विश्वास न्यूज की जांच में वायरल दावा फर्जी साबित हुआ। कुम्भलगढ़ किले में कार्यक्रम के लिए गहलोत सरकार अनुमति देने के लिए अधिकृत नहीं है। ये किला भारतीय पुरातत्त्व सर्वेक्षण विभाग के अंतर्गत आता है और यहां आयोजित होने वाले कार्यक्रमों के लिए वही इजाजत देता है।
नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। सोशल मीडिया पर एक पोस्ट शेयर कर दावा किया जा रहा है कि राजस्थान के कुम्भलगढ़ किले में राज्य की कांग्रेस सरकार ने मुस्लिम समुदाय को इज्तिमा (धार्मिक कार्यक्रम) करने की इजाजत दी है। पोस्ट को वायरल कर कहा जा रहा है कि जो काम अकबर नहीं कर पाया वो अशोक गहलोत ने कर दिखाया है। सोशल मीडिया यूजर्स इसे सच मानते हुए शेयर कर रहे हैं। विश्वास न्यूज की जांच में वायरल दावा फर्जी साबित हुआ। कुम्भलगढ़ किले में कार्यक्रम के लिए गहलोत सरकार अनुमति देने के लिए अधिकृत नहीं है। ये किला भारतीय पुरातत्त्व सर्वेक्षण विभाग के अंतर्गत आता है और यहां आयोजित होने वाले कार्यक्रमों के लिए वही इजाजत देता है।
क्या है वायरल पोस्ट में ?
फेसबुक यूजर DrDeepak Sharma ने 30 अप्रैल को वायरल पोस्ट को शेयर किया है। पोस्ट के साथ लिखा हुआ है,’ जिन हिन्दुओं ने राजस्थान में कांग्रेस को वोट दिए थे उनको कांग्रेस नायाब तोहफा दे रही है। ख़ुशी से स्वीकार करना ( अब मेवाड़ की शान कुम्भलगढ़ दुर्ग में नमाज़ पड़ी जाएगी ) जो अकबर न कर सका वो अशोक गहलोत ने कर दिखाया
राजस्थान सरकार ने महाराणा प्रताप के कुम्भलगढ़ किले में इज्तेमा की इजाजत प्रदान की… कांग्रेस है तो मुमकिन है , हिन्दू संस्कृति का नाश
सोशल मीडिया पर कई अन्य यूजर्स ने इस पोस्ट को समान और मिलते-जुलते दावों के साथ शेयर किया है। फेसबुक पोस्ट के कंटेंट को यहां ज्यों का त्यों लिखा गया है। इसके आर्काइव वर्जन को यहां देखा जा सकता है।
पड़ताल
वायरल स्क्रीनशॉट की सच्चाई जानने के लिए हमने गूगल ओपन सर्च का इस्तेमाल किया। इस दौरान हमें वायरल दावे से जुड़ी कोई विश्वसनीय मीडिया रिपोर्ट नहीं मिली। कई अन्य कीवर्ड के जरिए दोबारा सर्च करने पर हमें पता चला कि कुम्भलगढ़ किला राजस्थान के राजसमंद जिले में स्थित है और यह भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग (ASI) के अंतर्गत आता है। इसलिए यहां होने वाले किसी भी आयोजन की अनुमति देने का अधिकार राज्य सरकार के पास नहीं है। इसलिए राजस्थान सरकार की तरफ से ऐसा कोई आदेश दिया हो, यह मुमकिन नहीं है।
इसलिए वायरल दावे के बारे में हमने आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ़ इंडिया में कार्यरत प्रवीन सिंह से संपर्क किया। उन्होंने हमे बताया की वायरल दावा गलत है। ऐसा कोई भी आदेश सरकार द्वारा नहीं दिया जा सकता है।
वायरल स्क्रीनशॉट के बारे में अधिक जानकारी के लिए हमने दैनिक जागरण के वरिष्ठ पत्रकार नरेंद्र शर्मा से संपर्क किया। उन्होंने हमें बताया, वायरल दावा गलत है। ऐसा कोई आदेश जारी नहीं किया गया है अगर दिया गया होता तो खबरों में इसका जिक्र ज़रूर होता।
पड़ताल के अंत में हमने इस पोस्ट को शेयर करने वाले यूजर की सोशल स्कैनिंग की। हमे पता चला कि यूजर दिल्ली का रहने वाला है। फेसबुक पर यूजर के 627 फ्रेंड्स हैं।
निष्कर्ष: विश्वास न्यूज की जांच में वायरल दावा फर्जी साबित हुआ। कुम्भलगढ़ किले में कार्यक्रम के लिए गहलोत सरकार अनुमति देने के लिए अधिकृत नहीं है। ये किला भारतीय पुरातत्त्व सर्वेक्षण विभाग के अंतर्गत आता है और यहां आयोजित होने वाले कार्यक्रमों के लिए वही इजाजत देता है।
सब को बताएं, सच जानना आपका अधिकार है। अगर आपको ऐसी किसी भी खबर पर संदेह है जिसका असर आप, समाज और देश पर हो सकता है तो हमें बताएं। हमें यहां जानकारी भेज सकते हैं। हमें contact@vishvasnews.com पर ईमेल कर सकते हैं। इसके साथ ही वॅाट्सऐप (नंबर – 9205270923) के माध्यम से भी सूचना दे सकते हैं।