FACT CHECK: मसूद को चीन ने अंतरराष्ट्रीय आतंकी नहीं माना, इसकी वजह भारतीय विपक्ष नहीं है

नई दिल्‍ली (विश्‍वास टीम)। आज कल सोशल मीडिया पर एक पोस्ट वायरल हो रहा है जिसमें कहा गया है कि पाकिस्तान स्थित जैश-ए-मोहम्मद के प्रमुख मसूद अजहर को अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी के रूप में शामिल करने के लिए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में प्रस्तुत प्रस्ताव को चीन ने नामंज़ूर किया और तर्क दिया कि क्योंकि भारतीय विपक्ष अज़हर को आतंकी नहीं मानता इसलिए चीन भी नहीं मानेगा। हमारी पड़ताल में हमने पाया कि यह पोस्ट गलत है।

CLAIM

वायरल हो रही तस्वीर में मसूद अज़हर और चीनी प्रीमियर शी जिंगपिंग की तस्वीर है। तस्वीर के ऊपर लिखा है “चीन ने UN में तर्क दिया कि भारत का विपक्ष ही अजर मसूद को आतंकी नहीं मानता है तो हम कैसे माने…? इस तस्वीर के साथ कैप्शन है “अब और सुनो के कांग्रेसी चमचे तुम्हारा आका मसूद अजहर को बचाने वाला आतंकी राहुल गांधी एयर स्ट्राइक के सबूत मांगने वाले आतंकियों को मारने पर कुछ कहोगे कांग्रेसी चमचे इसके बारे में”।

FACT CHECK

जब हमने इस दावे की जाँच की, तो पाया कि चीन ने 13 मार्च, 2019 को जैश-ए-मोहम्मद (Jaish) के सरगना मसूद अजहर को वैश्विक आतंकवादी घोषित किए जाने के संबंध में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की प्रतिबंध समिति में पेश प्रस्ताव को अपने वीटो के अधिकार के माध्यम से चौथी बार बाधित कर दिया था।

हमने पड़ताल करने के लिए इस विषय की तय में जाने का फैसला किया। हमें ‘द हिन्दू’ न्यूज़ पेपर की एक खबर मिली जिसमें चीनी फॉरेन मिनिस्ट्री के स्पोक्स पर्सन का बयान था। इस बयान में बताया गया है कि चीन इस विषय में किसी निष्कर्ष पर पहुँचने से पहले सभी पक्षों से सहमति चाहता है।

इस खबर को आधार बनाते हुए हमने चीन के विदेश मंत्रालय की वेबसाइट पर इस बयान को ढूंढा। हमें अपनी पड़ताल में 2019/03/14 को चीनी फॉरेन मिनिस्ट्री की ऑफिसियल वेबसाइट पर अपलोडेड एक प्रेस ब्रीफिंग की ट्रांसक्रिप्ट मिली। इस ब्रीफिंग में जब चीनी फॉरेन मिनिस्ट्री के स्पोक्स पर्सन Lu Kang’s से पूछा गया कि उन्होंने चौथी बार मसूद अज़हर और अंतरराष्ट्रीय आतंकी घोषित करने के प्रपोजल में बाधा क्यों डाली तो उन्होंने विरोध की वजह को “टेक्निकल होल्ड” बताया। चीन ने इस फैसले के पीछे यूएन सिक्युरिटी काउंसिल की “1267 प्रतिबंध कमेटी” क्लॉज़ का वास्ता दिया था। इस क़ानून में किसी भी संस्थान या व्यक्ति को ‘आतंकवाद सूची’ में डालने की प्रक्रिया के मापदंड हैं जिसमे सभी पक्षों की सहमति ज़रूरी है। इस प्रेस ब्रीफिंग में कहीं भी भारतीय विपक्ष का जिक्र नहीं है।

इस खबर को Thakur Arjun Dangi नामक एक फेसबुक यूजर द्वारा शेयर किया गया था।

निष्कर्ष: हमारी पड़ताल में हमने पाया कि वायरल हो रही खबर बिल्कुल गलत है। चीन ने मसूद अज़हर को वैश्विक आतंकी घोषित किये जाने के प्रस्ताव को नामंज़ूर करने की वजह “टेक्निकल होल्ड” को बताया था। चीन ने इस फैसले के पीछे यूएन सिक्युरिटी काउंसिल की “1267 प्रतिबंध कमेटी” क्लॉज़ का वास्ता दिया था। चीन ने इस फैसले के मद्देनज़र कहीं भी भारतीय विपक्ष का नाम नहीं लिया।

पूरा सच जानें…

सब को बताएं, सच जानना आपका अधिकार है। अगर आपको ऐसी किसी भी खबर पर संदेह है जिसका असर आप, समाज और देश पर हो सकता है तो हमें बताएं। हमें यहां जानकारी भेज सकते हैं। हमें contact@vishvasnews.com पर ईमेल कर सकते हैं। इसके साथ ही वॅाट्सऐप (नंबर – 9205270923) के माध्‍यम से भी सूचना दे सकते हैं।

False
Symbols that define nature of fake news
Related Posts
नवीनतम पोस्ट