Fact Check : कॉन्स्टेबल की आत्‍महत्‍या को फर्जी और सांप्रदायिक दावे के साथ हत्‍या बताकर किया गया वायरल

विश्‍वास न्‍यूज की पड़ताल में वायरल पोस्‍ट फर्जी साबित हुई। प्रयागराज में जीआरपी के एक कॉन्स्‍टेबल की आत्‍महत्‍या की तस्‍वीर कुछ लोग फर्जी दावे के साथ बरेली की बताकर वायरल कर रहे हैं।

नई दिल्‍ली (Vishvas News)। सोशल मीडिया में एक सांप्रदायिक पोस्‍ट वायरल हो रही है। वायरल पोस्‍ट में जमीन पर पड़े एक पुलिसकर्मी के शव की तस्‍वीर का इस्‍तेमाल करते हुए दावा किया जा रहा है कि बरेली में चालान काटने पर कुछ मुसलमानों ने एक पुलिसकर्मी की पीट-पीटकर हत्‍या कर दी। विश्‍वास न्‍यूज ने वायरल पोस्‍ट की जांच की। हमें पता चला कि वायरल पोस्‍ट के साथ किया जा रहा दावा पूरी तरह फर्जी है। दरअसल प्रयागराज में जीआरपी के एक कॉन्स्‍टेबल ने आत्‍महत्‍या कर ली थी। उसी की तस्‍वीर को अब कुछ लोग फर्जी सांप्रदायिक दावे के साथ वायरल कर रहे हैं।

क्‍या हो रहा है वायरल

गायत्री देवी नाम के एक ट्विटर ने एक पुलिसकर्मी के शव की तस्‍वीर को अपलोड करते हुए दावा किया : ‘बरेली सिविल लाईन्स न्यूज़ पुलिस द्वारा चालान काटने पर मुसलमानों ने उसकी पिटाई कर कर के हत्या कर दी! ये हाल तब है जब योगी जी वहां के मुख्य मंत्री है।’

पोस्‍ट का कंटेंट यहां ज्‍यों का त्‍यों लिखा गया है। इस पोस्‍ट के आर्काइव्‍ड वर्जन को यहां देखा जा सकता है।

पड़ताल

विश्‍वास न्‍यूज ने वायरल पोस्‍ट की सच्‍चाई जानने के लिए सबसे पहले बरेली पुलिस के ट्विटर हैंडल को खंगालना शुरू किया। हमें 25 सितंबर को बरेली पुलिस का एक खंडन मिला। इसमें वायरल तस्‍वीर के अलावा दो अन्‍य तस्‍वीरें भी थीं। पुलिस की ओर से बताया गया कि वायरल तस्‍वीर में दिखाई दे रहा पुलिसकर्मी जनपद बरेली में नियुक्‍त न होकर जीआरपी कानपुर में नियुक्‍त हेड कॉन्स्‍टेबल है। जिसके दवारा 20 सितंबर को प्रयागराज में स्‍वयं को गोली मारकर आत्‍महत्या किए जाने की बात प्रकाश में आई है। बरेली पुलिस ने लोगों से अपील करते हुए लिखा कि भ्रामक एवं अफवाह फैलाने वाली पोस्‍ट न करें।

जांच को आगे बढ़ाते हुए हमने गूगल सर्च की मदद ली। संबंधित कीवर्ड से खबर सर्च करने में हमें जागरण डॉट कॉम पर एक खबर मिली। 20 सितंबर को प्रकाशित खबर में बताया गया, ‘प्रयागराज के जीआरपी पुलिस लाइन में सोमवार की सुबह दिल दहलाने वाली घटना हुई। जीआरपी पुलिस लाइन के शौचालय में जीआरपी हेड कॉन्स्‍टेबल ने आत्‍महत्‍या कर ली। कानपुर में उसकी तैनाती थी और एस्‍कार्ट ड्यूटी पर वह प्रयागराज आया था। शौचालय में खुद को गोली मार ली। गोली की आवाज सुनकर जवान वहां पहुंचे तो शौचालय में खून से लहूलुहान वह तड़प रहा था। उसे तत्‍काल अस्‍पताल ले जाया गया, लेकिन बचाया नहीं जा सका। हेड कॉन्स्‍टेबल ने किन कारणों से आत्‍मघाती कदम उठाया, इसकी वजह तलाश की जा रही है।’

पूरी खबर को यहां क्लिक करके पढ़ा जा सकता है।

पड़ताल के दौरान संबंधित खबर हमें दैनिक जागरण के 21 सितंबर के संस्‍करण में भी मिली। इसे नीचे पढ़ा जा सकता है।

विश्‍वास न्‍यूज ने प्रयागराज के जीआरपी इंस्‍पेक्‍टर राम मोहन राय से संपर्क किया। उन्‍होंने हमें बताया कि वायरल तस्‍वीर 20 सितंबर को आत्‍महत्‍या करने वाले कॉन्स्‍टेबल की है।

अब हमें यह जानना था कि फर्जी पोस्‍ट करने वाली यूजर कौन है। ट्विटर हैंडल गायत्री देवी की सोशल स्‍कैनिंग से पता चला कि इस अकाउंट को अप्रैल 2021 को बनाया गया है। इसे 282 लोग फॉलो करते हैं।

निष्कर्ष: विश्‍वास न्‍यूज की पड़ताल में वायरल पोस्‍ट फर्जी साबित हुई। प्रयागराज में जीआरपी के एक कॉन्स्‍टेबल की आत्‍महत्‍या की तस्‍वीर कुछ लोग फर्जी दावे के साथ बरेली की बताकर वायरल कर रहे हैं।

False
Symbols that define nature of fake news
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