विश्वास न्यूज की पड़ताल में कश्मीर में आजादी के बाद से मुफ्त बिजली देने का वायरल दावा फर्जी निकला है। कश्मीर में बिजली कभी भी फ्री नहीं थी।
नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। सोशल मीडिया पर एक पोस्ट को शेयर कर दावा किया जा रहा है कि आजादी के बाद से अब तक कश्मीर में बिजली मुफ्त मिलती थी। जिसे अब सरकार ने बंद कर दिया है, अब लोगों को बिजली के बिल का भुगतान करना पड़ेगा। विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि वायरल दावा फर्जी है, कश्मीर में बिजली कभी मुफ्त नहीं थी।
ट्विटर यूजर Indu Makkal Katchi (Offl) ने 24 जून को वायरल दावा शेयर किया था। इंदु मक्कल काची (ऑफल) ने लिखा था, “क्या आप जानते हैं कि आजादी के बाद से कश्मीर में बिजली मुफ्त थी, अब नहीं है…!!”
इस पोस्ट के आर्काइव वर्जन को यहां देखा जा सकता है। अन्य सोशल मीडिया यूजर्स भी इससे मिलते-जुलते दावों को शेयर कर रहे हैं।
वायरल दावे की सच्चाई जानने के लिए हमने गूगल पर कई कीवर्ड्स के जरिए सर्च किया। इस दौरान हमें वायरल दावे से जुड़ी कई मीडिया रिपोर्ट्स प्राप्त हुई। हमें The probe की वेबसाइट पर दावे से जुड़ी एक रिपोर्ट 16 फरवरी 2022 को प्रकाशित मिली। रिपोर्ट में दी गई जानकारी के मुताबिक, बिजली के एक ठेकेदार ने सरकार को भुगतान में चूक के कारण आत्महत्या करने की धमकी दी थी। हमें 2019 की एक रिपोर्ट भी मिली, जिसमें कहा गया था कि कश्मीर अब तक के सबसे खराब बिजली संकट से गुजर रहा है।
पड़ताल को आगे बढ़ाते हुए हमने जम्मू और कश्मीर राज्य विद्युत विकास निगम (JKSPDC) की वेबसाइट खंगालना शुरू किया। वेबसाइट के अनुसार,“जम्मू और कश्मीर में बिजली विकास का एक लंबा और प्रतिष्ठित इतिहास रहा है। 9MW मोहरा हाइड्रोइलेक्ट्रिक प्लांट की शुरुआत 1905 में हुई थी।
कश्मीर पावर डिस्ट्रीब्यूशन कॉरपोरेशन लिमिटेड की आधिकारिक वेबसाइट पर दी गई जानकारी के मुताबिक, लोगों से बिजली का बिल लिया जा रहा है। वेबसाइट पर बिजली के टैरिफ प्लान के बारे में पूरी जानकारी दी गई है। टैरिफ चार्ट के अनुसार, पहली 100 यूनिट की कीमत 1.69 रुपये प्रति यूनिट है। 400 यूनिट तक बिजली इस्तेमाल करने के बाद उपभोक्ता को हर यूनिट के लिए 3.52 रुपये देने होंगे।
अधिक जानकारी के लिए हमने कश्मीर के दैनिक जागरण के ब्यूरो चीफ नवीन नवाज से संपर्क किया। उन्होंने हमें बताया, “कश्मीर में बिजली कभी फ्री नहीं थी। उन्होंने यह भी बताया कि पहले, जम्मू और कश्मीर राज्य विद्युत विकास निगम (JKSPDC) के माध्यम से बिजली वितरित की जाती थी, लेकिन बाद में इसे दो भागों में विभाजित कर दिया गया। अब जम्मू विद्युत वितरण निगम लिमिटेड (जेपीडीसीएल) और कश्मीर पावर डिस्ट्रीब्यूशन कारपोरेशन लिमिटेड (KPDCL) बिजली वितरित करती है।”
जांच के अंतिम चरण में हमने गलत दावे को शेयर करने वाले यूजर की पृष्ठभूमि की जांच की। इंदु मक्कल काची (ऑफल) अगस्त 2019 से ट्विटर पर सक्रिय हैं। यूजर के ट्विटर पर 47.8K फॉलोअर्स हैं।
निष्कर्ष: विश्वास न्यूज की पड़ताल में कश्मीर में आजादी के बाद से मुफ्त बिजली देने का वायरल दावा फर्जी निकला है। कश्मीर में बिजली कभी भी फ्री नहीं थी।
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