Fact Check: सबके खाते में 15-15 लाख रुपये आने के दावे से प्रकाशित खबर 2019 में छपा व्यंग्य है

देश के लोगों के खाते में 15-15 लाख रुपये आने के दावे के साथ वायरल हो रहा पोस्ट भ्रामक है। पोस्ट में जिस खबर के स्क्रीनशॉट का इस्तेमाल किया गया है, वह होली के मौके पर छपा व्यंग्य है, जिसे राहुल गांधी के नाम पर बने इंस्टाग्राम हैंडल से शेयर किया जा रहा है।

नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। सोशल मीडिया पर एक हिंदी समाचार में प्रकाशित खबर के स्क्रीनशॉट को शेयर किया जा रहा है, जिसमें देश के सभी नागरिकों के खाते में 15-15 लाख रुपये आने का जिक्र किया गया है।

विश्वास न्यूज ने अपनी जांच में इस दावे को भ्रामक पाया। वायरल खबर वर्ष 2019 में एक हिंदी अखबार में प्रकाशित व्यंग्य है, जिसे खबर के तौर पर शेयर किया जा रहा है।

क्या है वायरल?

सोशल मीडिया यूजर ‘rahulgandhi__indian’ ने वायरल पोस्ट (आर्काइव लिंक) को शेयर करते हुए लिखा है, “किस किस को मिला है 15 लाख रुपये।”

सोशल मीडिया पर भ्रामक संदर्भ में साझा की जा रही पोस्ट का स्क्रीनशॉट।

कई अन्य यूजर्स ने इस खबर के स्क्रीनशॉट को समान संदर्भ में शेयर किया है।

पड़ताल

वायरल पोस्ट में अखबार में छपी खबर का स्क्रीनशॉट है, जिसकी हेडलाइन है, “सबके खाते में आएंगे 15-15 लाख रुपये।” साथ ही खबर में दावा किया गया है कि यह रकम टैक्स से मुक्त होगी। वायरल पोस्ट में नजर आ रहा स्क्रीनशॉट किस अखबार में छपी खबर का है, यह स्पष्ट नहीं है। ऑरिजिनल सोर्स को ढूंढने के लिए हमने रिवर्स इमेज सर्च की मदद ली। सर्च में हमें यह तस्वीर कोई सोशल मीडिया यूजर्स की प्रोफाइल पर लगी मिली, जिसे उन्होंने कई वर्ष पहले साझा किया है।

शेयरचैट डॉटकॉम पर बलराम सिंह राजपूत नाम के यूजर ने इस स्क्रीनशॉट को शेयर किया है, जिसके मुताबिक, यह मुंबई, नवभारत टाइम्स में 20 मार्च 2019 को छपी खबर है। खबर के अंत में साफ-साफ “बुरा न मानो होली है….” लिखा हुआ है। स्पष्ट है कि यह खबर होली के मौके पर लिखा गया व्यंग्य है।

शेयरचैट यूजर की तरफ से साझा किया गया 2019 का पोस्ट।

एक अन्य यूजर्स ने ने भी इसे अपनी प्रोफाइल से एक अप्रैल 2019 को अप्रैल फूल के मौके पर शेयर किया है।

एक अन्य सटायर पेज से भी इस खबर को 22 मार्च 2019 को शेयर किया गया है। 2016 में भी नवभारत टाइम्स डॉटकॉम की वेबसाइट से समान व्यंग्य (आर्काइव लिंक) को प्रकाशित किया गया है।

और इसके डिस्क्लेमर में साफ-साफ लिखा हुआ है कि इस खबर में कोई सच्चाई नहीं है, बल्कि यह एक मजाक है। हमारी जांच से स्पष्ट है कि वायरल स्क्रीनशॉट नवभारत टाइम्स में प्रकाशित व्यंग्य है, जिसे सही समझ कर शेयर किया जा रहा है। सोशल मीडिया पर यह खबर पहले भी चुनाव के वक्त वायरल होती रही है, जिसे विश्वास न्यूज ने अपनी जांच में भ्रामक पाया था। वायरल तस्वीर को लेकर हमने नवभारत टाइम्स, मुंबई के संपादक सुंदर चंद ठाकुर से संपर्क किया था और उन्होंने पुष्टि करते हुए बताया कि यह व्यंग्य है, न कि कोई खबर।

संबंधित फैक्ट चेक रिपोर्ट को यहां देखा जा सकता है।

गौरतलब है कि गृह मंत्री अमित शाह ने एक इंटरव्यू के दौरान इस बात को स्पष्ट कर दिया था कि लोकसभा चुनाव के दौरान 15 लाख रुपये  लौटाए जाने की बात चुनावी जुमला था। उन्होंने कहा था हर कोई इस बात को जानता है कि काला धन लोगों के खाते में नहीं जमा होगा। विदेश से वापस आने वाले काला धन का इस्तेमाल गरीबों और जरूरतमंदों की मदद के लिए किया जाएगा।

वायरल पोस्ट को जिस इंस्टाग्राम हैंडल से शेयर किया गया है, उसकी प्रोफाइल में इसे राहुल गांधी का आधिकारिक अकाउंट  बताया गया है।

हालांकि, सर्च में हमें राहुल गांधी का ऑरिजिनल व वेरिफाइड इंस्टाग्राम प्रोफाइल मिला, जिसका हैंडल नेम ‘rahulgandhi’ है, जबकि वायरल पोस्ट को शेयर करने वाली प्रोफाइल का हैंडल ‘rahulgandhi__indian’ है।

राहुल गांधी का ऑरिजिनल इंस्टाग्राम हैंडल।

राहुल गांधी के ऑरिजिनल हैंडल को इंस्टाग्राम पर करीब एक करोड़ से अधिक लोग फॉलो करते हैं, जबकि वायरल पोस्ट को शेयर करने वाले हैंडल को 80 हजार से अधिक लोग फॉलो करते हैं।

इस हैंडल को लेकर हमने कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता अखिलेश प्रताप सिंह से संपर्क किया और उन्होंने हमें बताया कि यह राहुल गांधी का आधिकारिक इंस्टाग्राम हैंडल नहीं है। चुनाव से संबंधित अन्य वायरल दावों की फैक्ट चेक रिपोर्ट को विश्वास न्यूज के चुनावी सेक्शन में पढ़ा जा सकता है।

निष्कर्ष: देश के लोगों के खाते में 15-15 लाख रुपये आने के दावे के साथ वायरल हो रहा पोस्ट भ्रामक है। पोस्ट में जिस खबर के स्क्रीनशॉट का इस्तेमाल किया गया है, वह होली के मौके पर छपा व्यंग्य है, जिसे राहुल गांधी के नाम पर बने इंस्टाग्राम हैंडल से शेयर किया जा रहा है।

Misleading
Symbols that define nature of fake news
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