया है।
क्या है वायरल पोस्ट में
फेसबुक यूजर Abhishek Bhardwaj BJP (आर्काइव) ने 27 मई को फोटो पोस्ट की। इस पर लिखा है, भाजपा कार्यकर्ताओं का थाने में आना मना है। नीचे थाना प्रभारी संतशरण सिंह लिखा हुआ है।
यूजर ने फोटो पोस्ट करते हुए लिखा है,
भाजपा के कार्यकर्ताओं से एसएचओ मेडिकल को ना जाने कयो इतनी नफरत है । बहुत ही निम्न स्तर की मानसिकता का परिचय दिया है। एसएचओ को तुरंत फ्लेक्स को हटाकर माफी मांगनी चाहिए
ट्विटर यूजर @GGargVHP01 (आर्काइव) ने भी इस फोटो को पोस्ट करते हुए समान दावा किया।
विश्वास न्यूज के टिपलाइन नंबर +91 9599299372 पर हमारे पाठक सतीश कुमार ने हमें यह पोस्ट भेजी।
पड़ताल
वायरल दावे की पड़ताल के लिए हमने कीवर्ड से इसको सर्च किया। इसमें 28 मई को दैनिक जागरण में छपी खबर मिली। इसमें वायरल फोटो भी अपलोड की गई है। खबर के मुताबिक, दुकान के विवाद को लेकर एक महिला शुक्रवार को भाजपा कार्यकर्ताओं के साथ मेडिकल थाने पहुंची थी। पुलिस ने वहां दूसरे पक्ष को भी बुला लिया। इस दौरान भाजपाइयों ने थाने में हंगामा कर दिया। पुलिसकर्मियों के रोकने पर वे अभद्रता का आरोप लगा धरने पर बैठ गए। इस बीच एक युवक बैनर लेकर आया और थाने के बाहर लगा दिया। कुछ देर बाद बैनर उतार दिया गया और लोगों ने उसे हाथ में पकड़कर नारेबाजी की।
28 मई को अमर उजाला में छपी खबर के अनुसार, दुकान के विवाद में भाजपा कार्यकर्ताओं ने शुक्रवार को थाने में हंगामा किया। जब थाना प्रभारी ने उनको बाहर जाने को कहा तो उन्होंने थाने के बाहर बैनर लगाकर प्रदर्शन किया। इसके बाद पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने भी इसको लेकर सोशल मीडिया पर टिप्पणी की। इस मामले में पुलिस ने शनिवार को छह लोगों को गिरफ्तार किया है।
मेरठ पुलिस ने भी इस बारे में 27 मई को ट्वीट कर कहा कि देवर—भाभी के विवाद में असामाजिक तत्वों ने अनुचित दबाव बनाने की कोशिश की। पुलिस द्वारा इसका विरोध करने पर असामाजिक तत्वों ने पुलिस की छवि धूमिल करने के लिए पोस्टर थाने की दीवार पर लगा दिया। आरोपियों की पहचान कर ली गई है।
इस मामले में मेरठ पुलिस के ट्विटर हैंडल पर एसपी मेरठ सिटी की वीडियो बाइट पोस्ट की गई है। इसके मुताबिक, मेडिकल थाने में कुछ लोगों ने पुलिस पर प्रॉपर्टी पर कब्जा दिलाने का अनुचित दबाव बनाया गया। इस दौरान इन लोगों ने हंगामा भी किया और एक बैनर लगाकर थाने पर लगा दिया। मामले में शामिल लोगों पर केस दर्ज किया गया है।
इस बारे में हमने मेरठ मेडिकल थाने के प्रभारी संतशरण सिंह से बात की। उनका कहना है, ‘बहू और ससुर में दुकान को लेकर विवाद था। हमारे समझाने पर ससुर कब्जा देने को राजी भी हो गया था। उन्होंने कुछ दिन की मोहलत मांगी थी। इसको लेकर कुछ असामाजिक तत्वों ने अनुचित दबाव बनाने की कोशिश की थी। उनमें से कुछ लोगों ने ही थाने के बाहर बैनर लगा दिया था। पुलिस ने 6 लोगों को गिरफ्तार किया था। फिलहाल उनको कोर्ट से जमानत मिल गई है।‘
फोटो को गलत दावे के साथ वायरल करने वाले फेसबुक पेज Abhishek Bhardwaj BJP को हमने स्कैन किया। 30 अगस्त 2020 को बने इस पेज को 791 लोग फॉलो करते हैं।
निष्कर्ष: मेरठ मेडिकल थाने के बाहर कुछ असामाजिक तत्वों ने आपत्तिजनक बैनर लगाया था। कुछ देर बाद इसे हटा भी लिया गया था। इस मामले में पुलिस ने छह लोगों को गिरफ्तार किया था।
- Claim Review : भाजपा के कार्यकर्ताओं से एसएचओ मेडिकल को ना जाने कयो इतनी नफरत है । बहुत ही निम्न स्तर की मानसिकता का परिचय दिया है। एसएचओ को तुरंत फ्लेक्स को हटाकर माफी मांगनी चाहिए
- Claimed By : FB User- Abhishek Bhardwaj BJP
- Fact Check : झूठ
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